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सुबह 9 बजे रांची पहुंचेगा शहीद विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर, राज्यपाल और मुख्यमंत्री देंगे श्रद्धांजलि

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए जवान विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह 9 बजे रांची पहुंचेगा. वायुसेना के विशेष विमान से पार्थिव शरीर रांची लाया जायेगा.

विजय सोरेंग (फाइल फोटो)
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Published : Feb 16, 2019, 12:02 AM IST

रांची: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए जवान विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह 9 बजे रांची पहुंचेगा. वायुसेना के विशेष विमान से पार्थिव शरीर रांची लाया जायेगा. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा समते कई मंत्री और विधायक एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने पहुंचेगे.

फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने के इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात का है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.

पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल होकर दुश्मनों से लड़ेगा.

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एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेन एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेन 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है.

विजय सोरेंग के दो बेटे और दो बेटी हैं. विजय की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग सेवा निर्मित हो चुके हैं.

सरकार ने गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है. वहीं रांची जिला प्रशासन भी एक दिन का वेतन सीआरपीएफ को देगी.

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रांची: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए जवान विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह 9 बजे रांची पहुंचेगा. वायुसेना के विशेष विमान से पार्थिव शरीर रांची लाया जायेगा. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा समते कई मंत्री और विधायक एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने पहुंचेगे.

फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने के इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात का है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.

पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल होकर दुश्मनों से लड़ेगा.

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एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेन एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेन 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है.

विजय सोरेंग के दो बेटे और दो बेटी हैं. विजय की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग सेवा निर्मित हो चुके हैं.

सरकार ने गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है. वहीं रांची जिला प्रशासन भी एक दिन का वेतन सीआरपीएफ को देगी.

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जेवीएम के 6 विधायकों के दल बदल मामले में 20 फरवरी को आएगा फैसला

रांची

जेवीएम के 6 विधायकों के दल बदल मामले में 20 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। विधान सभा सचिवालय के न्यायाधिकरण कक्ष में अपराहन 3:30 बजे फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ दिनेश उरांव ने इस बाबत जेवीएम सुप्रीमो सह याचिकाकर्ता बाबूलाल मरांडी को पत्र जारी किया है। 

किन 6 विधायकों पर दल बदल का चल रहा था मामला

2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायक अपनी पार्टी छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उनके नाम हैं ; नवीन जयसवाल, अमर कुमार बाउरी, गणेश गंझु, रणधीर कुमार सिंह, जानकी प्रसाद यादव और आलोक चौरसिया। भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दल परिवर्तन के आधार पर इन 6 विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देने के लिए बाबूलाल मरांडी ने 11 फरवरी 2015 को याचिका दायर की थी। इसी मामले में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने भी 25 मार्च 2015 को याचिका दायर की थी। विधानसभा अध्यक्ष के कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद 12 दिसंबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। 

इनमें से कौन विधायक बने हैं मंत्री

जेवीएम के जो छह विधायक भाजपा में शामिल हुए थे उनमें से अमर कुमार बाउरी और रणधीर कुमार सिंह हो रघुवर कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था। 

अयोग्य करार देने पर सरकार की सेहत पर पड़ेगा असर ? 

सबसे बड़ा सवाल है कि अगर विधानसभा अध्यक्ष संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत इन छह विधायकों की सदस्यता को अयोग्य करार देते हैं तो क्या इससे रघुवर सरकार की सेहत पर कोई असर पड़ेगा। दरअसल झारखंड विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 81 है। इस आधार पर बहुमत के लिए सरकार के पास 42 विधायकों का होना जरूरी है। अगर इन छह विधायकों को अयोग्य करार दिया जाता है तो विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 75 रह जाएगी। इस आधार पर सरकार के पास बहुमत के लिए 38 विधायक होने चाहिए। लिहाजा इस फैसले से सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि भाजपा के पास 37 विधायक हैं और सहयोगी दल आजसू के चार विधायक हैं। लिहाजा सरकार को कुल 41 विधायकों का समर्थन है। 

आजसू की भूमिका हो जाएगी अहम

अगर 6 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाती है तब सरकार में शामिल आजसू की भूमिका अहम हो जाएगी। अगर आज सुने समर्थन वापस लिया तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी। 


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