चतरा: जिले में कुपोषण के शिकार बच्चों के उपचार के लिए उनके माता-पिता को अब अस्पतालों का चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. जिला प्रशासन ने ऐसे कुपोषित बच्चों को नई जिंदगी देने की दिशा में एक कारगर पहल की है. उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह की पहल पर स्वास्थ्य विभाग ने चलंत कुपोषण जांच केंद्र की शुरुआत की है, जिसे उपायुक्त ने समाहरणालय से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
बता दें कि यह चलंत चिकित्सालय जिला मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों तक जाकर कुपोषित बच्चों का मुफ्त कुपोषण जांच करेगा. इसके अलावा जरूरत के मुताबिक उन्हें उनके घरों में ट्रीटमेंट भी देगा, जिला प्रशासन की तरफ से डीएमएफटी फंड से क्रय किये गए चलंत कुपोषण चिकित्सा वाहन के संचालन की जिम्मेवारी स्वास्थ्य विभाग ने राजकुमारी फाउंडेशन नाम की संस्था को सौंपी है.
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इस मौके पर डीसी ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यह चलंत चिकित्सालय गांवों में जाने के साथ-साथ वहीं रुककर चिन्हित बच्चों का मुफ्त इलाज भी करेगा. इस चलंत चिकित्सालय में बच्चों को मुफ्त भोजन तक उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.