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जहरीली गैस के साए में स्कूल, बच्चों को पानी पीने के लिए भी जाना पड़ता है घर

इस स्कूल में बच्चों को पीने के लिए पानी नहीं है. जिसको लेकर बच्चों को खाना खाने के बाद हाथ धोने के लिए घर जाना पड़ता. जिसकी कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की लेकिन अबतक इस ओर किसी भी कोई पहल नहीं की.

जहरीली गैस के साए में स्कूल
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Published : Feb 16, 2019, 3:01 PM IST

धनबाद: झरिया में कुजामा के सेंट्रल मध्य विद्यालय की हालात कितनी खराब है इसका अंदाजा आप इसी बात से लागा सकते हैं कि बच्चे वहां खाना तो खा लेते हैं, लेकिन पानी हाथ धोने और पानी पीने के लिए उन्हें घर जाना पड़ता है. यही नहीं, स्कूल कंपाउंड के अंदर भूमिगत आग के कारण जहरीली गैस का भी रिसाव होता है जिससे बच्चे परेशान हैं.

जहरीली गैस के साए में स्कूल
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झरिया नगर निगम के अंतर्गत इस विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है. खाना बनाने वाली महिलाएं बताती है कि रात के 12 बजे से पानी के लिए लाइन में लगना होता है. यही नहीं स्कूल में नहीं होने से खाना बनाने के बाद बच्चों को हाथ धोने और पानी पीने के लिए मजबूरी में घर जाना पड़ता है.

वहीं, यही नहीं स्कूल में शौचालय भी व्यवस्था नहीं है, शौच के लिए बच्चों को घर जाना पड़ता है जिससे पढ़ाई भी बाधित होती है. इधर, स्कूल की महिला टीचर का कहना है कि वह मजबूरी में बाहर या फिर अगल-बगल के घर में जाने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है.

जब इन सारी सम्सया को लेकर विद्यालय समिति के अध्यक्ष विजय भुइयां ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों के पास लिखित और मौखिक सभी तरह की शिकायतें की गई है. इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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धनबाद: झरिया में कुजामा के सेंट्रल मध्य विद्यालय की हालात कितनी खराब है इसका अंदाजा आप इसी बात से लागा सकते हैं कि बच्चे वहां खाना तो खा लेते हैं, लेकिन पानी हाथ धोने और पानी पीने के लिए उन्हें घर जाना पड़ता है. यही नहीं, स्कूल कंपाउंड के अंदर भूमिगत आग के कारण जहरीली गैस का भी रिसाव होता है जिससे बच्चे परेशान हैं.

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झरिया नगर निगम के अंतर्गत इस विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है. खाना बनाने वाली महिलाएं बताती है कि रात के 12 बजे से पानी के लिए लाइन में लगना होता है. यही नहीं स्कूल में नहीं होने से खाना बनाने के बाद बच्चों को हाथ धोने और पानी पीने के लिए मजबूरी में घर जाना पड़ता है.

वहीं, यही नहीं स्कूल में शौचालय भी व्यवस्था नहीं है, शौच के लिए बच्चों को घर जाना पड़ता है जिससे पढ़ाई भी बाधित होती है. इधर, स्कूल की महिला टीचर का कहना है कि वह मजबूरी में बाहर या फिर अगल-बगल के घर में जाने को विवश हैं. उन्होंने बताया कि इससे उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है.

जब इन सारी सम्सया को लेकर विद्यालय समिति के अध्यक्ष विजय भुइयां ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों के पास लिखित और मौखिक सभी तरह की शिकायतें की गई है. इसके बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

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Intro:धनबाद: हिंदी फिल्म का एक गाना है कौन सुनेगा किसको सुनाएं इसलिए चुप रहते हैं .जी हां यह गाना झरिया के कुजामा स्थित इस मध्य विद्यालय में सटीक बैठती है क्योंकि इस विद्यालय में भी समस्याएं ही समस्याएं हैं लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है.

जी हां हम बात कर रहे हैं धनबाद के झरिया इलाके के कुजामा स्थित सेंट्रल मध्य विद्यालय की जहां पर समस्याओं का अंबार है. सबसे भीषण समस्या यहां पर पानी की बनी हुई है जिसकी वजह से यहां पर मध्याह्न भोजन में बच्चे खाना तो खा लेते हैं लेकिन हाथ धोने और पानी पीने के लिए उन्हें घर जाना पड़ता है.तो दूसरी समस्या विद्यालय कंपाउंड के अंदर भूमिगत आग के कारण जहरीली गैस रिसाव की है. जिस पर भी अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.

झरिया नगर निगम अंतर्गत इस विद्यालय में लगभग 15 वर्षों से पानी की समस्या बनी हुई है .खाना बनाने वाली महिलाएं बताती है कि रात के 12 बजे से नल में लाइन में लगकर किसी प्रकार पानी जमा किया जाता है.और किसी तरह विद्यालय में खाना बनाने का काम होता है.लेकिन खाना बनाने के बाद बच्चों को हाथ धोने और पानी पीने के लिए मजबूरी में घर भेजना पड़ता है क्योंकि यहां पर एक भी चापानल नहीं है. ना ही नगर निगम की ओर से ही नल लगाया गया है.




Body:इस विद्यालय में पढ़ाने वाली सहायक शिक्षिका अर्चना देवी का भी कहना है कि कभी कभी हम लोगों को भी शौचालय जाने की जरूरत पड़ती है तो मजबूरन बाहर में जहां-तहां या फिर अगल बगल वाले घर में जाना पड़ता है. जिसमें शर्मिंदगी भी महसूस होती है.

वहीं इस विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा ने बताया कि खाना खाने के बाद सर डांट कर उन्हें हाथ धोने और पानी पीने के लिए घर भेजते हैं और घर आने जाने में बहुत समय लग जाता है. शौचालय भी करने के लिए घर जाना पड़ता है. जिससे पढ़ाई भी बाधित होती है. पानी मिलने से सभी समस्या खत्म हो जाएगी.

वही विद्यालय समिति के अध्यक्ष विजय भुइयां ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर उच्च अधिकारियों के पास लिखित व मौखिक सभी तरह की शिकायतें की गई है. इसके बावजूद इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. पता नहीं प्रशासन कुंभकरनी निद्रा से जागेगी भी या नहीं इस और कब इस ओर ध्यान दिया जाएगा.


Conclusion:कुल मिलाकर अगर यह कहा जाए कि एक और सरकार जहां करोड़ों रुपए शिक्षा पर पानी की तरह बहा देती है .वहीं पानी जैसी मूलभूत सुविधा का इस विद्यालय में नहीं होना काफी गंभीर सवाल पैदा करता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस खबर के बाद भी प्रशासन इस ओर ध्यान देती है अथवा नहीं.
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