रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार में मंत्री सरयू राय संभवतः इस प्रदेश और देश के इकलौते ऐसे मंत्री हैं जो पिछले 4 साल से सरकार में रहकर उसकी खामियों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते आ रहे हैं.
राय मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में प्रदेश में चल रही सरकार की माइनिंग पॉलिसी और अधिकारियों की लालफीताशाही को लेकर कई चिट्टियां मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं. करप्शन के खिलाफ आवाज उठाने वाले राय ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में साफ कहा कि उन्हें बड़ी शर्मिंदगी होती है कि वह इस कैबिनेट में मिनिस्टर हैं, जहां उनकी बात सही ढंग से सुनी नहीं जाती है.
उन्होंने बताया कि अपनी यह पीड़ा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बयां की थी. सरयू राय ने बाकायदा पीएम से अगस्त, 2017 में मुलाकात की और अपना मंत्री पद छोड़ने का भी प्रस्ताव दिया. हालांकि पीएम के आश्वासन के बाद वह झारखंड सरकार में अभी कंटिन्यू कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से सरयू राय ने कहा कि 2017 के अगस्त महीने में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और कहा कि इस कैबिनेट में मंत्री रह कर वह शर्मिंदगी का अनुभव करते हैं. उन्होंने कहा चूंकि पीएम मोदी उनके पुराने परिचित हैं और इसलिए उन्होंने उनसे शेयर किया. इस पर प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि अगर कहीं भी गलत हो रहा है तो उसे सब लोग मिल बैठकर ठीक करेंगे.
बता दें कि राय के पास पहले संसदीय कार्यमंत्री की भी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने फरवरी, 2018 में उस पद से मुक्त करने के लिए सरकार को लिखा और उनके पास फिलहाल खाद्य, आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण विभाग है.
ईटीवी भारत से मंत्री सरयू राय ने तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की है. इंटरव्यू के अगले पार्ट में सरकार के कार्यशैली को लेकर और भी कई खुलासे होंगे. इसके लिए आप बने रहें हमारे साथ.