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चतरा में मौत के पुल से होकर रोजाना गुजरती है जिंदगी, बेखबर बैठे हैं जनप्रतिनिधि और अधिकारी

चतरा जिले में तीन सालों से पुल का काम अधूरा पड़ा हुआ है. गांव वालों ने जुगाड़ करके पुल बना तो लिया है, लेकिन उसपर से गुजरना मौत को न्योता देने जेसा है. वहीं अधिकारी का कहना है कि जल्द ही पुल का निर्माण कर लिया जाएगा.

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पूल का निर्माण कार्य अधूरा
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Published : Nov 6, 2020, 1:45 PM IST

चतरा: जिले में सरकार के विकास वाले वादे फेल हैं. क्योंकि व्यवस्था पर ठेकेदार भारी है. जिले के पत्थलगड़ा प्रखंड के बोगासाड़म गांव में बुध नदी पर पुल के निर्माण कार्य को ठेकेदार आधे-अधूरे में छोड़कर 3 साल से फरार है.

देखें स्पेशल खबर
पूरा नहीं हुआ पुल का निर्माण कार्यबोगासाड़म गांव के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगाई कि अधूरे पुल का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाए. लेकिन सुनवाई अधूरी रह गई. जिसके बाद लोगों ने अपनी समस्या खुद ही सुलझाने की ठानी और बहती नदी पर देसी जुगाड़ से बांस बल्ली का पुल बना लिया. लोगों का कहना है कि अगर सरकार चाहती तो तीन सालों में अधूरे पुल का निर्माण कार्य करा सकती थी. अगर सरकार चाहती तो इंजीनियर और ठेकेदार सलाखों के पीछे होते और तीन सालों से जान जोखिम में डालकर नदी पार नहीं करना पड़ता.

इसे भी पढ़ें-KBC के इस सीजन में पहली करोड़पति महिला रांची की. परिवार में खुशी का माहौल

2017 में होना था पुल का निर्माण
वर्ष 2017 में पत्थलगड़ा प्रखंड के बोगासाड़म बुध नदी पर पुल का निर्माण कराया जाना था. निर्माण कार्य शुरू तो हुआ लेकिन अब तक यह पुल नहीं बन पाया है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इस रास्ते से बोगासाड़म, नावाडीह, डमौल, जगरनाथी, सिकरी, पत्थलगड़ा सहित दर्जनों गांवों के हजारों लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.


जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं जब इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मोनी कुमारी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जांच कर दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी और जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा.

चतरा: जिले में सरकार के विकास वाले वादे फेल हैं. क्योंकि व्यवस्था पर ठेकेदार भारी है. जिले के पत्थलगड़ा प्रखंड के बोगासाड़म गांव में बुध नदी पर पुल के निर्माण कार्य को ठेकेदार आधे-अधूरे में छोड़कर 3 साल से फरार है.

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पूरा नहीं हुआ पुल का निर्माण कार्यबोगासाड़म गांव के ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगाई कि अधूरे पुल का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाए. लेकिन सुनवाई अधूरी रह गई. जिसके बाद लोगों ने अपनी समस्या खुद ही सुलझाने की ठानी और बहती नदी पर देसी जुगाड़ से बांस बल्ली का पुल बना लिया. लोगों का कहना है कि अगर सरकार चाहती तो तीन सालों में अधूरे पुल का निर्माण कार्य करा सकती थी. अगर सरकार चाहती तो इंजीनियर और ठेकेदार सलाखों के पीछे होते और तीन सालों से जान जोखिम में डालकर नदी पार नहीं करना पड़ता.

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2017 में होना था पुल का निर्माण
वर्ष 2017 में पत्थलगड़ा प्रखंड के बोगासाड़म बुध नदी पर पुल का निर्माण कराया जाना था. निर्माण कार्य शुरू तो हुआ लेकिन अब तक यह पुल नहीं बन पाया है. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इस रास्ते से बोगासाड़म, नावाडीह, डमौल, जगरनाथी, सिकरी, पत्थलगड़ा सहित दर्जनों गांवों के हजारों लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.


जांच के बाद होगी कार्रवाई
वहीं जब इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने प्रखंड विकास पदाधिकारी मोनी कुमारी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जांच कर दोषी ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी और जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा.

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