रांची/हैदराबादः लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सब तरफ गहमा-गहमी है. सीटों को लेकर मारा-मारी. जोड़-तोड़ जारी है. पिछले चुनावों के आंकड़े खंगाले जा रहे हैं. तरह-तरह के विश्लेषण किये जा रहे हैं. जीत-हार के समीकरण तय हो रहे हैं. ऐसे माहौल में कुछ रोचक तथ्य भी सामने आ रहे हैं.
हर चुनाव में कुछ न कुछ ऐसा हो जाता है. जो उस चुनाव को हमेशा के लिए यादगार बना जाता है. ऐसी ही कुछ हुआ था 1998 के लोकसभा चुनाव में संथाल की तीन सीटों में से एक राजमहल संसदीय सीट के मुकाबले में.
1998 के लोकसभा चुनाव में संथाल की इस रिजर्व सीट पर मुख्य मुकाबला था बीजेपी और कांग्रेस के बीच. बीजेपी के प्रत्याशी थे सोम मरांडी, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी थे थॉमस हांसदा. मुकाबला काफी कड़ा था. थॉमस हांसदा उस समय वहां के सांसद भी थे. बीजेपी के सोम मरांडी ने कड़ी टक्कर दी थी.
मतगणना के वक्त हर राउंड की गिनती के बाद प्रत्याशियों की धड़कन घटती-बढ़ती जा रही थी. एक राउंड की गिनती के बाद एक पक्ष के समर्थक खुश होते तो अगले राउंड की गिनती के बाद दूसरे पक्ष के समर्थकों के चेहरे पर मुस्कान आती. उतार-चढ़ाव से भरे उस मतगणना में सबकी सांसे थम सी गई थी.
मुकाबला कितना रोचक रहा होगा, उसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि उस चुनाव में जीत-हार का अंतर महज 9 वोट का था. 1998 के इस दंगल में आखिरकार विजयी रहे थे बीजेपी के सोम मरांडी. जबकि दूसरे कांग्रेस के थॉमस हांसदा को हार का सामना करना पड़ा. सोम मरांडी को कुल 1 लाख 98 हजार 889 वोट मिले थे. जबकि थॉमस हांसदा को कुल 1 लाख 98 हजार 880 वोट मिले थे.