रांची: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के कायराना हमले में शहीद हुए जवान विजय सोरेंग का पार्थिव शरीर शनिवार को सुबह 9 बजे रांची पहुंचेगा. वायुसेना के विशेष विमान से पार्थिव शरीर रांची लाया जायेगा. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा समते कई मंत्री और विधायक एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि देने पहुंचेगे.
फिलहाल परिजन विजय सोरेंग के शव के आने के इंतजार में हैं. विजय सोरेंग का पैतृक घर बसिया प्रखंड के फरसामा गांव में है. शहीद विजय सोरेंग के पिता आर्मी के रिटायर्ड जवान हैं. उनके पिता का कहना है कि बेटे की शहादत पर उन्हें गर्व है. बेटे ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसने देश की सेवा में अपनी जान दी है. यह फक्र की बात है, लेकिन दुख इस बात का है कि उनका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है.
पिता की शहादत पर गर्व: बेटा
वहीं, विजय सोरेंग के भाई ने कहा कि अब सरकार सीधे पाकिस्तान पर हमला करें ताकि फिर कभी किसी और पिता को अपना बेटा, किसी भाई को अपना भाई और किसी बेटे को अपना पिता नहीं खोना पड़े. शहीद के बेटे का कहना है कि पिता की शहादत पर उसे गर्व है अगर मौका मिला तो वो भी सेना में बहाल होकर दुश्मनों से लड़ेगा.
एक सप्ताह पहले ड्यूटी पर लौटे थे विजय
विजय सोरेन एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टी बिताकर गांव से जम्मू-कश्मीर गए थे. गुरुवार दोपहर में उनकी अंतिम बार भाई से हुई थी. शहीद विजय सोरेन 1993 में सीआरपीएफ में 82 बटालियन में बहाल हुए थे, जिनका नंबर 9331 8014 9 HC/GD है.
विजय सोरेंग के दो बेटे और दो बेटी हैं. विजय की प्रारंभिक शिक्षा आरसी प्राथमिक विद्यालय परसामा से हुई थी, जबकि मैट्रिक हाई स्कूल कुम्हारी से हुआ था. शहीद जवान के गांव में 7 से 8 लोग सेना में हैं जो देश की सेवा कर रहे हैं. इसके साथ ही चार लोग सेवा निर्मित हो चुके हैं.
सरकार ने गुमला के विजय सोरेंग के परिवार को दस लाख की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की झारखंड सरकार ने घोषणा की है. वहीं रांची जिला प्रशासन भी एक दिन का वेतन सीआरपीएफ को देगी.