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चतरा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही, सूचना के बाद भी आगजनी में जख्मी युवक की नहीं ली सुध

चतरा के लावालौंग थाना क्षेत्र में शार्ट सर्किट से हुई आगजनी में दो मासूम सहोदर भाइयों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. घर के चिराग की जिंदा जलने से मौत के बाद भी उनके घायल जख्मी पिता का अब तक इलाज नहीं कराया गया है.

Health department great negligence in Chatra
चतरा में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही
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Published : May 27, 2020, 7:31 PM IST

चतरा: जिले में हुई आगजनी की घटना में झुलसे मृत मासूम बच्चों का लाचार पिता जख्मी अवस्था में अपनी किस्मत का रोना रो रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम न तो अब तक मौके पर पहुंची है और न ही उसे अस्पताल ले जाने की जहमत अधिकारियों ने उठाई है. इधर, घटना की सूचना पाकर पोटम गांव पहुंचे सिमरिया विधायक किसुन दास ने न सिर्फ मौके से ही सिविल सर्जन की इस लापरवाही के लिए क्लास लगाई, बल्कि सरकार से उन्हें तत्काल सस्पेंड करने की मांग तक कर डाली. विधायक ने कहा कि जो अधिकारी संवेदनशील मामलों में भी इतनी लापरवाही बरतता है. उसे नैतिकता के आधार पर पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. दरअसल, सोमवार की देर शाम पोटम गांव निवासी विजय भुईयां के घर मे शार्ट सर्किट से अचानक आग लग गई थी.

ये भी पढ़ें: 438 हुई राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या, मात्र एक साहिबगंज जिला है कोरोना मुक्त

इस दुर्घटना में विजय के दोनों मासूम बेटों की झुलसने से दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि विजय उन्हें बचाने के क्रम में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन उसके बाद भी न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और न ही कोई डॉक्टर. ऐसे में विजय अभी भी अपने घर में जख्मी अवस्था में पड़ा है. इधर, घटना के करीब पंद्रह घंटे बाद पोस्टमार्टम के बाद दोनों मासूम बच्चों का शव पोटम गांव पहुंचा. गांव में शव पहुंचते ही इलाके में मातम पसर गया. न सिर्फ परिवार बल्कि गांव के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. घर की स्थिति को देखते हुए विधायक ने पीड़ित परिवार को पांच हजार रुपये नकद और एक क्विंटल चावल समेत खाद्यान सामग्री उपलब्ध कराई है. वहीं, मौके पर पहुंचे बीडीओ ने भी हरसंभव सरकारी मदद पहुंचाने की बात कही है.

चतरा: जिले में हुई आगजनी की घटना में झुलसे मृत मासूम बच्चों का लाचार पिता जख्मी अवस्था में अपनी किस्मत का रोना रो रहा है. घटना की जानकारी मिलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम न तो अब तक मौके पर पहुंची है और न ही उसे अस्पताल ले जाने की जहमत अधिकारियों ने उठाई है. इधर, घटना की सूचना पाकर पोटम गांव पहुंचे सिमरिया विधायक किसुन दास ने न सिर्फ मौके से ही सिविल सर्जन की इस लापरवाही के लिए क्लास लगाई, बल्कि सरकार से उन्हें तत्काल सस्पेंड करने की मांग तक कर डाली. विधायक ने कहा कि जो अधिकारी संवेदनशील मामलों में भी इतनी लापरवाही बरतता है. उसे नैतिकता के आधार पर पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. दरअसल, सोमवार की देर शाम पोटम गांव निवासी विजय भुईयां के घर मे शार्ट सर्किट से अचानक आग लग गई थी.

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इस दुर्घटना में विजय के दोनों मासूम बेटों की झुलसने से दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि विजय उन्हें बचाने के क्रम में गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी, लेकिन उसके बाद भी न तो स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और न ही कोई डॉक्टर. ऐसे में विजय अभी भी अपने घर में जख्मी अवस्था में पड़ा है. इधर, घटना के करीब पंद्रह घंटे बाद पोस्टमार्टम के बाद दोनों मासूम बच्चों का शव पोटम गांव पहुंचा. गांव में शव पहुंचते ही इलाके में मातम पसर गया. न सिर्फ परिवार बल्कि गांव के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. घर की स्थिति को देखते हुए विधायक ने पीड़ित परिवार को पांच हजार रुपये नकद और एक क्विंटल चावल समेत खाद्यान सामग्री उपलब्ध कराई है. वहीं, मौके पर पहुंचे बीडीओ ने भी हरसंभव सरकारी मदद पहुंचाने की बात कही है.

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