चतरा: संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा से अनुसूचित जाति जनजाति आदेश संशोधन विधेयक 2022 को पारित कर दिया गया है. इसके बाद अब महादलित सामुदाय से जुड़े भोगता सामाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर लिया गया है. इसके समर्थन में भोगता समाज के लोगों ने खुशी प्रकट की है. इस अवसर पर भोगता समाज के लोगों ने शाहिद नीलांबर पीताम्बर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और जमकर अबीर गुलाल लगाकर खुशी मनाई. इस दौरान उन्होंने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. भोगता समाज के जिला अध्यक्ष जगदीश सिंह भोगता ने बताया कि भारत सरकार ने इस विधेयक को पास कर खरवार भोगता जाति के लोगों को तोहफा दिया है.
भोगता समाज के जिला अध्यक्ष जगदीश सिंह भोगता ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा और अनुसूचित जनजातीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के अलावा जिन लोगों ने भी इस संशोधन विधयक का समर्थन किया उसके प्रति आभार व्यक्त किया है. झारखंड की अनुसूचित जाति की श्रेणी में शुमार भोगता जाति को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी का दर्जा मिलने जा रहा है. इसको लेकर संविधान (अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022 पिछले दिनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुका है. लेकिन जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की इस पहल के विरोध में सूबे के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता खुलकर सामने आ गये हैं.
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इस संशोधन पर झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की यह पहल राजनीतिक साजिश है. उनका कहना है कि झारखंड की तीन विधानसभा सीटों यानी चतरा, लातेहार और सिमरिया में इस जाति का मजबूत राजनीतिक आधार रहा है. तीनों सीटें एससी समाज के लिए रिजर्व हैं. चतरा विधानसभा सीट पर साल 1985 से लेकर अबतक हुए चुनाव में छह बार भोगता समाज के प्रतिनिधियों की जीत हुई है. अगर भोगता जाति को एसटी का दर्जा मिल जाएगा तो फिर इस समाज का पॉलिटिकल डेथ हो जाएगा.