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आखिर क्यों PM मोदी ने कहा झारखंड को बदनाम ना करें? ये है वजह

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में झारखंड मॉब लिंचिंग के बारे में बोला. उन्होंने कहा कि इस मामले से वह दुखी जरुर हैं लेकिन सिर्फ इस मामले को लेकर किसी भी राज्य को बदनाम करना सही नहीं है.आंकड़ों को बात करें तो झारखंड से ज्यादा हेट क्राइम के मामले उत्तर प्रदेश और हरियाण में हुए हैं.

तबरेज के मारते लोग और राज्यसभा में पीएम
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Published : Jun 27, 2019, 5:20 PM IST

Updated : Sep 11, 2019, 12:08 PM IST

रांची: झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग की वारदात ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है. आंकड़ों की बात करें तो देश में 2009 से 2019 तक इस तरह के 287 बड़े मामले हुए हैं, जिसमें 98 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं.

देश में हेट क्राइम की बात करें तो इसके सबसे ज्यादा शिकार एक खास समुदाय के लोग हुए हैं. कुल मामलों में इनकी संख्या 59 फीसदी है जबकि इस तरह के मामलों की जद में 14 फीसदी हिंदू और 15 प्रतिशत ईसाई भी आए हैं.

हेट क्राइम में सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत हमले गोरक्षा के नाम पर किए. वहीं, 13 फीसदी हमले प्रेम प्रसंग को लेकर किए गए. इसके अलावा 9 फीसदी धार्मिक हिंसा और 29 फीसदी हमले अन्य कारणों से हुए.

गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं. इनमें 48 लोगों की मौत हुई जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.

वहीं, धार्मिक स्वतंत्रता की बात करें तो लोकसभा में भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जो आंकड़ पेश किए गए हैं, उससे पता चला कि 2015 से 2017 के बीच सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि हुई. 2017 में सांप्रदायिक हिंसा के 822 मामले सामने आए, जिसमें 111 लोगों की मौत हुई और 2,384 लोग घायल हो गए.

देश में हेट क्राइम के आंकड़े

उत्तर प्रदेशः 19 घटनाएं, 11 मौतें, 39 घायल

हरियाणाः 15 घटनाएं, 06 मौतें, 36 घायल

झारखंडः 14 घटनाएं, 7 मौतें, 17 घायल

कर्नाटकः 12 घटनाएं, 2 मौतें, 21 घायल

गुजरातः 11 घटनाएं, 1 मौतें, 28 घायल

झारखंड में कब-कब हुई घटनाएं
राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2016 से 2019 तक झारखंड में हेट क्राइम के 14 मामले देखे गए. इन 14 घटनाओं में से सात 2017 में और पांच 2018 में दर्ज की गईं.

झारखंड में हेट क्राइम का लंबा इतिहास रहा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2013 से 2016 के डायन बताकर मारपीट मामले में झारखंड टॉप पर रहा है.

2016 में राज्य में ऐसे 27 मामले दर्ज किए गए थे और 2001 से 2016 के बीच कुल 523 ऐसे मामले सामने आए हैं. इन सभी महिलाओं को बेदर्दी से पीट-पीटकर मार डाला गया.

22.06.2019: सरायकेला में मोटरसाइकिल चोरी करने के आरोप में भीड़ ने एक युवक तबरेज को लगभग 18 घंटों तक पीटा और फिर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने उसे कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया. इस बीच अंदरूनी चोट की वजह से उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उसे सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई.

19.06.2019: गिरिडीह के बुधुडीह अहिलापुर में भीड़ द्वारा 40 वर्षीय व्यक्ति को कथित रूप से पीटा गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके तीन अन्य दोस्तों को भी भीड़ ने पीटा था. अहिल्यापुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या, हमला का मामला दर्ज किया गया था.

11.03.2019: एक 22 वर्षीय व्यक्ति को छेड़छाड़ करने वालों के एक समूह ने पीट-पीटकर मार डाला. जानकारी के अनुसार, पीड़ित की बहन कोचिंग क्लास के बाद घर लौट रही थी. उसी दौरान हमलावरों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया. इस हमले में लड़की को भी चोटें आई थीं.

03.12.2018: राजधानी रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर मंदार थाना इलाके के नगरा गांव में एक 35 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया.

10.11.2018: चाईबासा में ग्रामीणों ने 21 वर्षीय एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उसने गांव में लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था.

26.10.2018: गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में देवकी गांव में एक भाजपा नेता के बेटे की हत्या के बाद, गांव के लोगों ने भाजपा कार्यकर्ता के बेटे अशोक सिंह को मौत के घाट उतार दिया.

09.10.2018: झारखंड के सरायकेला-खरसावा जिले के निमाडीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत मानीकुई गांव में एक बीमार महिला के बलात्कार के प्रयास में कथित रूप से गुस्साए ग्रामीणों ने गांव के सिपाही बिपिन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

09.09.2018: झारखंड के दुमका जिले में एक वाहन चालक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि उसके वाहन से एक बच्चे की कुचलकर मौत हो गई थी.

06.09.2018: चोरी के आरोप के बाद ग्रामीणों ने 3 लोगों की जबरदस्त पिटाई की. इनमें से एक की मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

04.07.2018: पुलिस ने एक परिवार के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनपर आरोप है कि उन्होंने गांव के ही 50 वर्षीय प्रफुल्ल हांसदा की पिटाई की. कहा जा रहा है कि उसने सुखदेव हांसदा को उसके बेटे के तबीयत खराब होने के बाद बेहतर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी.

13.06.2018: झारखंड के गोड्डा जिले में मवेशियों की चोरी के संदेह में एक गुस्साई भीड़ ने दो अल्पसंख्य़कों पीटा. दुलु गांव के लोगों का आरोप था कि पकड़े गए दो चोरों ने एक ही रात में 13 भैंस चोरी किए थे.

07.05.2018: गिरिडीह के बेंगाबाद थाना अंतर्गत सतीबड़ गांव में एक 40 वर्षीय व्यक्ति पर ट्रैक्टर की बैटरी की टोरी के आरोप में पिटाई की. पीड़ित, मोहम्मद सरफुद्दीन, एक क्रेशर मैकेनिक है जो सतीबद गांव में एक कोल्हू मशीन की मरम्मत के बाद मधुपुर अपने घर लौट रहा था.

29.06.2017: व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी उर्फ ​​असगर अली को प्रतिबंधित मांस ले जाने के आरोप में रामगढ़ के बजरटांड पर भीड़ द्वारा पीटा गया था.

18 मई, 2017: जमशेदपुर के पास आदिवासी बहुल इलाके में भीड़ ने सात लोगों को पीट-पीटकर मार डाला. यहां बच्चों के अपहरण के बारे में व्हाट्सएप पर अफवाह उड़ी थी.

रांची: झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग की वारदात ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है. आंकड़ों की बात करें तो देश में 2009 से 2019 तक इस तरह के 287 बड़े मामले हुए हैं, जिसमें 98 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं.

देश में हेट क्राइम की बात करें तो इसके सबसे ज्यादा शिकार एक खास समुदाय के लोग हुए हैं. कुल मामलों में इनकी संख्या 59 फीसदी है जबकि इस तरह के मामलों की जद में 14 फीसदी हिंदू और 15 प्रतिशत ईसाई भी आए हैं.

हेट क्राइम में सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत हमले गोरक्षा के नाम पर किए. वहीं, 13 फीसदी हमले प्रेम प्रसंग को लेकर किए गए. इसके अलावा 9 फीसदी धार्मिक हिंसा और 29 फीसदी हमले अन्य कारणों से हुए.

गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं. इनमें 48 लोगों की मौत हुई जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.

वहीं, धार्मिक स्वतंत्रता की बात करें तो लोकसभा में भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जो आंकड़ पेश किए गए हैं, उससे पता चला कि 2015 से 2017 के बीच सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि हुई. 2017 में सांप्रदायिक हिंसा के 822 मामले सामने आए, जिसमें 111 लोगों की मौत हुई और 2,384 लोग घायल हो गए.

देश में हेट क्राइम के आंकड़े

उत्तर प्रदेशः 19 घटनाएं, 11 मौतें, 39 घायल

हरियाणाः 15 घटनाएं, 06 मौतें, 36 घायल

झारखंडः 14 घटनाएं, 7 मौतें, 17 घायल

कर्नाटकः 12 घटनाएं, 2 मौतें, 21 घायल

गुजरातः 11 घटनाएं, 1 मौतें, 28 घायल

झारखंड में कब-कब हुई घटनाएं
राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 2016 से 2019 तक झारखंड में हेट क्राइम के 14 मामले देखे गए. इन 14 घटनाओं में से सात 2017 में और पांच 2018 में दर्ज की गईं.

झारखंड में हेट क्राइम का लंबा इतिहास रहा है. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में 2013 से 2016 के डायन बताकर मारपीट मामले में झारखंड टॉप पर रहा है.

2016 में राज्य में ऐसे 27 मामले दर्ज किए गए थे और 2001 से 2016 के बीच कुल 523 ऐसे मामले सामने आए हैं. इन सभी महिलाओं को बेदर्दी से पीट-पीटकर मार डाला गया.

22.06.2019: सरायकेला में मोटरसाइकिल चोरी करने के आरोप में भीड़ ने एक युवक तबरेज को लगभग 18 घंटों तक पीटा और फिर पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने उसे कार्रवाई के बाद जेल भेज दिया. इस बीच अंदरूनी चोट की वजह से उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, जिसके बाद उसे सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई.

19.06.2019: गिरिडीह के बुधुडीह अहिलापुर में भीड़ द्वारा 40 वर्षीय व्यक्ति को कथित रूप से पीटा गया. स्थानीय लोगों ने कहा कि उनके तीन अन्य दोस्तों को भी भीड़ ने पीटा था. अहिल्यापुर पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या, हमला का मामला दर्ज किया गया था.

11.03.2019: एक 22 वर्षीय व्यक्ति को छेड़छाड़ करने वालों के एक समूह ने पीट-पीटकर मार डाला. जानकारी के अनुसार, पीड़ित की बहन कोचिंग क्लास के बाद घर लौट रही थी. उसी दौरान हमलावरों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया. इस हमले में लड़की को भी चोटें आई थीं.

03.12.2018: राजधानी रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर मंदार थाना इलाके के नगरा गांव में एक 35 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया.

10.11.2018: चाईबासा में ग्रामीणों ने 21 वर्षीय एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उसने गांव में लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था.

26.10.2018: गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र में देवकी गांव में एक भाजपा नेता के बेटे की हत्या के बाद, गांव के लोगों ने भाजपा कार्यकर्ता के बेटे अशोक सिंह को मौत के घाट उतार दिया.

09.10.2018: झारखंड के सरायकेला-खरसावा जिले के निमाडीह थाना क्षेत्र के अंतर्गत मानीकुई गांव में एक बीमार महिला के बलात्कार के प्रयास में कथित रूप से गुस्साए ग्रामीणों ने गांव के सिपाही बिपिन दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

09.09.2018: झारखंड के दुमका जिले में एक वाहन चालक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि उसके वाहन से एक बच्चे की कुचलकर मौत हो गई थी.

06.09.2018: चोरी के आरोप के बाद ग्रामीणों ने 3 लोगों की जबरदस्त पिटाई की. इनमें से एक की मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

04.07.2018: पुलिस ने एक परिवार के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनपर आरोप है कि उन्होंने गांव के ही 50 वर्षीय प्रफुल्ल हांसदा की पिटाई की. कहा जा रहा है कि उसने सुखदेव हांसदा को उसके बेटे के तबीयत खराब होने के बाद बेहतर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी.

13.06.2018: झारखंड के गोड्डा जिले में मवेशियों की चोरी के संदेह में एक गुस्साई भीड़ ने दो अल्पसंख्य़कों पीटा. दुलु गांव के लोगों का आरोप था कि पकड़े गए दो चोरों ने एक ही रात में 13 भैंस चोरी किए थे.

07.05.2018: गिरिडीह के बेंगाबाद थाना अंतर्गत सतीबड़ गांव में एक 40 वर्षीय व्यक्ति पर ट्रैक्टर की बैटरी की टोरी के आरोप में पिटाई की. पीड़ित, मोहम्मद सरफुद्दीन, एक क्रेशर मैकेनिक है जो सतीबद गांव में एक कोल्हू मशीन की मरम्मत के बाद मधुपुर अपने घर लौट रहा था.

29.06.2017: व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी उर्फ ​​असगर अली को प्रतिबंधित मांस ले जाने के आरोप में रामगढ़ के बजरटांड पर भीड़ द्वारा पीटा गया था.

18 मई, 2017: जमशेदपुर के पास आदिवासी बहुल इलाके में भीड़ ने सात लोगों को पीट-पीटकर मार डाला. यहां बच्चों के अपहरण के बारे में व्हाट्सएप पर अफवाह उड़ी थी.

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रांची: झारखंड में हुई मॉब लिंचिंग की वारदात ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है. आंकड़ों की बात करें तो देश में 2009 से 2019 तक इस तरह के 287 बड़े मामले हुए हैं, जिसमें 98 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 722 लोग जख्मी हुए हैं.

देश में हेट क्राइम की बात करें तो इसके सबसे ज्यादा शिकार एक खास समुदाय के लोग हुए हैं. कुल मामलों में इनकी संख्या 59 फीसदी है जबकि इस तरह के मामलों की जद में 14 फीसदी हिंदू और 15 प्रतिशत ईसाई भी आए हैं. 

हेट क्राइम में सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत हमले गोरक्षा के नाम पर किए. वहीं, 13 फीसदी हमले प्रेम प्रसंग को लेकर किए गए. इसके अलावा  9 फीसदी धार्मिक हिंसा और 29 फीसदी हमले अन्य कारणों से हुए. 

गोरक्षा के नाम पर ही सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग मामले सामने आए हैं. 2014 से अब तक पूरे देश में 125 मामले सामने आए हैं. इनमें 48 लोगों की मौत हुई जबकि 252 लोग घायल हुए हैं.

वहीं, धार्मिक स्वतंत्रता की बात करें तो लोकसभा में भारत के गृह मंत्रालय द्वारा जो आंकड़ पेश किए गए हैं, उससे पता चला कि 2015 से 2017 के बीच सांप्रदायिक घटनाओं में 9 फीसदी की वृद्धि हुई. 2017 में सांप्रदायिक हिंसा के 822 मामले सामने आए, जिसमें 111 लोगों की मौत हुई और 2,384 लोग घायल हो गए.



देश में हेट क्राइम के आंकड़े

उत्तर प्रदेशः 19 घटनाएं, 11 मौतें, 39 घायल

हरियाणाः 15 घटनाएं, 06 मौतें, 36 घायल

झारखंडः 12 घटनाएं, 7 मौतें, 17 घायल

कर्नाटकः 12 घटनाएं, 2 मौतें, 21 घायल

गुजरातः 11 घटनाएं, 1 मौतें, 28 घायल



झारखंड में कब-कब हुई घटनाएं

लातेहार में 17 मार्च 2016 में एक पशु व्यापारी समेत एक किशोर की कथित तौर पर हत्या कर उनकी बॉडी पेड़ से लटका दी गयी थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार की पूरे देश में फजीहत हुई थी. 

9 अक्टूबर 2016 में जामताड़ा में मिनहाज अंसारी नामक युवक की पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर मौत हुई और यह मामला विधानसभा में उठाया गया था.

2017 में 4 ऐसी घटनाएं पूर्वी सिंहभूम जिले में घटी

रामगढ़ में 29 जून 2017  45 साल के अलीमुद्दीन अंसारी की कथित तौर पर हत्या प्रतिबंधित मांस के ट्रांसपोर्टेशन के आरोपों के बाद कर दी गयी थी. 

2017 में गढ़वा में ऐसी एक घटना हुई 

12 से 18 मई 2017 के बीच 4 अलग अलग मामलों में कुल 9 लोगों को मॉब लिंचिंग में मार डाला गया.

जून 2018 में गोड्डा में दो लोगों की इसी तरह की घटना में मौत हो गई थी.

 


Conclusion:
Last Updated : Sep 11, 2019, 12:08 PM IST
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