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Mob lynching की घटना से झारखंड एकबार फिर शर्मसार, सड़क से सदन तक गूंजा हैवानियत भरा यह मामला - Seraikela News

झारखंड के सरायकेला में हुई मॉब लिंचिंग पर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. विपक्ष ने कहा कि इस तरह की घटनाएं मोदी सरकार में लगातार बढ़ती जा रही हैं. किसी को भी कहीं भी मार दिया जाता है. ये आवाम और देश हित में नहीं है. मोदी सरकार पूरी तरह से इसकी जिम्मेदार है.

झारखंड के सरायकेला में मॉब लिंचिंग
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Published : Jun 24, 2019, 10:39 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 10:45 AM IST

सरायकेला: झारखंड में मॉब लिंचिंग के एक वीडियो ने सूबे से लेकर केंद्र सरकार तक को हिलाकर रख दिया है. सड़क से लेकर सदन तक सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने कार्रवाई कर दी है. लेकिन इंसानियत को तार-तार कर देने वाली घटनाओं का बार-बार होना, झारखंड सरकार की तस्वीर धूमिल कर रही है.

देखें पूरी खबर

मॉब लिंचिंग के शिकार मृतक शम्स आलम की पत्नी ने पति के साथ हुई घटना की पूरी दास्तां बयां की है. उनका कहना है कि 17 जून को देर रात शम्स आलम जमशेदपुर से गांव वापस आ रहे थे. इस दौरान धातकीडीह गांव में कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. लोगों ने वाहन चोरी का आरोप लगाते हुए उनके पति को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. भीड़ ने उन्हें इतना पीटा की इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मामले ने तूल पकड़ा तो रघुवर सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए. इसके बाद एसपी ने दो पुलिस वालों को तत्काल सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही पुलिस ने मॉब लिंचिंग के 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया.
विपक्ष भी इस मसले पर सरकार को घेरने से पीछे नहीं रहा. लोकसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को चौतरफा घेरने की कोशिश की गई. एआईएमआईएम अध्यक्ष असद्दुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं मोदी सरकार में लगातार बढ़ती जा रही हैं. किसी को भी कहीं भी मार दिया जाता है. ये आवाम और देश हित में नहीं है. मोदी सरकार पूरी तरह से इसकी जिम्मेदार है.

प्रदेश में भी विपक्षी दलों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे का कहना है कि 2014 के बाद देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. कांग्रेस पार्टी इसे लेकर आंदोलन करेगी. वहीं जेएमएम ने भी कड़ा रूख दिखाया है.

हालांकि रघुवर सरकार में मंत्री सीपी सिंह ने विपक्ष के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने इसे साजिश बताया है. कहा कि वीडियो की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

सरायकेला: झारखंड में मॉब लिंचिंग के एक वीडियो ने सूबे से लेकर केंद्र सरकार तक को हिलाकर रख दिया है. सड़क से लेकर सदन तक सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने कार्रवाई कर दी है. लेकिन इंसानियत को तार-तार कर देने वाली घटनाओं का बार-बार होना, झारखंड सरकार की तस्वीर धूमिल कर रही है.

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मॉब लिंचिंग के शिकार मृतक शम्स आलम की पत्नी ने पति के साथ हुई घटना की पूरी दास्तां बयां की है. उनका कहना है कि 17 जून को देर रात शम्स आलम जमशेदपुर से गांव वापस आ रहे थे. इस दौरान धातकीडीह गांव में कुछ लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. लोगों ने वाहन चोरी का आरोप लगाते हुए उनके पति को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया. भीड़ ने उन्हें इतना पीटा की इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

मामले ने तूल पकड़ा तो रघुवर सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे दिए. इसके बाद एसपी ने दो पुलिस वालों को तत्काल सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही पुलिस ने मॉब लिंचिंग के 5 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया.
विपक्ष भी इस मसले पर सरकार को घेरने से पीछे नहीं रहा. लोकसभा में मॉब लिंचिंग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को चौतरफा घेरने की कोशिश की गई. एआईएमआईएम अध्यक्ष असद्दुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं मोदी सरकार में लगातार बढ़ती जा रही हैं. किसी को भी कहीं भी मार दिया जाता है. ये आवाम और देश हित में नहीं है. मोदी सरकार पूरी तरह से इसकी जिम्मेदार है.

प्रदेश में भी विपक्षी दलों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे का कहना है कि 2014 के बाद देश में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं. कांग्रेस पार्टी इसे लेकर आंदोलन करेगी. वहीं जेएमएम ने भी कड़ा रूख दिखाया है.

हालांकि रघुवर सरकार में मंत्री सीपी सिंह ने विपक्ष के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने इसे साजिश बताया है. कहा कि वीडियो की जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : Jun 25, 2019, 10:45 AM IST
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