चतराः आखिरकार पुलिस ने नाबालिग ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री से पर्दा हटा दिया है. चतरा में नाबालिग लड़की की हत्या का मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया, इसके साथ उसके दो और साथी भी हिरासत में लिए गए हैं. पुलिस ने वारदात के महज 24 घंटे बाद इस केस को सुलझा लिया है. लेकिन कत्ल की जो वजह सामने आई है, वो काफी चौंकाने वाले हैं.
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चतरा में हत्या के बाद जिला एसपी राकेश रंजन ने मामले को लेकर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अविनाश कुमार के नेतृत्व में टीम बनाया. गठित एसआईटी ने तकनीकी पहलूओं की जांच की और बेहद सटीक तरीके से कार्रवाई करते हुए हत्या के मुख्य आरोपी लड़की के प्रेमी अनमोल पांडेय समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा हत्या में इस्तेमाल हथियार, जिसमें खून लगा चाकू, वारदात के दौरान अभियुक्त द्वारा पहना गया कपड़ा, लड़की का खून से सना दुपट्टा, उसका टूटा मोबाइल और कवर, मौका-ए-वारदात से खून लगी मिट्टी के साथ साथ अभियुक्तों का तीन मोबाइल फोन भी जब्त किया गया.
प्यार में नाराजगी और जमीन विवाद बनी वजह- एसडीपीओः मीडिया से बात करते हुए अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि इस हत्याकांड को पुराने प्रेम विवाद से नाराज होकर लड़की के प्रेमी अनमोल पांडेय ने ही अपने दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया. उन्होंने कहा कि गांव के ही दो अन्य युवक अमित पांडेय और राजदीप पांडेय का नाबालिग लड़की के परिवार के साथ लंबे समय से जमीन विवाद चल रहा था. इस बात से वो दोनों भी लड़की और उसके परिवार से नाराज थे. जिसके बाद अनमोल पांडेय के प्लान के मुताबिक इन दोनों को भी बदला लेने का मौका मिला. जिसके बाद अनमोल के साथ मिलकर इन अमित और राजदीप ने नाबालिग लड़की की गला रेतकर हत्या कर दी.
क्या है मामलाः मंगलवार 14 मार्च की रात को सदर थाना क्षेत्र के छोटकी देवरिया गांव में नाबालिग अपनी सहेली की शादी में जाने की बात कहकर घर से निकली थी. इसी दौरान उसके प्रेमी अनमोल पांडेय ने उसे फोन करके मिलने के के लिए गांव से दूर सुनसान जगह पर बुलाया. जहां पर दोनों के बीच पुराने प्रेम संबंधों को लेकर विवाद होने लगा. इसके बाद देखते ही देखते मामला इतना बढ़ गया कि दोनों ने एक-दूसरे से हाथापाई शुरू कर दी.
इसके बाद मौका मिलते ही प्रेमी अनमोल ने दो दोस्तों के साथ मिलकर लड़की को काबू किया और उसका गला रेतकर हत्या कर दी. इसके बाद तीनों ने शव को खेत में ही फेंकर तीनों मौके से फरार हो गए. 15 मार्च को पुलिस ने शव को बरामद किया. देखने में ये किसी ब्लाइंड मर्डर केस की तरह लग रहा था. लेकिन इसकी गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने टेक्निकल टीम की मदद ली. पुलिस ने मौका-ए-वारदात पर डॉग स्क्वायड, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और तकनीकी शाखा के सहयोग से हत्या से जुड़े तमाम डिटेल्स जमा किए.
नाबालिग हत्याकांड का खुलासा करने में परिजनों के फर्द बयान और टेक्निकल टीम से मिली इनपुट ने मुख्य भूमिका अदा की. इसके आधार पर पुलिस ने सबूत जमा कर इस हत्या की गुत्थी सुलझा ली है. लड़की के परिजनों ने भी इस पूरे घटनाक्रम के बीच पकड़े गए आरोपियों पर ही इस हत्या को अंजाम देने का शक जताया था. इस एसआईटी में थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक मनोहर करमाली, एसआई बीना कुमारी और निरंजन कुमार समेत सशस्त्र बल के साथ साथ तकनीकी शाखा के जवान शामिल भी शामिल रहे.