चतरा: एसडीपीओ वरुण रजक और जवानों की तत्परता से इटखोरी में मॉब लिंचिंग की घटना होने से टल गई. जवानों ने न सिर्फ भारी भीड़ से युवक की जान बचाई, बल्कि उसे गंभीर अवस्था में उपचार के लिए इटखोरी उप स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. वहीं, चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए घायल को बेहतर इलाज के लिए हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दिया. भूमि विवाद के मामले को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई.
थाना प्रभारी पर अपराधियों के साथ मिलीभगत का आरोप
जानकारी के अनुसार इटखोरी थाना क्षेत्र के कनौदी गांव में भूमि विवाद को लेकर मंगलवार को हुई मारपीट की घटना में शंकर साव गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका इलाज के दौरान गुरुवार को रिम्स में मौत हो गई. इस मामले को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने इटखोरी थाने का घेराव कर थाना प्रभारी परमानन्द मेहरा और एएसआई भोला राम पर अपराधियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए उन्हें वर्खास्त करने की मांग करने लगे.
ग्रामीणों का आक्रोश शांत होने का नहीं ले रहा था नाम
हंगामा बढ़ता देख चतरा एसडीपीओ वरुण रजक इटखोरी थाना पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश शांत होने का नाम नहीं ले रहा था. इसी दौरान मृतक शंकर साव के परिजनों ने दूसरे पक्ष बुलक साव के घर पर हमला बोल दिया और उसकी की जमकर पिटाई कर दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना के बाद इटखोरी पुलिस ने घायल को स्वास्थ्य केंद्र इटखोरी में भर्ती करवाया, जहां से गम्भीर अवस्था में उसे हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. घटना के बाद पुलिस ने इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है.
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भूमि-विवाद को लेकर हुई थी झड़प
बता दें कि मंगलवार को भूमि-विवाद को लेकर थाना क्षेत्र के धनखेरी निवासी डुगनी देवी, अमित साव, रतन साव और कनौदी निवासी, शंकर साव, तेजो साव, खेमनी देवी के दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. इसमें प्रथम पक्ष के शंकर साव गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसे स्वास्थ्य केंद्र इटखोरी में इलाज के बाद हजारीबाग रेफर कर दिया गया था, जहां स्थिति खराब होता देख परिजनों ने इलाज के लिए रांची रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. वहीं, रिम्स में इलाज के दौरान शंकर साव की गुरुवार को मौत हो गयी. मृतक के परिवार के द्वारा महिला समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था.