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चतरा में एक शख्स ने खुद के अपहरण की साजिश रचकर रिश्तेदारों से 15 लाख की मांगी फिरौती, पुलिस ने किया खुलासा - Pintu Dangi kidnapping case revealed

चतरा पुलिस ने पिंटू दांगी नामक शख्स के अपहरण मामले का खुलासा कर लिया है. बता दें कि पिंटू दांगी ने अपने अपहरण की साजिश रचकर रिश्तेदारों से 15 लाख की फिरौती मांगी थी. फिलहाल पुलिस पिंटू दांगी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.

police revealed kidnapping case in Chatra
चतरा पुलिस
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Published : Jun 4, 2020, 7:55 AM IST

चतरा: पुलिस ने 48 घंटों के भीतर पिंटू दांगी अपहरण केस का उद्भेदन करते हुए अपहृत पिंटू को सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ऋषभ झा ने बताया कि लॉकडाउन अवधि में गुजरात में काम करने वाले अपने एजेंसी के मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने के उद्देश्य से पिंटू ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी. इसके साथ ही उसने खुद अपना पैर हाथ बांधकर एक वीडियो बनाकर उसका स्क्रीन शॉट अपने रिश्तेदारों को भेजते हुए अपने अपहरण की गलत सूचना देते हुए 15 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.

देखें पूरी खबर

एसपी ने बताया कि एक जून को शाम में सूचना मिली थी कि गुजरात में कॉन्ट्रैक्टर का काम करने वाले कोलेश्वर दांगी के पुत्र पिंटू दांगी का अपहरण हुआ है और अपहरणकर्ताओं ने कोलेश्वर के रिश्तेदारों को तस्वीर भेज कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी है. जिसके बाद मोबाइल लोकेशन और सर्विलांस के आधार पर एएसपी निगम प्रसाद और एसडीपीओ वरुण रजक के संयुक्त नेतृत्व में सदर थाना पुलिस और सर्विलांस की टीम अपहृत पिंटू का मोबाइल ट्रेस करने में जुटी थी. इसी दौरान पुलिस की टीम ने लोकेशन के आधार पर पिंटू को चतरा-इटखोरी मुख्य मार्ग से सटे बारिसाखी आमीन जंगल से बरामद कर लिया.

पुलिस ने की पूछताछ

एसपी ने बताया कि जिस समय पिंटू की बरामदगी हुई वह जंगल में एक पेड़ के नीचे अकेले लेटा हुआ था. इसके साथ ही उसके सिर के पास फिरौती मांगने में प्रयुक्त मोबाइल भी रखा था. जिसके बाद उसे कब्जे में लेकर पुलिस टीम सदर थाना ले आई और पूछताछ में जुट गई. पूछताछ में पिंटू ने बताया कि उसे बिहार नंबर की एक बोलेरो गाड़ी से अप हरदा अपहरण कर ले गए थे और क्लोरोफॉर्म सुंघा कर उसे बेहोश कर दिया गया था लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को पता चला था कि उस इलाके में बिहार नंबर की कोई भी बोलेरो गाड़ी नहीं गई थी और ना ही अपहृत पिंटू को क्लोरोफॉर्म सुंघाया गया था.

ये भी देखें- चतरा: CISF के जवान को दी गई श्रद्धांजलि, गांव भेजा गया पार्थिव शरीर

पैसे के लिए रची साजिश

एसपी ने बताया कि पिंटू का गुजरात में काम चल रहा था लेकिन वह लॉकडाउन के कारण अपने घर में फंसने के कारण अपने मजदूरों को पैसे का भुगतान नहीं कर पा रहा था. जिसके विरोध में गुजरात में उसके मजदूर है हड़ताल पर चले गए थे. इसी बात को लेकर पिंटू ने पैसे की जुगाड़ के लिए अपने ही अपहरण की साजिश रचते हुए घटना को अंजाम दिया था.

झूठी सूचना देकर रची साजिश

एसपी ने बताया कि पिंटू को यह भी पता था कि उसके परिवार के पास पैसे नहीं है. ऐसे में उसने अपने रिश्तेदारों को अपने अपहरण की झूठी सूचना देकर पैसे ऐंठने की साजिश रची थी. मामले के उद्भेदन के बाद पुलिस ने 420 का केस करते हुए पिंटू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

चतरा: पुलिस ने 48 घंटों के भीतर पिंटू दांगी अपहरण केस का उद्भेदन करते हुए अपहृत पिंटू को सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ऋषभ झा ने बताया कि लॉकडाउन अवधि में गुजरात में काम करने वाले अपने एजेंसी के मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने के उद्देश्य से पिंटू ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी. इसके साथ ही उसने खुद अपना पैर हाथ बांधकर एक वीडियो बनाकर उसका स्क्रीन शॉट अपने रिश्तेदारों को भेजते हुए अपने अपहरण की गलत सूचना देते हुए 15 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.

देखें पूरी खबर

एसपी ने बताया कि एक जून को शाम में सूचना मिली थी कि गुजरात में कॉन्ट्रैक्टर का काम करने वाले कोलेश्वर दांगी के पुत्र पिंटू दांगी का अपहरण हुआ है और अपहरणकर्ताओं ने कोलेश्वर के रिश्तेदारों को तस्वीर भेज कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी है. जिसके बाद मोबाइल लोकेशन और सर्विलांस के आधार पर एएसपी निगम प्रसाद और एसडीपीओ वरुण रजक के संयुक्त नेतृत्व में सदर थाना पुलिस और सर्विलांस की टीम अपहृत पिंटू का मोबाइल ट्रेस करने में जुटी थी. इसी दौरान पुलिस की टीम ने लोकेशन के आधार पर पिंटू को चतरा-इटखोरी मुख्य मार्ग से सटे बारिसाखी आमीन जंगल से बरामद कर लिया.

पुलिस ने की पूछताछ

एसपी ने बताया कि जिस समय पिंटू की बरामदगी हुई वह जंगल में एक पेड़ के नीचे अकेले लेटा हुआ था. इसके साथ ही उसके सिर के पास फिरौती मांगने में प्रयुक्त मोबाइल भी रखा था. जिसके बाद उसे कब्जे में लेकर पुलिस टीम सदर थाना ले आई और पूछताछ में जुट गई. पूछताछ में पिंटू ने बताया कि उसे बिहार नंबर की एक बोलेरो गाड़ी से अप हरदा अपहरण कर ले गए थे और क्लोरोफॉर्म सुंघा कर उसे बेहोश कर दिया गया था लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को पता चला था कि उस इलाके में बिहार नंबर की कोई भी बोलेरो गाड़ी नहीं गई थी और ना ही अपहृत पिंटू को क्लोरोफॉर्म सुंघाया गया था.

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पैसे के लिए रची साजिश

एसपी ने बताया कि पिंटू का गुजरात में काम चल रहा था लेकिन वह लॉकडाउन के कारण अपने घर में फंसने के कारण अपने मजदूरों को पैसे का भुगतान नहीं कर पा रहा था. जिसके विरोध में गुजरात में उसके मजदूर है हड़ताल पर चले गए थे. इसी बात को लेकर पिंटू ने पैसे की जुगाड़ के लिए अपने ही अपहरण की साजिश रचते हुए घटना को अंजाम दिया था.

झूठी सूचना देकर रची साजिश

एसपी ने बताया कि पिंटू को यह भी पता था कि उसके परिवार के पास पैसे नहीं है. ऐसे में उसने अपने रिश्तेदारों को अपने अपहरण की झूठी सूचना देकर पैसे ऐंठने की साजिश रची थी. मामले के उद्भेदन के बाद पुलिस ने 420 का केस करते हुए पिंटू को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

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