चतरा: जिले के सिमरिया में आठ साल से लोग पानी का इंतजार कर रहे हैं. यहां चुनाव के समय में कई राजनेता और सरकार के नुमाईंदे पहुंचते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. ग्रामीण भी हर साल उम्मीद के आसरे वोट देते रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीद आज तक उम्मीद ही बनकर रह गयी है.
सिमरिया में जलापूर्ति व्यवस्था 8 साल बाद भी शुरु नहीं हो सका है. चुनाव में भले ही राजनेता वादों की बौछार कर चले जाते हैं, लेकिन जलमीनार से आजतक एक बूंद पानी नहीं टपका. जिले में हर घर में लाखों खर्च कर जल की सुविधा देने के लिए नल लगाने का काम चल रहा है, लेकिन लोगों के पानी की कमी से हलक सुख रहे हैं. लोगों के घर में पानी का वनवास कब खत्म होगा यह भविष्य के गर्त में है.
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सिस्टम की उदासीनता के कारण चतरा से करीब 30 किमी दूर सिमरिया प्रखंड के बेलगड्ढा गांव में जलापूर्ति योजना के तहत 8 साल पहले ही जलमीनार का निर्माण करवाया गया है. लगभग 22 लाख रुपये की लागत से जलमीनार से कई गांव में पानी की आपूर्ति किया जाना था, जहां हर गली में पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाई गई और घरों तक नल भी लगाया गया. इससे लोगों में हर्ष भी देखा गया, लेकिन नल से आज तक एक बूंद भी पानी नहीं टपका. सिमरिया में लोग आज भी बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.