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फर्जीवाड़ा कर कब्रिस्तान योजना की राशि का बंदरबांट, अब कालकोठरी में कटेगी रात - डीसी जितेंद्र कुमार सिंह

चतरा जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुंदा के चर्चित कब्रिस्तान घोटाला मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मामले में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर घोटाले में संलिप्त सभी लोगों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

कब्रिस्तान की जमीन में घोटालेबाजी
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Published : Jun 16, 2019, 1:44 PM IST

Updated : Jun 16, 2019, 1:52 PM IST

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुंदा के चर्चित कब्रिस्तान घोटाला मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेज दिया है.

कब्रिस्तान की जमीन में घोटालेबाजी

कार्रवाई की अनुशंसा
मामले में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर घोटाले में संलिप्त कुंदा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी जहूर आलम, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भुनेश्वर पासवान, सहायक अभियंता सुरेश पासवान और कनीय अभियंता अशोक सिंह के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

11 लाख 47 हजार रुपए की लागत
डीसी ने बताया कि वर्ष 2014 में ग्रामीण मोहम्मद जमूल आलम में कुंदा प्रखंड के मुस्तवा गांव में कब्रिस्तान बनाने की मांग की थी. जिसके आलोक में कल्याण विभाग ने 11 लाख 47 हजार रुपए की लागत से कब्रिस्तान निर्माण कराने की स्वीकृति प्रदान की थी. जिसके बाद योजना का क्रियान्वयन भी करा दिया गया था, लेकिन गांव के संतोष यादव नाम के शख्स ने आरटीआई के तहत तत्कालीन बीडीओ से योजना क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी मांगी थी.

आरटीआई में हुआ था खुलासा
इसके बाद आरटीआई में खुलासा हुआ था कि जिस जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण कराया गया था, दरअसल योजना की स्वीकृति उक्त भूमि पर नहीं हुई थी. कल्याण विभाग द्वारा कब्रिस्तान के लिए तय जमीन पर कब्रिस्तान न बनाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद जहूर आलम द्वारा अन्य जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण करा दिया गया था.

ये भी पढ़ें- india vs pakistan: धोनी के स्कूल से लंदन भेजी गई मिट्टी, 7वीं बार भी मौका..मौका

सरकारी राशि का बंदरबांट
आरटीआई में खुलासा के बाद जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ और अन्य दोषियों के विरूद्ध सरकारी राशि का बंदरबांट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. डीसी ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने लंबी सुनवाई के बाद आरोपी बीडीओ की अंतरिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है. ऐसे में अब आत्मसमर्पण कर जेल की हवा खाएंगे.

चतरा: जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुंदा के चर्चित कब्रिस्तान घोटाला मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेज दिया है.

कब्रिस्तान की जमीन में घोटालेबाजी

कार्रवाई की अनुशंसा
मामले में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर घोटाले में संलिप्त कुंदा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी जहूर आलम, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भुनेश्वर पासवान, सहायक अभियंता सुरेश पासवान और कनीय अभियंता अशोक सिंह के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

11 लाख 47 हजार रुपए की लागत
डीसी ने बताया कि वर्ष 2014 में ग्रामीण मोहम्मद जमूल आलम में कुंदा प्रखंड के मुस्तवा गांव में कब्रिस्तान बनाने की मांग की थी. जिसके आलोक में कल्याण विभाग ने 11 लाख 47 हजार रुपए की लागत से कब्रिस्तान निर्माण कराने की स्वीकृति प्रदान की थी. जिसके बाद योजना का क्रियान्वयन भी करा दिया गया था, लेकिन गांव के संतोष यादव नाम के शख्स ने आरटीआई के तहत तत्कालीन बीडीओ से योजना क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी मांगी थी.

आरटीआई में हुआ था खुलासा
इसके बाद आरटीआई में खुलासा हुआ था कि जिस जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण कराया गया था, दरअसल योजना की स्वीकृति उक्त भूमि पर नहीं हुई थी. कल्याण विभाग द्वारा कब्रिस्तान के लिए तय जमीन पर कब्रिस्तान न बनाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद जहूर आलम द्वारा अन्य जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण करा दिया गया था.

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सरकारी राशि का बंदरबांट
आरटीआई में खुलासा के बाद जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ और अन्य दोषियों के विरूद्ध सरकारी राशि का बंदरबांट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. डीसी ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने लंबी सुनवाई के बाद आरोपी बीडीओ की अंतरिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है. ऐसे में अब आत्मसमर्पण कर जेल की हवा खाएंगे.

Intro:फर्जीवाड़ा कर कब्रिस्तान योजना की राशि का किया था बंदरबांट, अब जेल में काटेंगे गुनाहों की सजा

चतरा : जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुंदा के चर्चित कब्रिस्तान घोटाला मामले में आरोपियों के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला प्रशासन ने उनके खिलाफ आरोप पत्र गठित करते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेज दिया है। मामले में उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर घोटाले में संलिप्त कुंदा के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी जहूर आलम, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता भुनेश्वर पासवान, सहायक अभियंता सुरेश पासवान एवं कनीय अभियंता अशोक सिंह के विरूद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। डीसी ने बताया कि वर्ष 2014 में ग्रामीण मोहम्मद जमूल आलम में कुंदा प्रखंड के मुस्तवा गांव में कब्रिस्तान बनाने की मांग की थी। जिसके आलोक में कल्याण विभाग ने 11 लाख 47 हजार रुपए की लागत से कब्रिस्तान निर्माण कराने की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके बाद योजना का क्रियान्वयन भी करा दिया गया था। लेकिन गांव के संतोष यादव नामक शख्स ने आरटीआई के तहत तत्कालीन बीडीओ से योजना क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी मांगी थी। आज इसके बाद आरटीआई में खुलासा हुआ था कि जिस जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण कराया गया था दरअसल योजना की स्वीकृति उक्त भूमि पर नहीं हुई थी। कल्याण विभाग द्वारा कब्रिस्तान के लिए तहे जमीन पर कब्रिस्तान में बनाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहम्मद जहूर आलम द्वारा अन्य जमीन पर कब्रिस्तान का निर्माण करा दिया गया था। आरटीआई में खुलासा के बाद जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ व अन्य दोषियों के विरूद्ध सरकारी राशि का बंदरबांट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। डीसी ने बताया कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने लंबी सुनवाई के बाद आरोपी बीडीओ की अंतरिम जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया है। ऐसे में अब आत्मसमर्पण कर जेल की हवा खाएंगे।

बाईट : जितेंद्र कुमार सिंह -- डीसी -- चतरा।


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Last Updated : Jun 16, 2019, 1:52 PM IST
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