रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का चुनावी दौरा देखने को मिल रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां बुनियादी जरूरतों को दूर करने के लिए दावे करती नजर आ रही हैं, लेकिन राजधानी से सटे गांव के लोग गर्मी के शुरुआती दौर में पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकारी योजना और नेताओं के दावे दम तोड़ती नजर आ रही है, तो वहीं बना जल मीनार हाथी के दांत जैसे हैं.
राजधानी रांची से सटे पिठौरिया गांव में लोग गर्मी के शुरुआती दिन में ही पानी के लिए तरस रहे हैं. इस गांव के पानी की समस्या से जूझने की समस्या कोई नई बात नहीं है. हर साल गर्मी आते ही यहां के लोग पानी के लिए दर-दर भटकने लगते हैं. सरकार के द्वारा पिठोरिया गांव में पानी की समस्या दूर करने के लिए लघु जल मिनार का निर्माण भी कराया गया, लेकिन वह भी हाथी के दांत बन कर आ गया.
ठेकेदार अपने मुनाफा के लिए जैसे तैसे में जल मीनार तो लगा दिया, लेकिन वहां से पानी की एक बूंद के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं और लोग 1-2 चांपानल के भरोसे अपनी प्यास बुझा रहे हैं.