चतरा: जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूरी पर एक आईटीआई कॉलेज है. यहां छात्रों का नामांकन किया जाता है, लेकिन पढ़ाई नहीं होती है. बिना पढ़ाई के ही छात्रों का परीक्षा के लिए फार्म भी भरवा दिया जाता है और फिर भी यहां के छात्र अच्छे अंक लाकर पास भी होते हैं. इस कॉलेज में जहां पढ़ाई होती ही नहीं है. छात्र-छात्राओं को बेहतर औद्योगिक शिक्षा देने के उद्देश्य से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का निर्माण किया गया था. इस संस्थान का निर्माण सिमरिया प्रखंड के इचाक कला गांव में कराया गया है. जो अब गांव की मात्र शोभा बनकर रह गया है.
शिक्षक विहीन बना औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
दरअसल, यह संस्थान शिक्षक विहीन है. 4 साल बीत जाने के बाद इस संस्थान में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है. संस्थान में सिर्फ छात्रों का नामांकन का काम किया जाता है, लेकिन पढ़ाई नहीं होती. छात्र औद्योगिक शिक्षा से दूर है. यहां प्रत्येक साल 160 छात्रों का नामांकन लेने का लक्ष्य है. देखा जाए तो इस संस्थान में छात्र जैसे तैसे पढ़ाई कर सत्र पूरा कर रहे हैं. संस्थान में इलेक्ट्रिशियन, फिटर, डीजल, मैकेनिक और बेल्डर की प्रायोगिक प्रशिक्षण से छात्र काफी दूर हैं. यहां रखे प्रायोगिक सामग्री जंग लगकर बेकार पड़ी हुई है. कक्षाएं भी गंदगी से भरी है, जिनमें पक्षियों का बसेरा है. लगभग 8 करोड़ की लागत से बने इस आईटीआई कॉलेज का 12 नंवबर 2016 को सांसद सुनील सिंह और पूर्व विधायक गणेश गंझू ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान का विधिवत उद्घाटन किया था.
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खाली पदों पर नहीं हुई बहाली
संस्थान खुलने से लोगों में उम्मीदों की किरण जगमगाई थी, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में 33 पद खाली पड़े थे. जिसमें शिक्षक, गार्ड, क्लर्क और प्यून आदि शामिल हैं. इन पदों पर बहाली की नहीं गई. प्रशिक्षण संस्थान में बने कई भवन वीरान पड़े हुए हैं, जो आज तक कभी खुले भी नहीं. वहीं इन भवनों के आस-पास झाड़ियों से पूरा भरा पड़ा है. स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि आईटीआई कॉलेज खुलने से यहां के छात्र-छात्राओं को पढ़ने की सुविधा मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस कॉलेज में शिक्षकों की कमी ने छात्रों के साथ अभिभावकों की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया है. लोगों का कहना है कि सरकार की शिक्षा योजना विफल हो रही है.
श्रम और नियोजन मंत्री का निरिक्षण
कुछ दिन पहले सूबे के श्रम और नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने निरीक्षण के दौरान कॉलेज में पढ़ाई नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल बीजेपी सरकार रही, लेकिन शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया. जिसका खामियाजा आज आईटीआई के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में गठबंधन की सरकार आ गई है, जल्द ही अब आईटीआई कॉलेज में शिक्षकों की बहाली की जाएगी.