चतरा: जिले में सिमरिया प्रखंड के शीला इचाक गांव निवासी कलोया देवी को 12 मार्च 2019 को एक ट्रैक्टर ने अपने चपेट में ले लिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. घटना में कलोया देवी के दाएं पैर में गंभीर चोट आई थी. पैर के इलाज के लिए वह आज भी दर-दर भटकने को मजबूर है. कलोया के पैर में ऑपरेशन कर रड तो लगाया गया है, लेकिन समुचित इलाज नहीं होने से कलोया का पैर और भी खराब हो गया है.
कलोया देवी ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर जिले के उच्च अधिकारियों से कई बार इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने अब तक उनकी मदद नहीं की. कलोया ने अपनी आंखों से आंसू लिए ईटीवी भारत की टीम से अपनी दुखड़ा सुनाया. उन्होंने कहा कि पत्तल बनाकर और दूसरे के घरों में झाड़ू पोछा कर वह अपनी जिंदगी चल रही थी, हादसे में दाहिने पैर की हड्डी चूर-चूर हो गया, किसी तरह उस समय ग्रामीणों के सहयोग से उसे हजारीबाग सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर पैर में रड लगाया है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण आगे का इलाज नहीं हो पा रहा है.
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कलोया देवी अपने पैर के इलाज के लिए अब तक कई पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुकी हैं, लेकिन उसकी मदद करना किसी ने मुनासिब नहीं समझा. उसे किसी तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे उसके सामने अब भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. आयुष्मान योजना के तहत उसका कार्ड भी नहीं बना है, जिसकी वजह से बीमारी के इलाज में समस्या आ रही है. ऐसे में अब कलोया को किसी फरिश्ते का इंतजार है जो उसे इलाज करा सके.