दुमका: हमारे देश में राजनीतिक दल किसी भी अवसर पर एक दूसरे पर हमला करने का मौका नहीं चूकते, कुछ ऐसा ही देखने को मिला संथाल आंदोलन की दो वीरांगनाओं की प्रतिमाओं के अनावरण के बाद. इस देश में एक दूसरे पर राजनीतिक हमला और खुद से ही अपनी तारीफ एक आम बात हो गई है.
आपको बता दें कि 1855 में संथाल आंदोलन हुई थी, जिसमें सिद्धो कान्हो ने हथियार उठाए थे, जिसमें वो शहीद हो गए थे. फूलो और झानो शहीद सिद्धो कान्हो की बहन थी. शहीद सिद्धो कान्हो की बहन की प्रतिमा का अनावरण शहर के रिंग रोड में कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी ने किया. इस दौरान मंत्री लुईस मरांडी ने लोगों से कहा कि सरकार राज्य की जनता के लिए सामान्य रूप से विकास कर रही है. इस मौके पर लुईस मरांडी ने झामुमो पर भी निशाना साधा.
लुईस मरांडी के जेएमएम पर हमले के बाद हेमंत सोरेन ने भी पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने नेताओं को सम्मान नहीं दे सकती तो शहीदों को क्या सम्मान देगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सिद्धो कान्हो, फूलो झानो कौन थे, इसकी जानकारी भी बीजेपी को नहीं है. सोरेन ने कहा कि भाजपा शहीदों को सम्मान देने का सिर्फ दिखावा करती है. सिदो कान्हो के परिवारों का जीतना भी विकास हुए है वो जेएमएम ने ही किया है.