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वतन वापसी की आस में विदेश में पड़ा है नईम का शव, परिवार को फरिश्ते का है इंतजार

नईमुद्दीन की हार्ट अटैक से मौत के बाद आखिरी झलक पाने के लिए भी परिजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है. परिजन विदेश मंत्रालय और विदेशी थानों का चक्कर काटकर थक चुके है. परिजनों को किसी फरिश्ते का इंतजार है. परिजनों ने जिला प्रशासन से विदेश में पड़े शव को वतन वापस लाने की गुहार लगा रही है.

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Published : Jul 19, 2019, 7:26 PM IST

परिजन का बुरा हाल

चतरा : चतरा के घोर नक्सल प्रभावित कान्हाचट्टी प्रखंड के इस्लामपुर गांव में मोहम्मद नईमुद्दीन अंसारी का शव विगत एक सप्ताह से इंतजार में वतन से बाहर सऊदी अरब में पड़ा है.

देखें पूरी खबर
सऊदी अरब के रियाद इलाके में विगत 14 जुलाई को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी, जिसकी सूचना 15 जुलाई को उनके परिजनों को मिली. तब से उनके परिजन और सगे-संबंधी नईमुद्दीन के शव को सऊदी अरब से भारत लाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन कागजी प्रक्रिया और आर्थिक रूप से कमजोर रहने के कारण कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.


परिजनों के अनुसार दो वर्ष पूर्व नईम अंसारी सऊदी अरब रोजगार की तलाश में गए थे. नईमुद्दीन सऊदी अरब में कुकिंग का काम करते थे. बकरीद के मौके पर अगस्त महीने में वह लंबे समय बाद अपने वतन-अपने घर आने वाले थे. लेकिन शायद कुदरत को यह मंजूर नहीं था. काम के दौरान सऊदी अरब के रियाद इलाके में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.


परिजन हैं परेशान
नईम की मौत की सूचना मिलने के बाद परिजन उसके जनाजे को वतन से लाने के लिए परेशान हैं. वहीं गांव में मातम छाया हुआ है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. परिजन सऊदी अरब से शव के आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नईम का शव घर आएगा कैसे यह चिंता उसके परिजनों को और भी सता रही है. नईम के परिजनों ने सरकार और जिला प्रशासन से शव को वापस लाने में मदद की गुहार लगाई है.

ये भी देखें- चेन्नई से मृत मजदूरों के शव एयर एंबुलेंस से चतरा लाने की तैयारी, मृतक के परिजनों को 1-1 लाख का मुआवजा


परिजनों का कहना है कि वह सऊदी अरब के थानों और विदेश मंत्रालय का चक्कर काट कर थक चुके हैं. उनकी हालत भी ऐसी नहीं है कि वे सऊदी अरब जाकर नईम के शव को ला सकें. ऐसे में अगर जिला प्रशासन मानवीय संवेदना के आधार पर थोड़ी भी दरियादिली दिखा दे तो परिजनों को नईम का आखरी दीदार होने के साथ-साथ मृतक को वतन का 2 गज जमीन मयस्सर हो जाएगी.

चतरा : चतरा के घोर नक्सल प्रभावित कान्हाचट्टी प्रखंड के इस्लामपुर गांव में मोहम्मद नईमुद्दीन अंसारी का शव विगत एक सप्ताह से इंतजार में वतन से बाहर सऊदी अरब में पड़ा है.

देखें पूरी खबर
सऊदी अरब के रियाद इलाके में विगत 14 जुलाई को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी, जिसकी सूचना 15 जुलाई को उनके परिजनों को मिली. तब से उनके परिजन और सगे-संबंधी नईमुद्दीन के शव को सऊदी अरब से भारत लाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन कागजी प्रक्रिया और आर्थिक रूप से कमजोर रहने के कारण कामयाब नहीं हो पा रहे हैं.


परिजनों के अनुसार दो वर्ष पूर्व नईम अंसारी सऊदी अरब रोजगार की तलाश में गए थे. नईमुद्दीन सऊदी अरब में कुकिंग का काम करते थे. बकरीद के मौके पर अगस्त महीने में वह लंबे समय बाद अपने वतन-अपने घर आने वाले थे. लेकिन शायद कुदरत को यह मंजूर नहीं था. काम के दौरान सऊदी अरब के रियाद इलाके में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.


परिजन हैं परेशान
नईम की मौत की सूचना मिलने के बाद परिजन उसके जनाजे को वतन से लाने के लिए परेशान हैं. वहीं गांव में मातम छाया हुआ है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. परिजन सऊदी अरब से शव के आने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नईम का शव घर आएगा कैसे यह चिंता उसके परिजनों को और भी सता रही है. नईम के परिजनों ने सरकार और जिला प्रशासन से शव को वापस लाने में मदद की गुहार लगाई है.

ये भी देखें- चेन्नई से मृत मजदूरों के शव एयर एंबुलेंस से चतरा लाने की तैयारी, मृतक के परिजनों को 1-1 लाख का मुआवजा


परिजनों का कहना है कि वह सऊदी अरब के थानों और विदेश मंत्रालय का चक्कर काट कर थक चुके हैं. उनकी हालत भी ऐसी नहीं है कि वे सऊदी अरब जाकर नईम के शव को ला सकें. ऐसे में अगर जिला प्रशासन मानवीय संवेदना के आधार पर थोड़ी भी दरियादिली दिखा दे तो परिजनों को नईम का आखरी दीदार होने के साथ-साथ मृतक को वतन का 2 गज जमीन मयस्सर हो जाएगी.

Intro:चतरा : चतरा के घोर नक्सल प्रभावित कान्हाचट्टी प्रखंड के इस्लामपुर गांव निवासी मोहम्मद नईमुद्दीन अंसारी का शव विगत एक सप्ताह से सुपुर्द ए खाक के इंतजार में वतन से बाहर सऊदी अरब में पड़ा है। नईमुद्दीन इस उद्देश्य से देश से बाहर रोजगार की तलाश में गए थे कि वह अपने और परिवार के सदस्यों के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम कर सकें। लेकिन आज उनकी यही सोच उनके परिजनों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। नईमुद्दीन की हार्ट अटैक से मौत के बाद आखिरी झलक पाने के लिए भी परिजनों को मशक्कत करनी पड़ रही है। बावजूद यह निश्चित नहीं है कि उनकी उम्मीदे पूरी होंगी और नईमुद्दीन का आखिरी दीदार वे कर पाएंगे। ऐसे में विदेश मंत्रालय और विदेशी थानों का चक्कर काटकर थक चुके परिजनों को किसी फरिश्ते का इंतजार है। थक हार कर नईमुद्दीन के परिजनों ने जिला प्रशासन से विदेश में पड़े शव को वतन वापस लाने की गुहार लगाई है। परिजनों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन थोड़ी भी मदद कर दे तो उन्हें उम्मीद है कि रोटी की तलाश में देश से बाहर गए नईमउद्दीन को आखिरी समय मे वतन का दो गज जमीन मयस्सर हो जाएगा।

वन टू वन : मो.इस्राइल मजाहिरी- मृतक का परिजन।


Body:नईम की मौत की सूचना मिलने के बाद परिजन उसके जनाजे को वतन लाने के लिए परेशान हैं वहीं गांव में मातम छाया हुआ है परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है परिजन सऊदी अरब से सो के आने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन नईम का शव घर आएगा कैसे यह चिंता उसके परिजनों को और भी सता रही है नईम के परिजनों ने सरकार व जिला प्रशासन से 100 को अपने वापस लाने में मदद की गुहार लगाई है परिजनों का कहना है कि वह सऊदी अरब के थानों और विदेश मंत्रालय का चक्कर काट कर थक चुके हैं उनकी माली हालत भी ऐसी नहीं है कि वे सऊदी अरब जाकर नईम केशव को ला सके ऐसे में अगर जिला प्रशासन मानवीय संवेदना के आधार पर थोड़ी भी दरियादिली दिखा दे तो परिजनों को नईम का आखरी दीदार होने के साथ-साथ मृतक को वतन का 2 गज जमीन मयस्सर हो जाएगा।


Conclusion:परिजनों के अनुसार दो वर्ष पूर्व नईम अंसारी सऊदी अरब रोजगार की तलाश में गए थे। तब से वह वही काम कर रहे थे। बकरीद के मौके पर अगस्त महीने में वह लंबे समय बाद अपने वतन-अपने घर आने वाले थे। लेकिन शायद कुदरत को यह मंजूर नहीं था। काम के दौरान सऊदी अरब के रियाद इलाके में विगत 14 जुलाई को हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। जिसकी सूचना 15 जुलाई को उनके परिजनों को मिली। तब से उनके परिजन और सगे संबंधी नईमुद्दीन के शव को सऊदी अरब से भारत लाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कागजी प्रक्रिया और आर्थिक रूप से कमजोर रहने के कारण वे कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। नईमुद्दीन सऊदी अरब में कुकिंग का काम करते थे।
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