ETV Bharat / state

चतरा के गांव में कोरोना फैलने का शक, इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे ग्रामीण

चतरा के कान्हाचट्टी प्रखंड के पथेल गांव, जहां आज भी स्वास्थ्य सुवाधि नहीं पहुंची है. इससे बीमार लोगों को 20 किमी दूर इलाज करवाने जाना पड़ता है. स्थिति यह है कि इलाज के अभाव में चार लोगों की मौत कोरोना से हो गई है.

Four people died due to lack of treatment in Chatra
इलाज के अभाव में चार लोगों की हुई मौत
author img

By

Published : May 13, 2021, 8:49 PM IST

चतराः कान्हाचट्टी प्रखंड के पथेल गांव जंगल से घिरा है, जहां आज भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं पहुंची है. इससे चार कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो गई है. इसमें सुकर मांझी, मनवा देवी, गुड्ड यादव और कारू सिंह भोगता शामिल हैं. इतना ही नहीं, अब भी गांव के दर्जनों लोग सर्दी-खांसी, बदन दर्द और बुखार से पीड़ित हैं.

यह भी पढ़ेंःकोरोना ने फीका किया ईद पर कारोबार, त्योहार पर भी नहीं तेज हुआ व्यापार

पथेल गांव के आसपास स्वास्थ्य सुविधा की दयनीय स्थिति है. मरीजों को 20 किलोमीटर दूर पैदल चलकर कान्हाचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर भी डाॅक्टरों की कमी है, जिससे अधिकतर मरीजों को सदर अस्पताल, हजारीबाग प्रमंडलीय अस्पताल और राजधानी रांची रेफर कर दिया जाता है. स्थिति यह है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर स्वीकृत बल की तुलना में 80 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कम हैं.

गांव की आबादी तीन हजार

गांव की आबादी करीब 3000 है, जो कान्हाचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे है. इस केंद्र पर डाॅक्टर, पारा मेडिकल, लैब टेक्नीशियन नहीं है, जिससे ग्रामीण लोगों को मामूली इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. गांव के चंद्रदेव शर्मा बताते है कि बीमार मरीजों को 20 किलोमीटर इलाज कराने जाना पड़ता है. स्थिति यह है कि कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

चतराः कान्हाचट्टी प्रखंड के पथेल गांव जंगल से घिरा है, जहां आज भी स्वास्थ्य सुविधा नहीं पहुंची है. इससे चार कोरोना संक्रमित मरीजों की इलाज के अभाव में मौत हो गई है. इसमें सुकर मांझी, मनवा देवी, गुड्ड यादव और कारू सिंह भोगता शामिल हैं. इतना ही नहीं, अब भी गांव के दर्जनों लोग सर्दी-खांसी, बदन दर्द और बुखार से पीड़ित हैं.

यह भी पढ़ेंःकोरोना ने फीका किया ईद पर कारोबार, त्योहार पर भी नहीं तेज हुआ व्यापार

पथेल गांव के आसपास स्वास्थ्य सुविधा की दयनीय स्थिति है. मरीजों को 20 किलोमीटर दूर पैदल चलकर कान्हाचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर भी डाॅक्टरों की कमी है, जिससे अधिकतर मरीजों को सदर अस्पताल, हजारीबाग प्रमंडलीय अस्पताल और राजधानी रांची रेफर कर दिया जाता है. स्थिति यह है कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर स्वीकृत बल की तुलना में 80 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी कम हैं.

गांव की आबादी तीन हजार

गांव की आबादी करीब 3000 है, जो कान्हाचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भरोसे है. इस केंद्र पर डाॅक्टर, पारा मेडिकल, लैब टेक्नीशियन नहीं है, जिससे ग्रामीण लोगों को मामूली इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. गांव के चंद्रदेव शर्मा बताते है कि बीमार मरीजों को 20 किलोमीटर इलाज कराने जाना पड़ता है. स्थिति यह है कि कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.