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विधानसभा चुनाव 2019: चतरा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ, लेकिन इसकी सुगबुगाहट जरूर तेज हो गई है. चुनाव में भाग्य आजमाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और संभावित प्रत्याशी अभी से ही एक्शन मूड में आ गए हैं. चतरा में नेताओं की स्थिति और मौजूदा समस्याओं को लेकर जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है.

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Published : Sep 24, 2019, 4:27 PM IST

चतरा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

चतरा: झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 का शंखनाद होने वाला है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ, लेकिन इसकी सुगबुगाहट जरूर तेज हो गई है. चुनाव में भाग्य आजमाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और संभावित प्रत्याशी अभी से ही एक्शन मोड में आ गए हैं. जो कल तक आम थे वह आज खास बनकर खुद को बतौर प्रत्याशी पेश कर रहे हैं. ऐसे में पूरे पांच साल भूमिगत रहने वाले नेता भी आज गली गली घूमते दिख रहे हैं. चतरा में नेताओं की स्थिति और मौजूदा समस्याओं को लेकर जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

जनता का मेनिफेस्टो

  • पेयजल किल्लत की समस्या से लोगों को निजात मिले
  • घोषणाओं के बजाय 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाय
  • जर्जर सड़कों का जीर्णोद्धार हो
  • बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार सृजित हो
  • एम्पलाईमेंट को बढ़ावा मिले
  • चतरा के एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय में सभी फैकल्टी की पढ़ाई शुरू हो
  • विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति सरकारी महाविद्यालय में हो
  • शहर में अविलंब बाईपास का निर्माण कराया जाए
  • दिन प्रतिदिन बढ़ते अपराध पर नकेल कसा जाए
  • संशोधित आरटीओ नियमावली को देखते हुए दस्तावेज निर्माण में आवेदकों को सुविधा मिले
  • सभी कार्यालयों में सिंगल विंडो स्कीम लागू हो
  • सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और बिचौलिए पर लगाम लगे
  • स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो महिला चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए
  • शिक्षा सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए
  • जिले के विभिन्न प्रखंडों में लाइब्रेरी की व्यवस्था हो

चुनाव से पहले अखाड़े में कूदने वाले नेता वादों की बरसात करते हैं. जनता के बीच जाकर मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से सपनों का महल बनाते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही वो अपने सारे वादे भूल जाते हैं. इसके कारण न सिर्फ विकास योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह जाती हैं, बल्कि उनके वादे और आश्वासन कोरा कागज साबित होते हैं. राज्य गठन के करीब 20 साल गुजरने वाले हैं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

इसके बावजूद जनता को अब तक विकास की रफ्तार नहीं दिखी, जिसकी उम्मीद उन्होंने पाल रखी थी. इसका एकमात्र कारण जनप्रतिनिधियों की नाकामी रही है. झारखंड विकास मोर्चा का दामन छोड़ कर फूल थामने वाले भाजपा विधायक जयप्रकाश सिंह भोक्ता जनता की उम्मीदों पर शायद पूरी तरह खरे नहीं उतर सके.

चतरा: झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 का शंखनाद होने वाला है. चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ, लेकिन इसकी सुगबुगाहट जरूर तेज हो गई है. चुनाव में भाग्य आजमाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और संभावित प्रत्याशी अभी से ही एक्शन मोड में आ गए हैं. जो कल तक आम थे वह आज खास बनकर खुद को बतौर प्रत्याशी पेश कर रहे हैं. ऐसे में पूरे पांच साल भूमिगत रहने वाले नेता भी आज गली गली घूमते दिख रहे हैं. चतरा में नेताओं की स्थिति और मौजूदा समस्याओं को लेकर जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

जनता का मेनिफेस्टो

  • पेयजल किल्लत की समस्या से लोगों को निजात मिले
  • घोषणाओं के बजाय 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाय
  • जर्जर सड़कों का जीर्णोद्धार हो
  • बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार सृजित हो
  • एम्पलाईमेंट को बढ़ावा मिले
  • चतरा के एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय में सभी फैकल्टी की पढ़ाई शुरू हो
  • विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति सरकारी महाविद्यालय में हो
  • शहर में अविलंब बाईपास का निर्माण कराया जाए
  • दिन प्रतिदिन बढ़ते अपराध पर नकेल कसा जाए
  • संशोधित आरटीओ नियमावली को देखते हुए दस्तावेज निर्माण में आवेदकों को सुविधा मिले
  • सभी कार्यालयों में सिंगल विंडो स्कीम लागू हो
  • सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार और बिचौलिए पर लगाम लगे
  • स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो महिला चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए
  • शिक्षा सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए
  • जिले के विभिन्न प्रखंडों में लाइब्रेरी की व्यवस्था हो

चुनाव से पहले अखाड़े में कूदने वाले नेता वादों की बरसात करते हैं. जनता के बीच जाकर मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य से सपनों का महल बनाते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही वो अपने सारे वादे भूल जाते हैं. इसके कारण न सिर्फ विकास योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह जाती हैं, बल्कि उनके वादे और आश्वासन कोरा कागज साबित होते हैं. राज्य गठन के करीब 20 साल गुजरने वाले हैं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो

इसके बावजूद जनता को अब तक विकास की रफ्तार नहीं दिखी, जिसकी उम्मीद उन्होंने पाल रखी थी. इसका एकमात्र कारण जनप्रतिनिधियों की नाकामी रही है. झारखंड विकास मोर्चा का दामन छोड़ कर फूल थामने वाले भाजपा विधायक जयप्रकाश सिंह भोक्ता जनता की उम्मीदों पर शायद पूरी तरह खरे नहीं उतर सके.

Intro:चतरा : झारखंड में विधानसभा चुनाव 2019 का शंखनाद होने वाला है। चुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही अभी नहीं हुआ है लेकिन इसकी सुगबुगाहट जरूर तेज हो गई है। चुनाव में भाग्य आजमाने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और संभावित प्रत्याशी अभी सही एक्शन मूड में आ गए हैं। जो कल तक आम थे वह आज खास बन कर खुद को प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में पूरे पांच साल भूमिगत रहने वाले नेता भी आज गली गली घूमते दिख रहे हैं। ऐसे में खुद को टिकट का दावेदार बताते हुए यह नेता या तो अपनी टिकट बचाने के लिए पुरजोर कोशिश करने में जुटे हैं या फिर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास में। चतरा में नेताओं की स्थिति और उत्पन्न समस्याओं को लेकर जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है।



Body:जनता का मेनिफेस्टो

. पेयजल किल्लत की समस्या से लोगों को निजात मिले
. घोषणाओं के बजाय 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाय
. जर्जर सड़कों का जीर्णोद्धार हो
. बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिए रोजगार सृजित हो
. एम्पलाईमेंट को बढ़ावा मिले
. चतरा के एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय में सभी फैकल्टी की पढ़ाई शुरू हो
. विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति सरकारी महाविद्यालय में हो
. शहर में अविलंब बाईपास का निर्माण कराया जाए
. दिन प्रतिदिन बढ़ते अपराध पर नकेल कसा जाए
. संशोधित आरटीओ नियमावली को देखते हुए दस्तावेज निर्माण में आवेदकों को सुविधा मिले
. सभी कार्यालयों में सिंगल विंडो स्कीम लागू हो
. सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार वह बिचोली आवाज पर लगाम लगे
. स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो महिला चिकित्सकों की नियुक्ति की जाए
. शिक्षा सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए
. जिले के विभिन्न प्रखंडों में लाइब्रेरी की व्यवस्था हो




Conclusion:चुनाव से पहले अखाड़े में कूदने वाले नेता वादों की बरसात करते हैं। जनता के बीच जाकर मतदाताओं को लुभाने के उद्देश्य सपनों का महल बनाते हैं। लेकिन चुनाव जीतते ही वे अपने सारे वादे भूल जाते हैं। जिसके कारण न सिर्फ विकास योजनाएं फाइलों में ही सिमट कर रह जाती है बल्कि उनके वादे व आश्वासन कोरा कागज साबित होता है। राज्य गठन के करीब 20 साल गुजरने वाले हैं, बावजूद जनता को अब तक विकास की रफ्तार नहीं दिखी है जिसकी उम्मीद उन्होंने पाल रखी थी। यूं कहे तो झारखंड विकास के पथ पर इस तरह नहीं चल सका जिस तरह इसके साथ बनी दूसरे राज्य चले। जिसका एकमात्र कारण जनप्रतिनिधियों की नाकामी रही है। झारखंड विकास मोर्चा का दामन छोड़ कर फूल थामने वाले भाजपा विधायक जयप्रकाश सिंह भोक्ता जनता की उम्मीदों पर शायद पूरी तरह खरा नहीं उतर सके।
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