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जान जोखिम में डालकर जिंदगी गुजार रहे लोग, आखिर कब बनेगा चतरा का गेरुआ पुल - गेरुआ नदी पर पुल टूट जाने से लोगों को परेशानी हो रही

चतरा के टंडवा में गेरुआ नदी पर पुल नहीं होने की वजह से यात्री समेत यहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों ने पुल को लेकर सरकार से कई बार मांग की, लेकिन पुल नहीं बना.

People are having trouble due to not having a bridge over the Gerua River in chatra
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Published : Aug 20, 2020, 1:10 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 1:19 PM IST

चतरा: जिले के टंडवा के लोग एक ऐसे जुर्म की सजा काट रहे हैं, जो उन्होंने किया ही नहीं. गेरुआ नदी पर पुल सलामत नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. इनकी छोटी सी मांग है कि पुल बन जाए.

देखिए पूरी खबर

ऐसा नहीं है कि गेरुआ नदी पर पुल नहीं है. पुल है, लेकिन टूटा हुआ जो कल तक चतरा को हजारीबाग से जोड़ने वाली लाइफ लाइन हुआ करती थी. आज खुद उसके पास जिंदगी नहीं है. लाख कोशिशों के बाद भी पुल तो नहीं, डाइवर्सन जरूर बना. वो भी चंद दिनों में ही कई बार मारा गया. लाखों खर्च हुए, लेकिन सब बर्बाद. नतीजतन हालात वही रहे.

ये भी पढे़ं: हेल्थ मिनिस्टर कोरोना पॉजिटिव, होम क्वॉरेंटाइन में सीएम समेत 8 मंत्री

स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक किशुनदास जनता के दर्द को समझते हैं. वो कई बार सरकार से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. टंडवा के गेरुआ नदी पुल और लोगों की दास्तां सुनकर आप सोच रहे होगे कि कोई सुदूरवर्ती पिछड़ा इलाका होगा. जरा ठहरिए, यह जान लिजिए यहां देश के दो बड़ी परियोजना चल रही है. एक एनटीपीसी, दूसरा आम्रपाली प्रोजेक्ट. चलिए यह सब रहने दिजिए, बस इतनी दुआ किजिए कि सरकार जल्द से जल्द इस ओर नजर-ए-इनायत करे, जिससे कि यहां के लोगों को रोजाना के मौत के स्टंट से छुटकारा मिले.

चतरा: जिले के टंडवा के लोग एक ऐसे जुर्म की सजा काट रहे हैं, जो उन्होंने किया ही नहीं. गेरुआ नदी पर पुल सलामत नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. इनकी छोटी सी मांग है कि पुल बन जाए.

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ऐसा नहीं है कि गेरुआ नदी पर पुल नहीं है. पुल है, लेकिन टूटा हुआ जो कल तक चतरा को हजारीबाग से जोड़ने वाली लाइफ लाइन हुआ करती थी. आज खुद उसके पास जिंदगी नहीं है. लाख कोशिशों के बाद भी पुल तो नहीं, डाइवर्सन जरूर बना. वो भी चंद दिनों में ही कई बार मारा गया. लाखों खर्च हुए, लेकिन सब बर्बाद. नतीजतन हालात वही रहे.

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Last Updated : Aug 20, 2020, 1:19 PM IST
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