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चतरा में पानी के लिए मचा हाहाकार, आक्रोशित लोगों ने किया प्रदर्शन

झारखंड में कई जगह पानी की समस्या है. इसे लेकर लोगों का प्रदर्शन होते रहता है. चतरा में भी कई महीनों से जलापूर्ति ठप रहने के कारण पीने के पानी की किल्लत हो रही है. स्थानीय लोगों ने समस्याओं का समाधान के लिए कई बार विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा सिफर रहा, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया.

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Published : Aug 27, 2019, 6:20 AM IST

पानी के लिए प्रदर्शन

चतरा: चतरा में कई महीनों से जलापूर्ति ठप है, जिसके कारण बरसात के मौसम में भी पीने के पानी की समस्या हो गई है. स्थानीय लोगों ने कई बार पेयजल विभाग के अधिकारियों से पानी की आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने की मांग की, लेकिन स्थिति जस का तस रह गया है.

देखें पूरी खबर

पानी की समस्या का समाधान नहीं होने पर रविवार को स्थानीय लोगों ने डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में गैलन और बाल्टी लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सामने आक्रोश जताया. लोगों विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे पहले भी सैकड़ों लोगों ने पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता और वार्ड पार्षद मनोज प्रधान के नेतृत्व में आक्रोश रैली निकाली थी.

इसे भी पढ़ें:- धर्मेंद्र प्रधान ने की चतरा में इस्पात कारखाना खोलने की घोषणा, कहा- झारखंड में संसाधनों की भरमार

आक्रोशित लोगों ने बताया कि महीनों से जलापूर्ति ठप रहने के कारण बरसात के मौसम में भी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार पेयजल विभाग के अधिकारियों मुलाकात की, लेकिन अधिकारी बस आश्वासन देते रहे.

इसे भी पढ़ें:- चतरा: बैंक लूट मामले में पुलिस ने किया खुलासा, बिहार पुलिस की मदद से एक गिरफ्तार

धरना खत्म करने से पहले स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह से भेंट कर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने, शहर के कई स्थानों पर उत्पन्न तकनीकी खराबी को दुरुस्त कराने, आपूर्ति कंपनी के संवेदक का निविदा रद्द कर किसी दूसरे संवेदक का चयन करने की मांग शामिल है. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि यदि दो सितंबर तक उपायुक्त मांगे पूरी नहीं करवाते तो पांच सितंबर से आमरण अनशन किया जाएगा.

चतरा: चतरा में कई महीनों से जलापूर्ति ठप है, जिसके कारण बरसात के मौसम में भी पीने के पानी की समस्या हो गई है. स्थानीय लोगों ने कई बार पेयजल विभाग के अधिकारियों से पानी की आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने की मांग की, लेकिन स्थिति जस का तस रह गया है.

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पानी की समस्या का समाधान नहीं होने पर रविवार को स्थानीय लोगों ने डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में गैलन और बाल्टी लेकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सामने आक्रोश जताया. लोगों विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे पहले भी सैकड़ों लोगों ने पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता और वार्ड पार्षद मनोज प्रधान के नेतृत्व में आक्रोश रैली निकाली थी.

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आक्रोशित लोगों ने बताया कि महीनों से जलापूर्ति ठप रहने के कारण बरसात के मौसम में भी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार पेयजल विभाग के अधिकारियों मुलाकात की, लेकिन अधिकारी बस आश्वासन देते रहे.

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धरना खत्म करने से पहले स्थानीय लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह से भेंट कर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने, शहर के कई स्थानों पर उत्पन्न तकनीकी खराबी को दुरुस्त कराने, आपूर्ति कंपनी के संवेदक का निविदा रद्द कर किसी दूसरे संवेदक का चयन करने की मांग शामिल है. प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि यदि दो सितंबर तक उपायुक्त मांगे पूरी नहीं करवाते तो पांच सितंबर से आमरण अनशन किया जाएगा.

Intro:चतरा : चतरा शहर के आधी आबादी को विगत कई महीनों से जलापूर्ति ठप है। जिसके कारण बरसात के मौसम में भी शहर में पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मोहल्ले वासियों ने इस बाबत कई बार पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अधिकारियों से आपूर्ति व्यवस्था को बहाल करने की मांग की बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुई। विवश होकर मोहल्ले वासियों ने डीसी ऑफिस के समीप और रोषपूर्ण प्रदर्शन किया और धरना दिया। इससे पूर्व विभिन्न मोहल्लों के सैकड़ों लोगों ने पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता व वार्ड पार्षद मनोज प्रधान के नेतृत्व में शहर में आक्रोश रैली निकाला। प्रदर्शनकारी हाथों में गैलन और बाल्टी लेकर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अधिकारियों के प्रति आक्रोश जता रहे थे। इस क्रम में वे पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

बाईट : रीता देवी, आक्रोशित महिला।
बाईट : सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री।


Body:आक्रोशित लोगों ने बताया कि महीनों से जलापूर्ति ठप रहने के कारण बरसात के मौसम में भी पीने के पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। कहा कि व्यवस्था को बहाल करने के लिए कई बार पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अधिकारियों से भेंट कर समस्या का निदान करने की मांग की। अधिकारी आश्वासन देते रहे, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी व्यवस्था बहाल नहीं हुई। विवश होकर आंदोलन का रुख इख्तियार करना पड़ा। धरना समाप्ति से पूर्व प्रदर्शनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह से भेंट कर एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से नियमित जलापूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करने, शहर के कई स्थानों पर उत्पन्न तकनीकी खराबी को दुरुस्त कराने, आपूर्ति कंपनी के संवेदक का निविदा रद्द कर किसी दूसरे संवेदक का चयन करने की मांग शामिल है। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि यदि दो सितंबर तक उपायुक्त मांगे पूरी नहीं करवाते तो पांच सितंबर से आमरण अनशन किया जाएगा।


Conclusion:गौरतलब है कि शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है जलापूर्ति नहीं होती है अधिकारी और मनमानी पर उतारू है जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है।
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