चतरा: वैश्विक महामारी कोरोना काल में जिलेवासियों को स्वस्थ और चुस्त-दुरुस्त रखने का एकमात्र सहारा स्वास्थ्य महकमा एक बार फिर अपनी करतूतों से चर्चा में है. दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे स्वास्थ्य विभाग को उसके एक जागरूकता होर्डिंग ने विवादों मे ला खड़ा कर दिया है.
दरअसल, राष्ट्रीय आपदा का रूप धारण कर चुके कोरोना से आम लोगों के बचाव को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल समेत विभिन्न सरकारी कार्यालय परिसरों में जागरूकता होर्डिंग लगाई गई है लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति के लगाया गया यह होर्डिंग लोगों को जागरूक करने के बजाए कंफ्यूज कर रहा है. इस होर्डिंग में लोगों से यह अपील की गई है कि "मास्क पहनने की कोई जरूरत नहीं है, मास्क तभी पहने जब आप अस्वस्थ महसूस करें"? ऐसे में लोग इस असमंजस में पड़े हैं कि वह स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें या फिर पुलिस विभाग का. क्योंकि सड़कों पर बिना मास्क निकलने वाले वाहन चालकों पर पुलिस सख्ती बरत रही है. इतना ही नहीं पुलिस बगैर मास्क घरों से पैदल निकलने वाले लोगों तक का चालान काटा जा रहा है.
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जिले के विभिन्न थानों में पुलिस ने बगैर मास्क संचालित सैकड़ों दोपहिया और चार पहिया वाहनों को भी जब्त किया है. ऐसे में अब लोग जिला प्रशासन से यह सवाल पूछ रहे हैं कि लोगों की सेहत का ख्याल रखने वाला स्वास्थ्य महकमा लोगों को कंफ्यूज कर रहा है या फिर कानून और विधि व्यवस्था संधारण में जुटी पुलिस महकमा जबरन सख्ती बरत रहा. हालांकि इस मामले से जिले के उपायुक्त को अवगत कराया गया तो वे स्वास्थ्य महकमे का बचाव करते नजर आए.
उन्होंने कहा कि पूर्व में जब देश में मास्क पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं था तो उस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस तरह का निर्देश जारी किया था लेकिन वर्तमान में न सिर्फ परिस्थितियां बदली है बल्कि पर्याप्त मात्रा में मास्क भी उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि लोगों को कंफ्यूज करने वाले सभी हार्डिंग को हटाने का निर्देश जारी कर दिया गया है.