जमशेदपुर:कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल एमजीएम में मरीजों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. इस अस्पताल में परिजन ही वार्ड बॉय का काम करते हैं. अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए न तो स्ट्रेचर की व्यवस्था होती है और न ही अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मरीजों के लिए किसी प्रकार की सुविधा दी जाती है.
बता दें कि शहर के सबसे बड़े अस्पताल होने क बावजूद इस अस्पताल की व्यवस्था काफी दयनीय है. अस्पताल आने वाले मरीजों के लिए न तो स्ट्रेचर की व्यवस्था होती है और न ही अस्पताल के कर्मचारियों के द्वारा मरीजों के लिए किसी प्रकार की सुविधा दी जाती है. गम्हरिया से आए हुए मरीज के परिजन का कहना है कि एक महिला छत से गिर थी जो इलाज के अभाव में घंटों पड़ी रही लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली.
हर दिन हजारों मरीज का इलाज मुफ्त में किया जाता है. भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई) के मापदंड के अनुसार मरीजों की पुर्जी कंप्यूटर के द्वारा बनाया जाना है. लेकिन कुछ दिनों से हाथ से ही मरीजों की पुर्जी बनाई जा रही है. जिसमें मरीजों की कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं होती, जो एमसीआई के नियम के विरुद्ध कार्य किया जा रहा है.
स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है कि यहां के मरीजों का इलाज फर्श पर किया जा रहा है. यही नहीं एमजीएम के अधीक्षक के स्थानांतरण के पांच दिन के बाद भी किसी ने अबतक प्रभार नहीं लिया है. इस मामले पर अधिकारियों ने फिलहाल कुछ भी कहने से मना कर रहे.