रांची: प्रदेश में तीसरे चरण में रविवार को कोल्हान इलाके की दो सीट सिंहभूम और जमशेदपुर समेत गिरिडीह और धनबाद में मतदान होना है. धनबाद और गिरिडीह की बेल्ट पूरे देश में कोयलांचल के नाम से जानी जाती है. सिंहभूम और जमशेदपुर कोल्हान इलाके की ये दोनों संसदीय सीट लौह अयस्क और दूसरे मिनरल्स की वजह से मशहूर हैं. हालांकि खान और खदान की समानता वाले इन इलाकों में यह अब कोई मुद्दा नहीं है.
कोल्हान में क्या है राजनीतिक परिदृश्य
कोल्हान इलाके की दोनों सीटों में एक तरफ जहां राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, दूसरी तरफ दो पूर्व मुख्यमंत्री अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी भूमिका में हैं. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सरायकेला खरसावां के निवासी हैं. वहीं, दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा खुद सिंहभूम से मैदान में हैं. बीजेपी खेमें की बात करें, तो मौजूदा मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के लिए सिंहभूम और जमशेदपुर दोनों सीटों पर बीजेपी को जीत दिलाने की नैतिक जिम्मेदारी दी गई है. क्योंकि सिंहभूम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा का मुकाबला गीता कोड़ा से है. वहीं, जमशेदपुर सीट पर निवर्तमान सांसद विद्युत वरण महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के 'टाइगर' उपनाम से फेमस चंपई सोरेन को कड़ा मुकाबला देने मैदान में उतरे हैं.
कोयलांचल में एनडीए के सामने हैं चुनौतियां
कोयलांचल की गिरिडीह और धनबाद सीट की बात करें तो गिरिडीह में जहां एनडीए का प्रमुख घटक दल आजसू मैदान में है. वहीं, धनबाद में निवर्तमान सांसद पीएन सिंह तीसरी बार संसदीय चुनाव में उतरे हैं. हालांकि आजसू ने पिछला लोकसभा इलेक्शन भी गिरिडीह से लड़ा था, लेकिन तब वो अकेला था. इस बार पूरा एनडीए एकजुट होकर आजसू प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी के फेवर में खड़ा है. इसके साथ ही बाकायदा चुनावी अभियान तेजी से चल रहा है. वहीं, धनबाद से पीएन सिंह दो बार सांसद रह चुके हैं और उनके सामने बीजेपी के पूर्व नेता कीर्ति झा आजाद खड़े हैं. बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के बाद आजाद धनबाद से पार्टी के उम्मीदवार बनाए गए हैं.
क्या कहते हैं राजनीतिक दल
वहीं, चारों सीटों को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों आश्वस्त हैं. एक तरफ बीजेपी प्रदेश कमिटी के सदस्य प्रदीप सिन्हा ने दावा किया कि चारों सीटें फिलहाल बीजेपी के कब्जे में हैं. इसलिए एनडीए इन सीटों पर फिर से जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि पीएम की लोकप्रियता का असर इस फेज में देखने को मिलेगा. जबकि विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि 2 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, जबकि दो अन्य पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार हैं. इन चारों सीटों पर पार्टी की मजबूत दावेदारी है.
क्या कहते हैं इलेक्शन कमीशन के आंकड़े
इलेक्शन कमीशन के आंकड़ों के हिसाब से जाएं, तो तीसरे चरण में 66.85 लाख मतदाता वोट करेंगे. कुल 8300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. जिनमें 2582 शहरी इलाकों में है, जबकि 5718 ग्रामीण इलाकों में है. इलेक्शन कमीशन के अनुसार उन मतदान केंद्रों में तीन क्रिटिकल श्रेणी के हैं, जबकि 1762 हाइपरसेंसेटिव है और 3908 सेंसेटिव पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. मतदान में लगभग 40 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, जिसमें 175 कंपनी केंद्रीय अर्धसैनिक बल की हैं.