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नवजात के खरीद-बिक्री मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मां सहित 12 लोग गिरफ्तार

नवजात को खरीदने वाले दंपती का कहना है कि उन्होंने बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है. पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने इस नवजात को खरीदा था. जिसे पढ़ा-लिखाकर अपने अनुरूप बनायेंगे और बुढ़ापे का सहारा बनाने की मंशा थी.

Chatra News
नवजात की खरीद-बिक्री मामले में पुलिस को बड़ी सफलता
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Published : Mar 23, 2023, 11:07 PM IST

चतरा: चतरा में नवजात का सौदा करने वाली मां को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा इसमें शामिल 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में सदर अस्पताल की सहिया और एनटीपीसी की कर्मी के अलावा चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो के सरकारी और निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों की संलिप्ता भी सामने आई है. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में चतरा एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी. जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

ये भी पढ़ें: झारखंड के सरकारी अस्पताल में नवजात की खरीद फरोख्त, एक लाख रुपए में हुआ सौदा

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि चतरा के दीभा मुहल्ला निवासी एक महिला ने पैसों के लालच में प्रसव के आठ घंटे के बाद ही एक लाख रुपये में अपने नवजात को बेच दिया था. महिला ने 18 मार्च की रात चतरा के सदर अस्पताल में शिशु को जन्म दिया था. इधर, महिला के रिश्तेदारों की शिकायत पर चतरा जिला प्रशासन एवं सदर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और नवजात की तलाश शुरू की. नवजात की मां को एक लाख रुपये दिए गए थे जबकि साढ़े तीन लाख रुपये सहिया और ड्रेशर समेत अन्य ब्रोकरों के बीचा बंटा था.

नर्सिंग होम के संचालक ने कराया था सौदा: सहिया ने चतरा में नर्सिंग होम के संचालक अरुण कुमार दांगी से साढ़े 4 लाख रुपये में सौदा कराया था. मामले में नवजात को खरीदने वाले हजारीबाग के बड़कागांव निवासी दंपत्ति उपेंद्र कुमार और रीना देवी को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. इनकी गिरफ्तारी बड़कागांव से हुई. नाबालिग खरीद-बिक्री सिंडिकेट में शामिल एनटीपीसी टंडवा का ड्रेसर सरोज कुमार समेत 9 अन्य ब्रोकरों को हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और बोकारो जिले के अलग-अलग इलाके से धर दबोचा है. हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अरुण दांगी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है. जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने दबिश बढ़ा दी है. एसआईटी में थाना प्रभारी मनोहर करमाली, एसआई वीणा कुमारी व निरंजन कुमार समेत सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.

इस कारण खरीदा था नवजात: नवजात को खरीदने वाले दंपती का कहना है कि उन्होंने बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है. पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने इस नवजात को खरीदा था. जिसे पढ़ा- लिखाकर अपने अनुरूप बनायेंगे और बुढ़ापे का सहारा बनाने की मंशा थी. दंपती बड़कागांव इलाके के रहने वाले हैं. विभिन्न कंपनियों के चार मोबाइल व नाबालिग खरीद बिक्री में प्रयुक्त एक लाख 64 हजार रुपये नगद भी पुलिस बरामद की है. हिरासत में लिये गये लोगों में चास के जोधाडीह मोड़ निवासी आनंद जायसवाल और रजनीकांत तथा हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ निवासी चंदन कुमार शामिल हैं.

चतरा: चतरा में नवजात का सौदा करने वाली मां को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा इसमें शामिल 12 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में सदर अस्पताल की सहिया और एनटीपीसी की कर्मी के अलावा चतरा, हजारीबाग, रामगढ़ और बोकारो के सरकारी और निजी अस्पतालों के स्वास्थ्य कर्मियों की संलिप्ता भी सामने आई है. इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में चतरा एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई थी. जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ किया है.

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क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि चतरा के दीभा मुहल्ला निवासी एक महिला ने पैसों के लालच में प्रसव के आठ घंटे के बाद ही एक लाख रुपये में अपने नवजात को बेच दिया था. महिला ने 18 मार्च की रात चतरा के सदर अस्पताल में शिशु को जन्म दिया था. इधर, महिला के रिश्तेदारों की शिकायत पर चतरा जिला प्रशासन एवं सदर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और नवजात की तलाश शुरू की. नवजात की मां को एक लाख रुपये दिए गए थे जबकि साढ़े तीन लाख रुपये सहिया और ड्रेशर समेत अन्य ब्रोकरों के बीचा बंटा था.

नर्सिंग होम के संचालक ने कराया था सौदा: सहिया ने चतरा में नर्सिंग होम के संचालक अरुण कुमार दांगी से साढ़े 4 लाख रुपये में सौदा कराया था. मामले में नवजात को खरीदने वाले हजारीबाग के बड़कागांव निवासी दंपत्ति उपेंद्र कुमार और रीना देवी को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया है. इनकी गिरफ्तारी बड़कागांव से हुई. नाबालिग खरीद-बिक्री सिंडिकेट में शामिल एनटीपीसी टंडवा का ड्रेसर सरोज कुमार समेत 9 अन्य ब्रोकरों को हजारीबाग, रामगढ़, चतरा और बोकारो जिले के अलग-अलग इलाके से धर दबोचा है. हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अरुण दांगी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है. जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने दबिश बढ़ा दी है. एसआईटी में थाना प्रभारी मनोहर करमाली, एसआई वीणा कुमारी व निरंजन कुमार समेत सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.

इस कारण खरीदा था नवजात: नवजात को खरीदने वाले दंपती का कहना है कि उन्होंने बच्चे को खरीदा, क्योंकि उनकी सिर्फ तीन बेटियां हैं और पुत्र नहीं है. पुत्र की चाहत और वंश को आगे बढ़ाने की चाहत से उन्होंने इस नवजात को खरीदा था. जिसे पढ़ा- लिखाकर अपने अनुरूप बनायेंगे और बुढ़ापे का सहारा बनाने की मंशा थी. दंपती बड़कागांव इलाके के रहने वाले हैं. विभिन्न कंपनियों के चार मोबाइल व नाबालिग खरीद बिक्री में प्रयुक्त एक लाख 64 हजार रुपये नगद भी पुलिस बरामद की है. हिरासत में लिये गये लोगों में चास के जोधाडीह मोड़ निवासी आनंद जायसवाल और रजनीकांत तथा हरला थाना क्षेत्र के चैताटांड़ निवासी चंदन कुमार शामिल हैं.

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