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16 महीने बाद भी डॉ अजय नहीं बना पाए प्रदेश कांग्रेस कमिटी, लोकसभा चुनाव 2019 में हो सकता है नुकसान

कांग्रेस के अंदरखाने जोरदार चर्चा है कि प्रदेश कमिटी बनते ही विवाद हो सकता है. इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. इसलिए पार्टी अभी प्रदेश कमिटी की घोषणा करने से बच रही है. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव का मानना है कि चुनाव में प्रदेश की जगह जिला कमिटी की अहम भूमिका होती है. इस मामले में पार्टी मजबूत है.

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Published : Mar 8, 2019, 3:13 PM IST

रांची: चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव2019 की तारीखों का ऐलान कभी किया जा सकता है. इसके लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन कांग्रेस प्रदेश कमिटी में अबतक संगठन का स्वरूप नहीं बन पाया है. ऐसे में कांग्रेस बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी.

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस में ऐसा पहली बार होगा कि पार्टी बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी. फिलहाल पार्टी को-ऑर्डिनेटर और विधानसभा प्रभारी चला रहे हैं. मोर्चा प्रकोष्ठ का गठन बड़ी संख्या में किया गया, जो पिछले 18 सालों में भी नहीं हुआ. वहीं, डॉ अजय को प्रदेश अध्यक्ष बने 16 महीने बीत चुके हैं. लेकिन प्रदेश कमिटी नहीं बन पाई. हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लालकिशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि बिना कमिटी के चुनाव में जाने पर भी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.

वहीं, कांग्रेस के अंदरखाने जोरदार चर्चा है कि प्रदेश कमिटी बनते ही विवाद हो सकता है. इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. इसलिए पार्टी अभी प्रदेश कमिटी की घोषणा करने से बच रही है. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव का मानना है कि चुनाव में प्रदेश की जगह जिला कमिटी की अहम भूमिका होती है. इस मामले में पार्टी मजबूत है.

ऐसे में संगठन के सभी लोग कांग्रेस कि विचारधाराओं को लोगों तक पहुंचा रहे हैं और वर्तमान सरकार की जनविरोधी नीतियों से सभी लोगों को रूबरू करा रहे हैं. जिसका फायदा आगामी चुनाव में पार्टी को मिलेगा. माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और सह प्रभारी उमंग सिंघार ने पार्टी को हाईजैक कर रखा है. इस वजह से प्रदेश कमिटी का गठन अब तक नहीं हो पाया.

रांची: चुनाव आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव2019 की तारीखों का ऐलान कभी किया जा सकता है. इसके लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं, लेकिन कांग्रेस प्रदेश कमिटी में अबतक संगठन का स्वरूप नहीं बन पाया है. ऐसे में कांग्रेस बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी.

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झारखंड प्रदेश कांग्रेस में ऐसा पहली बार होगा कि पार्टी बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी. फिलहाल पार्टी को-ऑर्डिनेटर और विधानसभा प्रभारी चला रहे हैं. मोर्चा प्रकोष्ठ का गठन बड़ी संख्या में किया गया, जो पिछले 18 सालों में भी नहीं हुआ. वहीं, डॉ अजय को प्रदेश अध्यक्ष बने 16 महीने बीत चुके हैं. लेकिन प्रदेश कमिटी नहीं बन पाई. हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लालकिशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि बिना कमिटी के चुनाव में जाने पर भी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.

वहीं, कांग्रेस के अंदरखाने जोरदार चर्चा है कि प्रदेश कमिटी बनते ही विवाद हो सकता है. इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. इसलिए पार्टी अभी प्रदेश कमिटी की घोषणा करने से बच रही है. प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव का मानना है कि चुनाव में प्रदेश की जगह जिला कमिटी की अहम भूमिका होती है. इस मामले में पार्टी मजबूत है.

ऐसे में संगठन के सभी लोग कांग्रेस कि विचारधाराओं को लोगों तक पहुंचा रहे हैं और वर्तमान सरकार की जनविरोधी नीतियों से सभी लोगों को रूबरू करा रहे हैं. जिसका फायदा आगामी चुनाव में पार्टी को मिलेगा. माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और सह प्रभारी उमंग सिंघार ने पार्टी को हाईजैक कर रखा है. इस वजह से प्रदेश कमिटी का गठन अब तक नहीं हो पाया.

Intro:रांची.लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इसके लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। लेकिन कांग्रेस प्रदेश कमिटी बनाने में पिछड़ी हुई है और अब तक प्रदेश में संगठन का स्वरूप नहीं बन पाया है। ऐसे में कांग्रेस बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी।


Body:झारखंड प्रदेश कांग्रेस में ऐसा पहली बार होगा कि पार्टी बिना प्रदेश कमिटी के चुनावी मैदान में उतरेगी। फिलहाल पार्टी कोऑर्डिनेटर और विधानसभा प्रभारी चला रहे है। सिर्फ बेहिसाब ढंग से मोर्चा प्रकोष्ठ का गठन बड़ी संख्या में किया गया है। जो पिछले 18 वर्षों में भी नहीं हुआ था। ऐसे में डॉ अजय को प्रदेश अध्यक्ष बने 16 महीने बीत चुके हैं। लेकिन प्रदेश कमिटी नहीं बन पाई है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लालकिशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि बिना कमिटी के चुनाव में जाने पर भी पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा।


Conclusion:जबकि कांग्रेस के अंदरखाने में जोरदार चर्चा है कि प्रदेश कमिटी बनते ही विवाद हो सकता है। इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है। इसलिए पार्टी अभी प्रदेश कमिटी की घोषणा करने से बच रही है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव का मानना है कि चुनाव में प्रदेश की जगह जिला कमिटी की अहम भूमिका होती है और इस मामले में पार्टी मजबूत है। ऐसे में संगठन के सभी लोग कांग्रेस कि विचारधाराओं को लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं और वर्तमान सरकार की जनविरोधी नीतियों सभी लोगों को रूबरू करा रहे हैं। जिसका फायदा आगामी चुनाव में पार्टी को मिलेगा।

ऐसे में कांग्रेस भले ही बिना कमिटी के चुनाव में उतरने से नुकसान ना होने के दावे कर रही हो। लेकिन इस मामले पर झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष हाशिए पर है और माना जा रहा है कि प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और सह प्रभारी उमंग सिंघार ने पार्टी को हाईजैक कर रखा है। इसी वजह से प्रदेश कमिटी का गठन अब तक नहीं हो पाया है।
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