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सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, शिवपुर साइडिंग का काम कराया ठप - आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या

चतरा में शुक्रवार को आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या के मामले में सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा फूटा है. ग्रामीणों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर शिवपुर साइडिंग से कोल ट्रांसपोर्टिंग और डिस्पैच पूरी तरह से ठप करा दिया है.

सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, शिवपुर साइडिंग का काम कराया ठप
आक्रोशित ग्रामीण
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Published : Dec 28, 2019, 10:59 PM IST

चतराः जिले के कोयलांचल के रूप में स्थापित टंडवा थाना क्षेत्र में संचालित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर कोल साइडिंग में बीते रात हुए आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा फूटा है.

देखें पूरी खबर

जमकर विरोध प्रदर्शन

घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर शिवपुर साइडिंग से कोल ट्रांसपोर्टिंग और डिस्पैच पूरी तरह से ठप करा दिया है. इतना ही नहीं मृतक के आश्रितों और ग्रामीणों ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे के इशारे पर सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या करने का भी गंभीर आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे यहां स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं देना चाहती. इसी उद्देश्य को साधने के चक्कर में क्षेत्र में दहशत फैलाने के उद्देश्य से कंपनी के कर्मियों की ओर से घटना को अंजाम दिलाया गया है. ग्रामीणों और मृतक के आश्रितों ने स्थानीय पुलिस पर मृतक के शव को भी छिपाने का आरोप लगाते हुए अविलंब शव परिजनों को सौंपने की मांग की है. गौरतलब है कि घटना के बाद पुलिस ने शव को बगैर ग्रामीणों की सहमति के घटनास्थल से उठा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. जिससे पुलिस और प्रबंधन के विरुद्ध ग्रामीणों का आक्रोश और भी उग्र हो गया है. मृतक के परिजनों ने सुपरवाइजर के हत्या के दौरान शिवपुर साइडिंग पर लगे लाइट और सीसीटीवी कैमरा बंद रहने पर भी सवाल खड़ा किया है.

यह भी पढे़- कांग्रेस ने 134वें स्थापना दिवस के मौके पर निकाली पदयात्रा, 'भारत बचाओ संविधान बचाओ' का लगाया नारा

कोल ट्रांसपोर्टेशन पर लगा ब्रेक

सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने शिवपुर साइडिंग से कोयले का ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ठप करा दिया है. आक्रोशित ग्रामीण मृतक के आश्रितों को सरकारी मुआवजा और नौकरी देने के साथ-साथ हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर साइडिंग परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों के आंदोलन के बाद मौके से मां अंबे कंपनी एक कर्मी और पदाधिकारी फरार हो गए हैं.

ग्रामीणों को समझाने का प्रयास

हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों के आंदोलन की सूचना पाकर सिमरिया विधायक किशुन दास, आजसू नेता मनोज चंद्रा, कांग्रेस नेता पूर्व विधायक जोगेंद्र नाथ बैठा और जेवीएम नेता रामदेव सिंह भोक्ता मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन ग्रामीण शांत होने के बजाय और भी उग्र होते जा रहे हैं. ग्रामीण मुआवजे के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं.

चतराः जिले के कोयलांचल के रूप में स्थापित टंडवा थाना क्षेत्र में संचालित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर कोल साइडिंग में बीते रात हुए आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा फूटा है.

देखें पूरी खबर

जमकर विरोध प्रदर्शन

घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर शिवपुर साइडिंग से कोल ट्रांसपोर्टिंग और डिस्पैच पूरी तरह से ठप करा दिया है. इतना ही नहीं मृतक के आश्रितों और ग्रामीणों ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे के इशारे पर सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या करने का भी गंभीर आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे यहां स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं देना चाहती. इसी उद्देश्य को साधने के चक्कर में क्षेत्र में दहशत फैलाने के उद्देश्य से कंपनी के कर्मियों की ओर से घटना को अंजाम दिलाया गया है. ग्रामीणों और मृतक के आश्रितों ने स्थानीय पुलिस पर मृतक के शव को भी छिपाने का आरोप लगाते हुए अविलंब शव परिजनों को सौंपने की मांग की है. गौरतलब है कि घटना के बाद पुलिस ने शव को बगैर ग्रामीणों की सहमति के घटनास्थल से उठा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. जिससे पुलिस और प्रबंधन के विरुद्ध ग्रामीणों का आक्रोश और भी उग्र हो गया है. मृतक के परिजनों ने सुपरवाइजर के हत्या के दौरान शिवपुर साइडिंग पर लगे लाइट और सीसीटीवी कैमरा बंद रहने पर भी सवाल खड़ा किया है.

यह भी पढे़- कांग्रेस ने 134वें स्थापना दिवस के मौके पर निकाली पदयात्रा, 'भारत बचाओ संविधान बचाओ' का लगाया नारा

कोल ट्रांसपोर्टेशन पर लगा ब्रेक

सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने शिवपुर साइडिंग से कोयले का ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ठप करा दिया है. आक्रोशित ग्रामीण मृतक के आश्रितों को सरकारी मुआवजा और नौकरी देने के साथ-साथ हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर साइडिंग परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों के आंदोलन के बाद मौके से मां अंबे कंपनी एक कर्मी और पदाधिकारी फरार हो गए हैं.

ग्रामीणों को समझाने का प्रयास

हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों के आंदोलन की सूचना पाकर सिमरिया विधायक किशुन दास, आजसू नेता मनोज चंद्रा, कांग्रेस नेता पूर्व विधायक जोगेंद्र नाथ बैठा और जेवीएम नेता रामदेव सिंह भोक्ता मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन ग्रामीण शांत होने के बजाय और भी उग्र होते जा रहे हैं. ग्रामीण मुआवजे के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं.

Intro:सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, शिवपुर साइडिंग कराया ठप

चतरा : चतरा के कोयलांचल के रूप में स्थापित टंडवा थाना क्षेत्र में संचालित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर कोल साइडिंग में बीते रात हुए आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या के मामले में सीसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनी के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा फूटा है। घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर शिवपुर साइडिंग से कोल ट्रांसपोर्टिंग और डिस्पैच पूरी तरह से ठप करा दिया है। इतना ही नहीं मृतक के आश्रितों और ग्रामीणों ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे के इशारे पर सुपरवाइजर की गोली मारकर हत्या करने का भी गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे यहां स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं देना चाहती। इसी उद्देश्य को साधने के चक्कर में क्षेत्र में दहशत फैलाने के उद्देश्य से कंपनी के कर्मियों के द्वारा घटना को अंजाम दिलाया गया है। ग्रामीणों और मृतक के आश्रितों ने स्थानीय पुलिस पर मृतक के शव को भी छिपाने का आरोप लगाते हुए अविलंब शव परिजनों को सौंपने की मांग की है। गौरतलब है कि घटना के बाद पुलिस ने शव को बगैर ग्रामीणों की सहमति के घटनास्थल से उठा कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। जिससे पुलिस और प्रबंधन के विरुद्ध ग्रामीणों का आक्रोश और भी उग्र हो गया है। मृतक के परिजनों ने सुपरवाइजर के हत्या के दौरान शिवपुर साइडिंग पर लगे लाइट और सीसीटीवी कैमरा बंद रहने पर भी सवाल खड़ा किया है।

बाईट : सलमा, मृतक के परिजन।
घटनास्थल से पी टू सी....!


Body:कोल ट्रांसपोर्टेशन पर लगा ब्रेक

सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने शिवपुर साइडिंग से कोयले का ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह से ठप करा दिया है। आक्रोशित ग्रामीण मृतक के आश्रितों को सरकारी मुआवजा और नौकरी देने के साथ-साथ हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी सुनिश्चित करने की मांग को लेकर साइडिंग परिसर में ही धरने पर बैठ गए हैं। ग्रामीणों के आंदोलन के बाद मौके से मां अंबे कंपनी एक कर्मी और पदाधिकारी फरार हो गए हैं।

विधायक और अधिकारी कर रहे हैं ग्रामीणों को समझाने का प्रयास

हत्या के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों के आंदोलन की सूचना पाकर सिमरिया विधायक किशुन दास, आजसू नेता मनोज चंद्रा, कांग्रेस नेता पूर्व विधायक जोगेंद्र नाथ बैठा और जेवीएम नेता रामदेव सिंह भोक्ता मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण शांत होने के बजाय और भी उग्र होते जा रहे हैं। ग्रामीण मुआवजे के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कंपनी के संचालक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हैं।


Conclusion:सरकार को हो रहा लाखों का नुकसान

गौरतलब है कि श्रीपुर साइडिंग से प्रतिदिन करीब चार रैक कोयला की ट्रांसपोर्टिंग होती है। जिसमें करीब हजारों टन कोयला आम्रपाली कोल परियोजना से दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। ऐसे में सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में अहले सुबह से ठप पड़े कोल ट्रांसपोर्टिंग से सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। बावजूद मां अंबे कंपनी के कर्मी ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराने के बजाय मौके से फरार हैं।

मौके से मिला था हस्तलिखित पर्चा

पूरे घटनाक्रम में सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि सुपरवाइजर हत्याकांड के दौरान घटनास्थल से पुलिस ने विशाल जी के नाम से एक हस्तलिखित पर्चा बरामद किया था। जिसमें बगैर अनुमति साइडिंग में काम शुरू करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी। लेकिन इससे परे मृतक के परिजनों ने पूरे मामले में अपराधियों और उग्रवादियों की भूमिका से इनकार करते हुए साइडिंग की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों पर आउटसोर्सिंग कंपनी मां अंबे के कर्मियों के साथ मिलकर सुपरवाइजर की हत्या कराने का लगाया गया गंभीर आरोप बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

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