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चतरा में बेटियों पर अत्याचार का बढ़ता ग्राफ, सिस्टम पर उठने लगा सवाल - चतरा की अत्याचार की खबरें

बेटियों को सुरक्षा प्रदान कराने के लिए सरकार की ओर से तरह-तरह के वादे किए जाते हैं, लेकिन आज भी समाज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. इसे लेकर सरकार की ओर से 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम की शुरुआत भी की गई. इसके बावजूद बेटियों के साथ लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है. चतरा में इसका ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है.

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चतरा में बेटियों पर अत्याचार का बढ़ता ग्राफ
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Published : Jan 13, 2021, 5:14 PM IST

Updated : Jan 13, 2021, 10:39 PM IST

चतरा: 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' टैगलाइन दिया था. बेटियों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित रखने के लिए इस अभियान को सरकार की नई शुरुआत मानी जाती है, लेकिन चतरा से कई ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इस सिस्टम को बेनकाब कर दिया है.

देखें स्पेशल खबर

सरकार चलाने वाले सिस्टम में है खराबी

यह प्रश्न किसी सरकार पर नहीं, बल्कि सरकार चलाने वाले सिस्टम पर है, जिसकी कार्यप्रणाली उन पर ही कई सवाल खड़े करती है. सरकार की ओर से दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन दावों पर कितना अमल किया जाता है, यह किसी से छिपा नहीं है. हर घटना के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि वह आरोपियों को जल्द सजा देंगे और महिलाओं को न्याय दिलाएंगे, लेकिन यह बात कहने तक ही सीमित रह जाती है.

बेटी जन्म लेने पर महिला को घर से निकाला

चतरा में आज भी बेटी की पैदाइश को किसी अपराध से कम नहीं माना जाता है. जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र में एक पति की हैवानियत सामने आई है, जहां उसने बेटी पैदा करने के जुर्म में पहले तो अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा, इसके बाद घर से बेदखल कर दिया. मनमाफिक दहेज नहीं मिलने और शादी के बाद बेटी के जन्म से बौखलाये पति सरफराज खान ने अपनी पत्नी को घर से बेदखल कर दिया. इसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली और पहली पत्नी शबनम को ससुराल वापस आने के लिए तीन लाख का जुर्माना लगा दिया.

ये भी पढ़ें-गाय ने महिला पर किया हमला, देखें रोंगटे खड़े कर देने वाला VIDEO

मासूम बच्ची की गला दबाकर हत्या

न्याय की आस में पीड़िता दर-दर भटकने पर मजबूर है. शबनम ने इसकी शिकायत महिला थाना में कराई है, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी शबनम इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है. महिला थाना से शबनम को अब तक किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है. दूसरी ओर पत्थलगड़ा थाना क्षेत्र के खैरा गांव में बेटी पैदा होने पर एक पिता ने दो महीने की मासूम बच्ची को गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया तो राजपुर थाना क्षेत्र के खाप लावानी गांव में बेटी जन्म होने पर जान से मार कर कुएं में शव को फेंक दिया गया था.

लचर रही कानून-व्यवस्था

चतरा में महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं. हंटरगंज थाना क्षेत्र में एक विधवा महिला शौच के लिए बाहर निकली तो तीन दरिंदों ने अकेला पाकर सामूहिक दुष्कर्म किया. वहीं, मयूरहंड थाना क्षेत्र में तीन हैवानों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी, जिसमें नाबालिग गंभीर रूप से झुलस गई थी. वहीं, पिपरवार में दो बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब सिर्फ एक ही है कि क्या सिस्टम से बेटियां हार रही हैं या कानून की व्यवस्था लचर हो गई है. जवाब सिर्फ सिस्टम और सरकार के पास है.

चतरा: 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद मोदी सरकार ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' टैगलाइन दिया था. बेटियों को आगे बढ़ाने और सुरक्षित रखने के लिए इस अभियान को सरकार की नई शुरुआत मानी जाती है, लेकिन चतरा से कई ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इस सिस्टम को बेनकाब कर दिया है.

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सरकार चलाने वाले सिस्टम में है खराबी

यह प्रश्न किसी सरकार पर नहीं, बल्कि सरकार चलाने वाले सिस्टम पर है, जिसकी कार्यप्रणाली उन पर ही कई सवाल खड़े करती है. सरकार की ओर से दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, लेकिन दावों पर कितना अमल किया जाता है, यह किसी से छिपा नहीं है. हर घटना के बाद सरकार और पुलिस प्रशासन यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं कि वह आरोपियों को जल्द सजा देंगे और महिलाओं को न्याय दिलाएंगे, लेकिन यह बात कहने तक ही सीमित रह जाती है.

बेटी जन्म लेने पर महिला को घर से निकाला

चतरा में आज भी बेटी की पैदाइश को किसी अपराध से कम नहीं माना जाता है. जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र में एक पति की हैवानियत सामने आई है, जहां उसने बेटी पैदा करने के जुर्म में पहले तो अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा, इसके बाद घर से बेदखल कर दिया. मनमाफिक दहेज नहीं मिलने और शादी के बाद बेटी के जन्म से बौखलाये पति सरफराज खान ने अपनी पत्नी को घर से बेदखल कर दिया. इसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली और पहली पत्नी शबनम को ससुराल वापस आने के लिए तीन लाख का जुर्माना लगा दिया.

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मासूम बच्ची की गला दबाकर हत्या

न्याय की आस में पीड़िता दर-दर भटकने पर मजबूर है. शबनम ने इसकी शिकायत महिला थाना में कराई है, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी शबनम इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है. महिला थाना से शबनम को अब तक किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पाई है. दूसरी ओर पत्थलगड़ा थाना क्षेत्र के खैरा गांव में बेटी पैदा होने पर एक पिता ने दो महीने की मासूम बच्ची को गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया तो राजपुर थाना क्षेत्र के खाप लावानी गांव में बेटी जन्म होने पर जान से मार कर कुएं में शव को फेंक दिया गया था.

लचर रही कानून-व्यवस्था

चतरा में महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं. हंटरगंज थाना क्षेत्र में एक विधवा महिला शौच के लिए बाहर निकली तो तीन दरिंदों ने अकेला पाकर सामूहिक दुष्कर्म किया. वहीं, मयूरहंड थाना क्षेत्र में तीन हैवानों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी, जिसमें नाबालिग गंभीर रूप से झुलस गई थी. वहीं, पिपरवार में दो बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी. सवाल तो कई हैं, लेकिन जवाब सिर्फ एक ही है कि क्या सिस्टम से बेटियां हार रही हैं या कानून की व्यवस्था लचर हो गई है. जवाब सिर्फ सिस्टम और सरकार के पास है.

Last Updated : Jan 13, 2021, 10:39 PM IST
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