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हाईकोर्ट पहुंचा JVM विधायकों के दलबदल का मामला, पार्टी ने स्पीकर के फैसले को दी चुनौती

जेवीएम ने दलबदल मामले में स्पीकर के फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें फैसले को चुनौती दी गई है

झारखंड हाईकोर्ट(फाइल फोटो)
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Published : Mar 12, 2019, 11:23 PM IST

रांचीः विधानसभा स्पीकर के द्वारा दलबदल मामले में दिए फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव ने याचिका दायर की है.

याचिका में फैसले को चुनौती देते हुए कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ा है. संविधान का उल्लंघन करते हुए भाजपा की सदस्यता ली है.

2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रंधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जायसवाल शामिल हैं. इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम में पद पर है, वहीं अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

आपको बता दें कि 2015 में विधायकों खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को दलबदल की शिकायत दर्ज की थी. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई.12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई थी और स्पीकर दिनेश उरांव ने इस मामले में जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है.

रांचीः विधानसभा स्पीकर के द्वारा दलबदल मामले में दिए फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव ने याचिका दायर की है.

याचिका में फैसले को चुनौती देते हुए कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ा है. संविधान का उल्लंघन करते हुए भाजपा की सदस्यता ली है.

2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उन विधायकों में आलोक चौरसिया, अमर बाउरी, रंधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझू और नवीन जायसवाल शामिल हैं. इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं, जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम में पद पर है, वहीं अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है.

आपको बता दें कि 2015 में विधायकों खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को दलबदल की शिकायत दर्ज की थी. साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई.12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई थी और स्पीकर दिनेश उरांव ने इस मामले में जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है.

Intro:रांची

विधान सभा स्पीकर के द्वारा पूर्व में दिए गए दल बदल मामले में फैसले को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दिया गया है झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो सह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और पार्टी के महासचिव प्रदीप यादव ने दलबदल मामले को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती याचिका दायर की है। झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को झारखंड विकास मोर्चा के और से विधान सभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसलों को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की गई है


Body:दलबदल मामले में विधान सभा स्पीकर दिनेश उरांव के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका में कहा गया है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायकों ने संविधान और राजनीतिक मर्यादाओं को तोड़ते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली थी और छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे इसी दल बदल मामले में स्पीकर के फैसले को झारखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है


Conclusion:2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद फरवरी 2015 में झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था उन विधायकों में आलोक चौरसिया ,अमर बाउरी, रणधीर सिंह, जानकी यादव, गणेश गंझु और नवीन जायसवाल के नाम शामिल है इनमें से दो मौजूदा सरकार में मंत्री हैं जबकि तीन अलग-अलग बोर्ड और निगम ने सिर्फ पद पर तैनात है वहीं अन्य एक को संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है आपको बता दें कि 2015 में दलबदल विधायकों खिलाफ झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर को यह शिकायत दर्ज की थी साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की जून 2017 तक इस मामले में गवाही पूरी हुई और 12 दिसंबर 2018 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गई थी और स्पीकर दिनेश उरांव ने इस मामले में जेवीएम के 6 विधायकों को बीजेपी में विलय को सही ठहराया है
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