रांची: राजधानी के कोकर स्थित भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर लगी आदम कद प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने पर राजनीति शुरू हो गई है. अलग-अलग आदिवासी संगठनों के साथ महानगर झामुमो और वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया. इसे लेकर सभी विपक्षी दलों ने कल रांची बंद का भी आहृवान किया है. इसे लेकर मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा.
बिरसा मुंडा की मूर्ति क्षतिग्रस्त होने की खबर मिलते ही आदिवासी संगठन के कई लोग प्रदर्शन करने लगे इस दौरान कोकर-लालपुर रोड पर जाम लगा रहा. थोड़ी देर बाद सदर पुलिस और पीसीआर की टीम मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया. बता दें कि इस समाधि स्थल पर भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा लगाई गई है, इनके एक हाथ में मसाल है तो दूसरे हाथ में धनुष स्थापित किया गया था. जिसमें अब उनका धनुष वाला हाथ क्षतिग्रस्त है.
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बिरसा मुंडा समाधि स्थल की देख रेख होमगार्ड के 3 जवान कर रहे थे. आदिवासी संगठन के लोगों ने तीनों जवानों को हटाने की मांग की है. इस बीच झामुमो और वामपंथी दलों के साथ-साथ कई आदिवासी संगठनों ने कल रांची बंद बुलाया है. संगठनों का आरोप है कि धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के समाधि स्थल पर लगी आदम कद प्रतिमा क्षतिग्रस्त हालत में थी लेकिन प्रशासन ने इसको गंभीरता से नहीं लिया. लिहाजा यह धरती आबा का अपमान है. कल के बंद के मद्देनजर आज शाम रांची यूनिवर्सिटी के मेन गेट के पास से अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा.
बता दें कि समाधि स्थल की देख-रेख कर रहे मंगरा उरांव ने बताया था कि उसके ड्यूटी तक प्रतिमा में किसी तरह की कोई क्षति नहीं हुई थी. दूसरे दिन ड्यूटी ज्वाइन करते ही उसने देखा की प्रतिमा का एक हाथ क्षतिग्रस्त है. वहीं, स्थानीय बताते हैं कि प्रतिमा का धनुष वाले हाथ में बहुत दिनों से दरार पड़ी हुई थी. हो सकता है कि गुरूवार शाम में मौसम खराब होने की वजह से प्रतिमा का एक हाथ क्षतिग्रस्त हो गया हो.