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चतरा के पूर्व सिविल सर्जन गिरफ्तार, करोड़ों के दवा घोटाले में हैं आरोपी - चतरा न्यूज

चतरा के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ प्रसाद को लातेहार जिले के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डॉ प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने साल 2013 में चतरा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए सरकारी नियमों के विरुद्ध 1 करोड़ 21 लाख 80 हजार 995 रुपये की खरीदारी की थी.

Chatra Hospital
चतरा अस्पताल
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Published : Mar 24, 2021, 7:48 AM IST

चतरा: जिले के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ प्रसाद को लातेहार के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डॉ प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने साल 2013 में चतरा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए सरकारी नियमों के विरुद्ध 1 करोड़ 21 लाख 80 हजार 995 रुपये का लोकल मेड जेनरेटर सेट, एयरकंडीशनर और दवाइयों की खरीदारी की थी.

ये भी पढ़ें- बीसीसीएल के सब-स्टेशन में लूट, कर्मियों को बंधक बनाकर लाखों के केबल ले भागे अपराधी

आरोपी होने के बावजूद बने रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक

तत्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार के निर्देश पर जांच के उपरांत प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाया गया था. जिसके बाद तत्कालीन सिविल सर्जन बिनोद कुमार उरांव ने अमरनाथ प्रसाद के विरुद्ध चतरा सदर थाना में कांड दर्ज कराया था. जिसके बाद से वे लगातार फरार चल रहे थे. इस मामले में चतरा सीजेएम की अदालत में चल रहे केस को लेकर डॉ प्रसाद की अग्रिम जमानत की याचिका हाइ कोर्ट ने 2 सितंबर 2015 को खारिज कर दी थी. घोटाले के मुख्य आरोपी होने के बावजूद अमरनाथ प्रसाद को साल 2015 में लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया गया. हैरत की बात ये रही कि डॉ अमरनाथ प्रसाद पुलिस और अदालत की नजरों में फरार होने के वावजूद पिछले 4 सालों तक बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महत्वपूर्ण पद पर अपनी सेवा देते रहे.

चतरा: जिले के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. अमरनाथ प्रसाद को लातेहार के बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सदर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. डॉ प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने साल 2013 में चतरा सिविल सर्जन के पद पर रहते हुए सरकारी नियमों के विरुद्ध 1 करोड़ 21 लाख 80 हजार 995 रुपये का लोकल मेड जेनरेटर सेट, एयरकंडीशनर और दवाइयों की खरीदारी की थी.

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आरोपी होने के बावजूद बने रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक

तत्कालीन उपायुक्त मनोज कुमार के निर्देश पर जांच के उपरांत प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाया गया था. जिसके बाद तत्कालीन सिविल सर्जन बिनोद कुमार उरांव ने अमरनाथ प्रसाद के विरुद्ध चतरा सदर थाना में कांड दर्ज कराया था. जिसके बाद से वे लगातार फरार चल रहे थे. इस मामले में चतरा सीजेएम की अदालत में चल रहे केस को लेकर डॉ प्रसाद की अग्रिम जमानत की याचिका हाइ कोर्ट ने 2 सितंबर 2015 को खारिज कर दी थी. घोटाले के मुख्य आरोपी होने के बावजूद अमरनाथ प्रसाद को साल 2015 में लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया गया. हैरत की बात ये रही कि डॉ अमरनाथ प्रसाद पुलिस और अदालत की नजरों में फरार होने के वावजूद पिछले 4 सालों तक बालूमाथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महत्वपूर्ण पद पर अपनी सेवा देते रहे.

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