ETV Bharat / state

सरकार ने स्कूल तो बनाया, लेकिन शौचालय बनाना भूल गई! - सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय

स्थानीय प्रशासन सिमरिया को ओडीएफ करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर रही है, लेकिन चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में शौचलय के नाम पर सिर्फ चार दीवारें ही रह गईं है. जिस वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्रों का कहना है कि पछले 4 सालों से वह इस परेशानी को झेल रहे हैं.

plus two high schools located in simaria subdivision
सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय
author img

By

Published : Dec 3, 2019, 1:12 PM IST

चतरा: सरकार शौचालय बनवाने के लिए लगातार अभियान चला रही है. इस कवायद के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बाकायदा एक फिल्म भी बनाई है, लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद कई विद्यालयों के हजारों बच्चे आज भी शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में तो सरकार शौचालय बनाना ही भूल गई है. जिस वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

देखें स्पेशल खबर


विद्यालय में चारदीवारी में गेट नहीं रहने के कारण उपद्रवी लड़कों ने सभी शौचालयों को और उनके दरवाजे को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. जिसके कारण शौचालय का प्रयोग नहीं किया जा सकता. यही स्थिति तकरीबन 4 सालों से बनी हुई है. उच्च विद्यालय में तकरीबन 1200 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं. ऐसे में वहां के छात्रों को शौच के लिए परेशानियों में सामना करना पड़ता है. विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि सरकार ने घर-घर शौचालय तो दे दिया पर इतने बड़े विद्यालय में शौचालय एक भी नहीं है. वे अब इसके लिए काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभा को किया संबोधित, गणेश महली के पक्ष में मतदान करने की अपील की


लिहाजा इसी कारण कई छात्राएं बीच में ही विद्यालय छोड़कर घर चली जा रही हैं. जिसके कारण उनके पठन-पाठन में भी परेशानी हो रही है. छात्राओं का कहना है कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने विद्यालय को तीन आधुनिक शौचालय मुहैया कराया था, पर उपद्रवियों ने उसे तोड़फोड़ कर बर्बाद कर दिया. ऐसे में छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, शिक्षक ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग या जिला प्रशासन के पास शौचालय बनाने के लिए राशि उपलब्ध नहीं है तो ग्रामीणों से चंदे लेकर ही बना देती ताकि छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. हैरत की बात यह है कि पूरा महकमा स्वच्छता अभियान के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त रखने का अभियान चला रहा है, लेकिन उन्होंने ग्राम पंचायतों में स्थित स्कूलों के शौचालय की मरम्मत की अधिकारी जहमत नहीं उठा रही है.

चतरा: सरकार शौचालय बनवाने के लिए लगातार अभियान चला रही है. इस कवायद के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बाकायदा एक फिल्म भी बनाई है, लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद कई विद्यालयों के हजारों बच्चे आज भी शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में तो सरकार शौचालय बनाना ही भूल गई है. जिस वजह से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

देखें स्पेशल खबर


विद्यालय में चारदीवारी में गेट नहीं रहने के कारण उपद्रवी लड़कों ने सभी शौचालयों को और उनके दरवाजे को तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया. जिसके कारण शौचालय का प्रयोग नहीं किया जा सकता. यही स्थिति तकरीबन 4 सालों से बनी हुई है. उच्च विद्यालय में तकरीबन 1200 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं. ऐसे में वहां के छात्रों को शौच के लिए परेशानियों में सामना करना पड़ता है. विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि सरकार ने घर-घर शौचालय तो दे दिया पर इतने बड़े विद्यालय में शौचालय एक भी नहीं है. वे अब इसके लिए काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सभा को किया संबोधित, गणेश महली के पक्ष में मतदान करने की अपील की


लिहाजा इसी कारण कई छात्राएं बीच में ही विद्यालय छोड़कर घर चली जा रही हैं. जिसके कारण उनके पठन-पाठन में भी परेशानी हो रही है. छात्राओं का कहना है कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन ने विद्यालय को तीन आधुनिक शौचालय मुहैया कराया था, पर उपद्रवियों ने उसे तोड़फोड़ कर बर्बाद कर दिया. ऐसे में छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, शिक्षक ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग या जिला प्रशासन के पास शौचालय बनाने के लिए राशि उपलब्ध नहीं है तो ग्रामीणों से चंदे लेकर ही बना देती ताकि छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. हैरत की बात यह है कि पूरा महकमा स्वच्छता अभियान के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त रखने का अभियान चला रहा है, लेकिन उन्होंने ग्राम पंचायतों में स्थित स्कूलों के शौचालय की मरम्मत की अधिकारी जहमत नहीं उठा रही है.

Intro:चतरा: सरकार विद्यालय में शौचालय बनाना भूल गई, ऐसे में बच्चे शौच के लिए कहां जाएं, गंभीर सवाल है ?

चतरा: केंद्र सरकार ग्राम पंचायतों को सोच से मुक्त करने के लिए अभियान चला रही है। इस कवायद के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बाकायदा एक फिल्म बनाई है। लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद कई विद्यालयों के हजारों बच्चे आज भी शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जहां खुले में शौच होने वाली बीमारियों और इसके दुष्परिणाम की जानकारी दी जाती है वहीं शौचालय नहीं है। चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में सरकार विद्यालय में शौचालय बनाना भूल गई है। वैसे कहने को तो छात्र छात्राओं के लिए छह शौचालयों का विभिन्न मदों से निर्माण कराया गया। पर उक्त उच्च विद्यालय अब शौचालय विहीन है। विद्यालय में चारदीवारी के गेट नहीं रहने के कारण उपद्रवी तत्व के लड़कों द्वारा सभी शौचालयों को और उनके दरवाजे को तोड़ फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसके कारण वे अब उपयोग में आने के लायक नहीं रह गए हैं। महज उनका ढांचा ही खड़ा है। यही स्थिति तकरीबन चार वर्षो से बनी हुई है। उच्च विद्यालय में तकरीबन बारह सौ से अधिक अधिक छात्राएं और छात्र विभिन्न कक्षाओं में अध्ययन करते हैं। विद्यालय सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक चलता है। ऐसे में वहां के छात्र-छात्राओं को शौचालय जाने के लिए काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ रही है। विद्यालय की छात्राओं ने बताया कि सरकार ने घर-घर शौचालय तो दे दिया पर इतने बड़े विद्यालय में शौचालय एक भी नहीं है। वे अब इसके लिए काफी शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।

1. बाईट--- विद्यालय के छात्रा
2. बाईट--- विद्यालय के छात्रा
3. बाईट--- विद्यालय के शिक्षकBody:लिहाजा यही कारण कई छात्राएं बीच में ही विद्यालय छोड़कर घर चली जा रही है। जिसके कारण उनके पठन-पाठन में भी परेशानी हो रही है। छात्राओं ने बताया कि चारदीवारी का गेट नहीं रहने के कारण विद्यालय अवधि समाप्त होने पर कई उचक्के किस्म के युवक विद्यालय में पहुंचकर सरकारी संपत्तियों को नष्ट कर देते हैं। जिन में शौचालय भी शामिल हैं। उनका कहना है कि नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन द्वारा विद्यालय को तीन आधुनिक शौचालय मुहैया कराया गया पर उपद्रवियों ने उसे तोड़फोड़ कर उसके दरवाजे ले भागे वहीं पूर्व में दो शौचालयों का का निर्माण कराया गया। उसे नष्ट भी कर दिया गया है। ऐसे में हम लोगों को काफी परेशानी हो रही है। स्थानीय प्रशासन सिमरिया को ओडीएफ मुक्त करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार कर रही है पर उसके नाक के नीचे का ही यह समस्या अब तक बनी हुई है।Conclusion:वहीं छात्र-छात्राओं के अभिभावकों ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग या जिला प्रशासन के पास शौचालय बनाने के लिए राशि उपलब्ध नहीं है तो ग्रामीणों से चंदे लेकर ही बना देती ताकि छात्र छात्राओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। हैरत की बात यह है कि पूरा महकमा स्वच्छता अभियान के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त रखने का अभियान चला रहा है। लेकिन उन्होंने ग्राम पंचायतों में स्थित स्कूलों के शौचालय की मरम्मत की अधिकारी जहमत नहीं उठा रहे हैं।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत चतरा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.