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ग्रामीणों को मिला नेताओं का साथ, विधायक ने कहा नहीं चलेगी कंपनी की दादागिरी

चतरा टंडवा में आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आंदोलित ग्रामीणों को अब स्थानीय जनप्रतिनिधि का भी साथ मिलने लगा है. सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना स्थित शिवपुर कोल साईडिंग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे के अधिकारियों और कर्मियों पर स्थानीय लोगों की निर्मम हत्या कराने का गंदा खेल खेलने का गंभीर आरोप लगाया है.

supervisor murder case in chatra
आंदोलित ग्रामीण
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Published : Dec 29, 2019, 4:33 AM IST

चतरा: टंडवा में आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आंदोलित ग्रामीणों को अब स्थानीय जनप्रतिनिधि का भी साथ मिलने लगा है. मामले में प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने धरनास्थल पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया है.

देखिए पूरी खबर

इसके साथ ही टंडवा में सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना स्थित शिवपुर कोल साईडिंग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे के अधिकारियों और कर्मियों पर स्थानीय लोगों की निर्मम हत्या कराने का गंदा खेल खेलने का गंभीर आरोप लगाया है. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे आजसू नेता मनोज चंद्रा ने आउटसोर्सिंग कंपनी के परियोजना प्रबंधक सुमित चटर्जी पर ही इलाके में दहशत फैलाने के उद्देश्य से अपने ही कंपनी के सुपरवाईजर की गोली मारकर हत्या कराने का आरोप लगाया है.

सिमरिया विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे आजसू नेता ने कहा है कि सुमित चटर्जी के साथ-साथ मां अम्बे कंपनी के कोई भी कर्मी यह नहीं चाहता कि कोई स्थानीय व्यक्ति उनके कंपनी में काम करे. यही कारण है कि स्थानीय कबरा गांव निवासी सुपरवाइजर मोहम्मद इसराफिल अंसारी की हत्या करा दी गई है. उन्होंने कहा है कि इसराफिल स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर हमेशा मुखर रहते थे और नियमित कंपनी के विरुद्ध आंदोलन भी करते थे. इसी का खामियाजा उन्हें अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी है.

आजसू नेता ने कहा है कि कंपनी के परियोजना प्रबंधक काम मांगने वाले स्थानीय लोगों को हमेशा गोली मारने की बात करते थे, जो सर्वविदित है. मनोज चंद्रा ने कहा है कि मां अम्बे कंपनी इलाके में तानाशाही पूर्वक काम कर रही है. उन्हें न तो कानून का डर है और न ही किसी और का.

कंपनी पर दादागिरी करने का आरोप
इतना ही नहीं मां अम्बे कंपनी और उसके अधिकारियों की कार्यशैली पर स्थानीय विधायक भी सवाल खड़े कर रहे हैं. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे किशुन दास ने कहा है कि कंपनी इलाके में दादागिरी कर रही है. अब उसकी एक भी दादागिरी नहीं चलेगी. रैयतों के अनुसार सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर कंपनी को काम करना होगा. क्यूंकि कंपनी इलाके में सुरक्षा मानकों को ठेंगा दिखाकर गरीबों और मजदूरों के जान से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही जिला प्रशासन और सीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोयलांचल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों और सीसीएल प्रबंधन के कार्यशैली का खाका तैयार किया जाएगा. उसी के अनुरूप कंपनियों को काम करना पड़ेगा. वरना आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ-साथ सीसीएल को भी बंद करा दिया जाएगा.

रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप
विधायक ने आम्रपाली कोल परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे को आड़े हांथों लेते हुए रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवाने का आरोप लगाया है. सिमरिया विधायक ने कहा है कि कंपनी अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करने वाले रैयतों को परेशान कर रही है. उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने के उद्देश्य से फर्जी केश में फंसाकर जेल भिजवाया जा रहा है. कंपनी की यह नीति अब इलाके में किसी भी स्थिति में नहीं चलेगी.

पुलिस पर जताया विश्वास
सिमरिया विधायक ने पूरे मामले में स्थानीय पुलिस पर विश्वास जताते हुए कहा है कि सुपरवाइजर हत्याकांड का खुलासा जल्द होगा. उन्होंने कहा है कि पुलिस हमारा ही अंग है, ऐसे में सभी बिंदुओं की गहनता से जांच कर हत्याकांड के अनसुलझे पहलुओ से पुलिस जल्द पर्दा उठाएगी. उन्होंने कहा है कि जब तक ग्रामीणों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक शिवपुर साइडिंग से कोयले का डिस्पैच पूरी तरह बंद रहेगा.

ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन के पैतृक गांव में मनी दीवाली, जमकर थिरके कार्यकर्ता और गांव के लोग

अनिश्चित काल के लिए ठप हुआ कोल डिस्पैच
गौरतलब है कि आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर साइडिंग में सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं. इतना ही नहीं साइडिंग एरिया में धरने पर बैठे आक्रोशित ग्रामीणों ने कोल डिस्पैच और रेक लोडिंग का भी काम पूरी तरह से ठप करा दिया है, जिसे स्थानीय नेताओं का भी साथ मिल गया है. बावजूद आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारी लोगों से वार्ता के बजाय मौके से फरार हैं.

चतरा: टंडवा में आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में आंदोलित ग्रामीणों को अब स्थानीय जनप्रतिनिधि का भी साथ मिलने लगा है. मामले में प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने धरनास्थल पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया है.

देखिए पूरी खबर

इसके साथ ही टंडवा में सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना स्थित शिवपुर कोल साईडिंग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे के अधिकारियों और कर्मियों पर स्थानीय लोगों की निर्मम हत्या कराने का गंदा खेल खेलने का गंभीर आरोप लगाया है. घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे आजसू नेता मनोज चंद्रा ने आउटसोर्सिंग कंपनी के परियोजना प्रबंधक सुमित चटर्जी पर ही इलाके में दहशत फैलाने के उद्देश्य से अपने ही कंपनी के सुपरवाईजर की गोली मारकर हत्या कराने का आरोप लगाया है.

सिमरिया विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे आजसू नेता ने कहा है कि सुमित चटर्जी के साथ-साथ मां अम्बे कंपनी के कोई भी कर्मी यह नहीं चाहता कि कोई स्थानीय व्यक्ति उनके कंपनी में काम करे. यही कारण है कि स्थानीय कबरा गांव निवासी सुपरवाइजर मोहम्मद इसराफिल अंसारी की हत्या करा दी गई है. उन्होंने कहा है कि इसराफिल स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर हमेशा मुखर रहते थे और नियमित कंपनी के विरुद्ध आंदोलन भी करते थे. इसी का खामियाजा उन्हें अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी है.

आजसू नेता ने कहा है कि कंपनी के परियोजना प्रबंधक काम मांगने वाले स्थानीय लोगों को हमेशा गोली मारने की बात करते थे, जो सर्वविदित है. मनोज चंद्रा ने कहा है कि मां अम्बे कंपनी इलाके में तानाशाही पूर्वक काम कर रही है. उन्हें न तो कानून का डर है और न ही किसी और का.

कंपनी पर दादागिरी करने का आरोप
इतना ही नहीं मां अम्बे कंपनी और उसके अधिकारियों की कार्यशैली पर स्थानीय विधायक भी सवाल खड़े कर रहे हैं. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे किशुन दास ने कहा है कि कंपनी इलाके में दादागिरी कर रही है. अब उसकी एक भी दादागिरी नहीं चलेगी. रैयतों के अनुसार सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर कंपनी को काम करना होगा. क्यूंकि कंपनी इलाके में सुरक्षा मानकों को ठेंगा दिखाकर गरीबों और मजदूरों के जान से खिलवाड़ कर रही है. उन्होंने कहा है कि जल्द ही जिला प्रशासन और सीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोयलांचल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों और सीसीएल प्रबंधन के कार्यशैली का खाका तैयार किया जाएगा. उसी के अनुरूप कंपनियों को काम करना पड़ेगा. वरना आउटसोर्सिंग कंपनियों के साथ-साथ सीसीएल को भी बंद करा दिया जाएगा.

रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप
विधायक ने आम्रपाली कोल परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे को आड़े हांथों लेते हुए रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवाने का आरोप लगाया है. सिमरिया विधायक ने कहा है कि कंपनी अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करने वाले रैयतों को परेशान कर रही है. उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने के उद्देश्य से फर्जी केश में फंसाकर जेल भिजवाया जा रहा है. कंपनी की यह नीति अब इलाके में किसी भी स्थिति में नहीं चलेगी.

पुलिस पर जताया विश्वास
सिमरिया विधायक ने पूरे मामले में स्थानीय पुलिस पर विश्वास जताते हुए कहा है कि सुपरवाइजर हत्याकांड का खुलासा जल्द होगा. उन्होंने कहा है कि पुलिस हमारा ही अंग है, ऐसे में सभी बिंदुओं की गहनता से जांच कर हत्याकांड के अनसुलझे पहलुओ से पुलिस जल्द पर्दा उठाएगी. उन्होंने कहा है कि जब तक ग्रामीणों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक शिवपुर साइडिंग से कोयले का डिस्पैच पूरी तरह बंद रहेगा.

ये भी पढ़ें: हेमंत सोरेन के पैतृक गांव में मनी दीवाली, जमकर थिरके कार्यकर्ता और गांव के लोग

अनिश्चित काल के लिए ठप हुआ कोल डिस्पैच
गौरतलब है कि आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर साइडिंग में सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं. इतना ही नहीं साइडिंग एरिया में धरने पर बैठे आक्रोशित ग्रामीणों ने कोल डिस्पैच और रेक लोडिंग का भी काम पूरी तरह से ठप करा दिया है, जिसे स्थानीय नेताओं का भी साथ मिल गया है. बावजूद आउटसोर्सिंग कंपनी के अधिकारी लोगों से वार्ता के बजाय मौके से फरार हैं.

Intro:ग्रामीणों को मिला नेताओं का साथ, विधायक ने कहा नहीं चलेगी माँ अम्बे कंपनी की दादागिरी

चतरा : चतरा के कोयलांचल टंडवा में आउटसोर्सिंग कंपनी के सुपरवाईजर की हत्या के विरोध में आंदोलित ग्रामीणों को अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी साथ मिलने लगा है। मामले में प्रदेश में सक्रिय सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने धरनास्थल पर पहुंचकर आक्रोशित ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया है। साथ ही टंडवा में सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना स्थित शिवपुर कोल साईडिंग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी माँ अम्बे के अधिकारियों और कर्मियों पर स्थानीय लोगों की निर्मम हत्या कराने का गंदा खेल खेलने का गंभीर आरोप लगाया हैं। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे आजसू नेता मनोज चंद्रा ने आउटसोर्सिंग कंपनी के परियोजना प्रबंधक सुमित चटर्जी पर ही ईलाके में दहशत फैलाने के उद्देश्य से अपने ही कंपनी के सुपरवाईजर की गोली मारकर हत्या कराने का आरोप लगाया है। सिमरिया विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे आजसू नेता ने कहा है कि सुमित चटर्जी के साथ-साथ माँ अंबे कम्पनी के कोई भी कर्मी यह नहीं चाहता कि कोई स्थानीय व्यक्ति उनके कंपनी में काम करे। यही कारण है कि स्थानीय कबरा गांव निवासी सुपरवाइजर मोहम्मद इसराफिल अंसारी की हत्या करा दी गई है। उन्होंने कहा है कि इसराफिल स्थानीय लोगों के अधिकारों को लेकर हमेशा मुखर रहते थे और नियमित कम्पनी के विरुद्ध आंदोलन भी करते थे। इसी का खामियाजा उन्हें अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी है। आजसू नेता ने कहा है कि कम्पनी के परियोजना प्रबंधक काम मांगने वाले स्थानीय लोगों को हमेशा गोली मारने की बात करते थे, जो सर्वविदित है। मनोज चंद्रा ने कहा है कि माँ अम्बे कम्पनी ईलाके में तानाशाही पूर्वक काम कर रही है। उन्हें न तो कानून का डर है और न ही किसी और का।

बाईट : मनोज चंद्रा, आजसू नेता।
बाईट : किशुन दास, विधायक, सिमरिया।


Body:कंपनी पर दादागिरी करने का आरोप

इतना ही नहीं माँ अम्बे कम्पनी और उसके अधिकारियों के कार्यशैली पर स्थानीय विधायक भी सवाल खड़े कर रहे हैं। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंचे किशुन दास ने कहा है कि कम्पनी इलाके में दादागिरी कर रही है। अब उसकी एक भी दादागिरी नहीं चलेगी। रैयतों के अनुसार सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर कंपनी को काम करना होगा। क्यूंकि कंपनी ईलाके में सुरक्षा मानकों को ठेंगा दिखाकर गरीबों और मजदूरों के जान से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा है कि जल्द ही जिला प्रशासन और सीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर कोयलांचल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कम्पनियों और सीसीएल प्रबंधन के कार्यशैली का खाका तैयार किया जाएगा। उसी के अनुरूप कम्पनियों को काम करना पड़ेगा। वरना आउटसोर्सिंग कम्पनियों के साथ साथ सीसीएल को भी बंद करा दिया जाएगा।

रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाने का आरोप

विधायक ने आम्रपाली कोल परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी माँ अंबे को आड़े हांथों लेते हुए रैयतों को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल भिजवाने का आरोप लगाया है। सिमरिया विधायक ने कहा है कि कम्पनी अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करने वाले रैयतों को परेशान कर रही है। उन्हें उनके अधिकारों को से वंचित रखने के उद्देश्य से फर्जी केश में फंसाकर जेल भिजवाया जा रहा है। कम्पनी की यह नीति अब इलाके में किसी भी स्थिति में नहीं चलेगी।

पुलिस पर जताया विश्वास, कहा होगा पर्दाफाश

सिमरिया विधायक ने पूरे मामले में स्थानीय पुलिस पर विश्वास जताते हुए कहा है कि सुपरवाइजर हत्याकांड का खुलासा जल्द होगा। उन्होंने कहा है कि पुलिस हमारा ही अंग है, ऐसे में सभी बिंदुओं की गहनता से जांच कर हत्याकांड के अनसुलझे पहलुओ से पुलिस जल्द पर्दा उठाएगी। उन्होंने कहा है कि जबतक ग्रामीणों की मांगे पूरी नहीं हो जाती तबतक शिवपुर साईडिंग से कोयले का डिस्पैच पूरी तरह बंद रहेगा।


Conclusion:अनिश्चित काल के लिए ठप हुआ कोल डिस्पैच

गौरतलब है कि आम्रपाली कोल परियोजना अंतर्गत शिवपुर साईडिंग में सुपरवाइजर की हत्या के विरोध में ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं। इतना ही नहीं साईडिंग एरिया में धरने पर बैठे आक्रोशित ग्रामीणों ने कोल डिस्पैच व रेक लोडिंग का भी काम पूरी तरह से ठप करा दिया है। जिसे स्थानीय नेताओं का भी साथ मिल गया है। बावजूद आउटसोर्सिंग कम्पनी के अधिकारी लोगों से वार्ता के बजाय मौके से फरार हैं।
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