रांचीः विधानसभा स्पीकर के द्वारा दलबदल मामले में दिए फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव ने याचिका दायर की है.
याचिका में फैसले को चुनौती देते हुए कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ा है. संविधान का उल्लंघन करते हुए भाजपा की सदस्यता ली है.
2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रंधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जायसवाल शामिल हैं. इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम में पद पर है, वहीं अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.
आपको बता दें कि 2015 में विधायकों खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को दलबदल की शिकायत दर्ज की थी. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई.12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई थी और स्पीकर दिनेश उरांव ने इस मामले में जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है.