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चतरा पुलिस की कारगुजारी, निर्दोष को सजा दिलाने के लिए IO ने खेला खेल, जज ने लगा दी क्लास

टंडवा थाना चतरा के जांच अधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक सचिदानंद सिंह की सीजेएम ने जमकर क्लास लगाई. दरअसल, अपनी खामियों को छिपाने की नीयत से कांड के जांच अधिकारी ने दोषी के बजाय निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर फर्जी नाम से जेल भेज दिया और कोर्ट में पेश करने के लिए पहुंचे. लेकिन तभी मामला का पर्दाफाश हो गया.

गिरफ्त में निर्दोष
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Published : Oct 15, 2019, 8:26 AM IST

चतरा: जिले के टंडवा थाना पुलिस की कारगुजारी का मामला सामने आया है. अपनी खामियों को छिपाने की नीयत से कांड के जांच अधिकारी ने दोषी के बजाय निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर फर्जी नाम से जेल भेज दिया. जिसका पर्दाफाश हुआ है. आईओ की इस गुस्ताखी के लिए जज ने कोर्ट में ही पुलिस की क्लास लगा दी.

देखें पूरी खबर

कोर्ट में ही क्लास
पुलिस की इस लालफीताशाही का खुलासा तब हुआ जब गिरफ्तार युवक को जेल भेजने से पहले सीजेएम ने शक के आधार पर उसके दस्तावेजों की जांच की. जांच में जो तथ्य सामने आए, यह देख सीजेएम के होश उड़ गए. जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही मौजूद टंडवा थाना के जांच अधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक सचिदानंद सिंह की जमकर क्लास लगा दी. साथ ही गिरफ्तार युवक को तुरंत छोड़ने का भी निर्देश दे दिया.

ये भी पढ़ें- 12 साल से फरार नक्सली चढ़ा पुलिस के हत्थे, आंध्र प्रदेश में रह रहा था छिपकर

आरोपी को बचाया दोषी को सजा दिलाने की तैयारी
दरअसल, आईओ ने टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 112/18 में कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेजने के लिए अदालत में पेश किया था. मजे की बात तो यह है कि इस केस में कुंमडांग गांव निवासी लेखु सिंह को जेल भेजना था, लेकिन केस आईओ ने लेखु के बजाय गांव के ही मनीष कुमार सिंह नाम के निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया था.

ये भी पढ़ें- मरीज की मौत के बाद परिजनों का अस्पताल में हंगामा, डॉक्टर के खिलाफ कराया FIR

आधार और पैन कार्ड की भी जांच
आईओ ने मामले में होशियारी यह भी दिखाई थी कि मनीष के नाम के बाद उर्फ लेखु लिख दिया था. बावजूद उसकी यह चालाकी न्यायालय में धरी की धरी रह गई. आधार कार्ड और पैन कार्ड से मिलान करने पर न ही कहीं लेखु मिला और न ही उसके पिता का नाम और पता.

चतरा: जिले के टंडवा थाना पुलिस की कारगुजारी का मामला सामने आया है. अपनी खामियों को छिपाने की नीयत से कांड के जांच अधिकारी ने दोषी के बजाय निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर फर्जी नाम से जेल भेज दिया. जिसका पर्दाफाश हुआ है. आईओ की इस गुस्ताखी के लिए जज ने कोर्ट में ही पुलिस की क्लास लगा दी.

देखें पूरी खबर

कोर्ट में ही क्लास
पुलिस की इस लालफीताशाही का खुलासा तब हुआ जब गिरफ्तार युवक को जेल भेजने से पहले सीजेएम ने शक के आधार पर उसके दस्तावेजों की जांच की. जांच में जो तथ्य सामने आए, यह देख सीजेएम के होश उड़ गए. जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही मौजूद टंडवा थाना के जांच अधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक सचिदानंद सिंह की जमकर क्लास लगा दी. साथ ही गिरफ्तार युवक को तुरंत छोड़ने का भी निर्देश दे दिया.

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आरोपी को बचाया दोषी को सजा दिलाने की तैयारी
दरअसल, आईओ ने टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 112/18 में कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेजने के लिए अदालत में पेश किया था. मजे की बात तो यह है कि इस केस में कुंमडांग गांव निवासी लेखु सिंह को जेल भेजना था, लेकिन केस आईओ ने लेखु के बजाय गांव के ही मनीष कुमार सिंह नाम के निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया था.

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आधार और पैन कार्ड की भी जांच
आईओ ने मामले में होशियारी यह भी दिखाई थी कि मनीष के नाम के बाद उर्फ लेखु लिख दिया था. बावजूद उसकी यह चालाकी न्यायालय में धरी की धरी रह गई. आधार कार्ड और पैन कार्ड से मिलान करने पर न ही कहीं लेखु मिला और न ही उसके पिता का नाम और पता.

Intro:चतरा पुलिस की कारगुजारी उजागर, दोषी के बजाय निर्दोष को गिरफ्तार करने पर कोर्ट में लगी क्लास

चतरा : जिले के टंडवा थाना पुलिस के कारगुजारी का अनोखा मामला प्रकाश में आया है। अपनी खामियों को छुपाने के नियत से कांड के जांच अधिकारी के द्वारा दोषी के बजाय निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर फर्जी नाम से जेल भेजने की योजना का पर्दाफाश हुआ है। आईओ के इस गुस्ताखी के लिए जज ने कोर्ट में ही पुलिस की क्लास लगाई है।Body:पुलिस के इस लालफीताशाही रवैये का खुलासा तब हुआ जब गिरफ्तार युवक को जेल भेजने से पूर्व सीजीएम ने शक के आधार पर उसके दस्तावेजों की जांच की। जांच में जो तथ्य सामने आए यह देख सीजेएम के होश पाख्ता हो गए। जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही मौजूद टंडवा थाना के जांच अधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक सचिदानंद सिंह की जमकर क्लास लगा दी। साथ ही गिरफ्तार युवक को अविलंब छोड़ने का भी निर्देश दे दिया। Conclusion:दरअसल आईओ ने टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 112/18 में कार्रवाई करते हुवे आरोपी को जेल भेजने के लिए अदालत में पेश किया था। मजे की बात तो ये है कि इस केश में कुंमडांग गांव निवासी लेखु सिंह को जेल भेजना था, लेकिन केस आईओ ने लेखु के बजाय गांव के ही मनीष कुमार सिंह नामक निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया था। आईओ ने मामले में होशियारी यह भी दिखाया था कि मनीष के नाम के बाद उर्फ लेखु लिख दिया था। बावजूद उसकी यह चालांकि न्यायालय में धरी की धरी रह गई। आधार कार्ड व पैन कार्ड से मिलान करने पर न ही कहीं लेखु मिला और ना ही उसके पिता का नाम और पता।
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