चतरा: जिले के टंडवा के लोग एक ऐसे जुर्म की सजा काट रहे हैं, जो उन्होंने किया ही नहीं. गेरुआ नदी पर पुल सलामत नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है. इनकी छोटी सी मांग है कि पुल बन जाए.
ऐसा नहीं है कि गेरुआ नदी पर पुल नहीं है. पुल है, लेकिन टूटा हुआ जो कल तक चतरा को हजारीबाग से जोड़ने वाली लाइफ लाइन हुआ करती थी. आज खुद उसके पास जिंदगी नहीं है. लाख कोशिशों के बाद भी पुल तो नहीं, डाइवर्सन जरूर बना. वो भी चंद दिनों में ही कई बार मारा गया. लाखों खर्च हुए, लेकिन सब बर्बाद. नतीजतन हालात वही रहे.
ये भी पढे़ं: हेल्थ मिनिस्टर कोरोना पॉजिटिव, होम क्वॉरेंटाइन में सीएम समेत 8 मंत्री
स्थानीय जनप्रतिनिधि विधायक किशुनदास जनता के दर्द को समझते हैं. वो कई बार सरकार से पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी. टंडवा के गेरुआ नदी पुल और लोगों की दास्तां सुनकर आप सोच रहे होगे कि कोई सुदूरवर्ती पिछड़ा इलाका होगा. जरा ठहरिए, यह जान लिजिए यहां देश के दो बड़ी परियोजना चल रही है. एक एनटीपीसी, दूसरा आम्रपाली प्रोजेक्ट. चलिए यह सब रहने दिजिए, बस इतनी दुआ किजिए कि सरकार जल्द से जल्द इस ओर नजर-ए-इनायत करे, जिससे कि यहां के लोगों को रोजाना के मौत के स्टंट से छुटकारा मिले.