रांची: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विपक्षी दलों की बैठक 10 जुलाई को बुलाई है. इसको लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा है कि झारखंड में विपक्ष का अस्तित्व ही खत्म हो गया है. ऐसे में उनके बैठक करने से बीजेपी को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, जबकि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि विपक्षी महागठबंधन से बीजेपी घबरा रही है और बौखलाहट में ऐसे बयान दे रही है.
महागठबंधन या एकला चलो
लोकसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन के खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा चुनाव में दोबारा गलती न हो. इसे ध्यान में रखते हुए महागठबंधन पर फैसला होना है. जिसको लेकर 10 जुलाई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर विपक्षी दलों की बैठक होनी है. इसमें सभी महागठबंधन दल के नेता अपनी-अपनी बातों को रखेंगे. इसके बाद ही यह तय होगा कि महागठबंधन के तहत विपक्ष चुनाव लड़ती है या एकला चलो की राह अपनाती है.
बीजेपी ने कसा तंज
ऐसे में सत्तारूढ़ बीजेपी का साफ मानना है कि राज्य में विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो गया है. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद विपक्षी महागठबंधन न के बराबर रह गई है. प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने विपक्षी दलों की बैठक को लेकर तंज कसते हुए कहा है कि राज्य में विपक्ष न के बराबर है. ऐसे में उनके बैठक करने का कोई फायदा नहीं.
बीजेपी को सता रहा डर
वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने सत्तारूढ़ बीजेपी के ऐसे बयान को लेकर कहा है कि लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी का ऐसा बयान देना लाजमी है, लेकिन उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर महागठबंधन होगा तो राज्य से बीजेपी का सफाया हो जाएगा. लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग अलग होते हैं और अब तक राज्य में 7 उपचुनाव में सिर्फ एक में ही बीजेपी ने जीत हासिल की है, जबकि बाकी में विपक्षी दलों ने जीता है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन सत्तारूढ़ बीजेपी को करारा जवाब देगी.