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चतराः बिरहोरों को साफ पानी उपलब्ध नहीं कर सकी सरकार, चुनाव के समय करती है वादों की बरसात

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Published : Dec 10, 2019, 10:43 AM IST

Updated : Dec 10, 2019, 10:54 AM IST

चतरा के सिमरिया में बिरहोरों की स्थिति काफी दयनीय है. सुविधाओं की बात छोड़िए यहां पीने के पानी के लिए भी कोई व्यवस्था सरकार अबतक नहीं कर पाई है. जिससे ये बिरहोर गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं. हालांकि चुनाव के समय हर राजनीतिक पार्टी के नेता यहां आ रहे हैं और समस्या गिना कर वोट मांग रहे हैं.

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पानी लेने जाती बिरहोर महिला

चतरा: एक ओर केंद्र और राज्य सरकार हर क्षेत्र में विकास की कई योजनाओं को चलाकर लोगों को समृद्ध बनाने में जुटी है. लेकिन चतरा के सिमरिया अनुमंडल में बिरहोर जनजाति परिवार के लोग आज भी आदिम युग में जीने को विवश हैं. बिरहोर परिवार के लोग मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. जिससे इस परिवार के लोग गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

नहीं मिला उज्ज्वला योजना का लाभ
सिमरिया प्रखंड के बगरा गांव के बिरहोर कलोनी में 5 साल पहले एक जलमीनार और चापाकल लगाया गया था. बिरहोर परिवार के लोग ने जलमीनार से कुछ दिन पानी पीकर प्यास बुझाई, लेकिन कुछ ही महीनों में चापाकल खराब हो गया. जिसके कारण बिरहोर समुदाय कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. वहीं, बिरहोर जनजाति के महिलाओं को आजतक तक उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिला पाया है. जिससे जलती अंगेठी में महिलाएं फूंक मारने को विवश हैं. बिजली की सुविधा नहीं होने के कारण अंधेरे में रहना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- चुनाव प्रभावित करने के लिए माओवादियों की चौतरफा घेराबंदी, दो चरणों मे दिखाई नक्सलियों ने धमक

चुनाव के समय याद आ रही समस्याएं
कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इन बिरहोर परिवार की स्थित देखने और जानने की कोशिश नहीं करता. जिसके कारण बिरहोर परिवार की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. सरकार का हर दावा इस गांव में फेल होता जाता है. बिरहोर समुदाय के लोगों का कहना है कि अब नेताओं को इस चुनाव में ये याद आ रहा है कि यहां पानी की समस्या है. रोज कोई ना कोई नेता उनसे वोट मांग रहे हैं. पिछले 5 सालों में कोई भी उनकी समस्या सुनने नहीं आया, लेकिन अब हाथ जोड़कर विनती की जा रही है. नेता बस वोट मांग रहे हैं.

चतरा: एक ओर केंद्र और राज्य सरकार हर क्षेत्र में विकास की कई योजनाओं को चलाकर लोगों को समृद्ध बनाने में जुटी है. लेकिन चतरा के सिमरिया अनुमंडल में बिरहोर जनजाति परिवार के लोग आज भी आदिम युग में जीने को विवश हैं. बिरहोर परिवार के लोग मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है. जिससे इस परिवार के लोग गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे हैं.

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नहीं मिला उज्ज्वला योजना का लाभ
सिमरिया प्रखंड के बगरा गांव के बिरहोर कलोनी में 5 साल पहले एक जलमीनार और चापाकल लगाया गया था. बिरहोर परिवार के लोग ने जलमीनार से कुछ दिन पानी पीकर प्यास बुझाई, लेकिन कुछ ही महीनों में चापाकल खराब हो गया. जिसके कारण बिरहोर समुदाय कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. वहीं, बिरहोर जनजाति के महिलाओं को आजतक तक उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिला पाया है. जिससे जलती अंगेठी में महिलाएं फूंक मारने को विवश हैं. बिजली की सुविधा नहीं होने के कारण अंधेरे में रहना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- चुनाव प्रभावित करने के लिए माओवादियों की चौतरफा घेराबंदी, दो चरणों मे दिखाई नक्सलियों ने धमक

चुनाव के समय याद आ रही समस्याएं
कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इन बिरहोर परिवार की स्थित देखने और जानने की कोशिश नहीं करता. जिसके कारण बिरहोर परिवार की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. सरकार का हर दावा इस गांव में फेल होता जाता है. बिरहोर समुदाय के लोगों का कहना है कि अब नेताओं को इस चुनाव में ये याद आ रहा है कि यहां पानी की समस्या है. रोज कोई ना कोई नेता उनसे वोट मांग रहे हैं. पिछले 5 सालों में कोई भी उनकी समस्या सुनने नहीं आया, लेकिन अब हाथ जोड़कर विनती की जा रही है. नेता बस वोट मांग रहे हैं.

Intro:चतरा: पानी के लिए पानी-पानी हो रहे बिरहोर समुदाय, नेताओं को चुनाव के समय याद आती समस्या

चतरा: एक ओर केंद्र और राज्य सरकार हर क्षेत्र में विकास की कई योजनाओं को चलाकर लोगो को समृद्ध बनाने में जुटी हुई है, लोगो को बिजली पानी शिक्षा स्वास्थ्य सुविधा बहाल कर रही है। वहीं चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल में बिरहोर जनजाति परिवार के लोग आज भी आदिम युग में जीने को विवस है। बिरहोर परिवार के लोग मूलभूत सुविधाओं से अब तक वंचित है। इन्हें शिक्षा स्वास्थ्य पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिससे इस परिवार के लोग कुआं का गंदा पानी पीकर प्यास बुझा रहे है। गंदा पानी पीकर लोग बीमार भी पड़ रहे है।

1. बाईट--- लक्ष्मी देवी
2. बाईट--- रीना देवी
3. बाईट--- बिसनी देवीBody:सिमरिया प्रखंड के बगरा गांव के बिरहोर कलोनी में पांच वर्ष पहले एक जलमीनार और चापाकल लगाया गया था। बिरहोर परिवार के लोग इस जलमीनार से कुछ दिन पानी पीकर प्यास बुझाए। लेकिन कुछ ही महीनों में चापाकल खराब हो गया। जिसके कारण बिरहोर समुदाय कुआं का गंदा पानी पीने को मजबूर है। वहीं बिरहोर जनजाति के महिलाओं को आजतक तक उज्जवला योजना का लाभ नहीं मिल पाई है, जिससे जलती अंगेठी में महिलाएं फूंक मारने को विवश है। बिजली की सुविधा नहीं होने के कारण अँधेरे में रहना पड़ता है। साथ ही टूटे फूटे घर में रहकर जीवन बसर कर रहे है। कोई भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी इन बिरहोर परिवार की स्थित देखने और जानने की कोशिश नही की। जिसके कारण बिरहोर परिवार की स्थिति ज्यो का त्यों बनी हुई है। Conclusion:सरकार का हर दावा इस गांव में फेल होता जाता है। बिरहोर समुदाय के लोगों का कहना है कि अब नेताओं को इस चुनाव में ये याद आ रहा है कि यहां पानी की समस्या है। रोज कोई ना कोई नेता उनसे वोट मांग रहे हैं। पिछले पांच साल में कोई भी हमारा समस्या सुनने नहीं आया। लेकिन अब हाथ जोड़कर विनती की जा रही है कि हमें वोट दें। वहीं, सिमरिया विधानसभा में चुनावी प्रचार-प्रसार जोरों पर है और यहां 12 दिसंबर को मतदान होना है। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जनता किस पार्टी को अपना समर्थन देती है और किसे जीत की गद्दी पर बिठाती है।

मोहम्मद अरबाज ईटीवी भारत चतरा
Last Updated : Dec 10, 2019, 10:54 AM IST
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