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BJP में शामिल होंगे जेएमएम के कई बड़े नेता! पार्टी ने तैयार की 'सॉफ्ट टारगेट' विधायकों की लिस्ट - Ranchi News

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बर्णवाल ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव से पहले जेएमएम के कई विधायक भाजपा और दूसरे दलों में शिफ्ट कर जाएंगे. उन्होंने दावा किया कि सूबे में 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम एक छोटी सी पार्टी के रूप में सिमट कर रह जाएगी. यही हाल कांग्रेस का भी रहेगा.

बीजेपी में शामिल होंगे जेएमएम के कई बड़े नेता
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Published : Jun 18, 2019, 12:47 PM IST

रांची: प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव को लेकर फिलहाल किसी तरह की सुगबुगाहट नहीं हो रही हो, लेकिन उससे जुड़ी 'फील्डिंग' के लिए 'मैदान' तैयार किए जा रहे हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य दलों के कई विधायक संपर्क में है. विधानसभा चुनाव से पहले कई बड़े नाम पाला बदल सकते हैं. बीजेपी सूत्रों की मानें, तो बकायदा एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसके तहत 'सॉफ्ट टारगेट' समझे जाने वाले विपक्षी दलों के विधायकों के नाम शामिल हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बर्णवाल के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर अब किसी को विश्वास नहीं रहा. बर्णवाल ने कहा कि जो व्यक्ति चुनाव में अपने पिता की जीत सुनिश्चित नहीं कर सका, अब उसके दल के लोगों में नेतृत्व को लेकर अविश्वास बढ़ता जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आते-आते जेएमएम के कई विधायक भाजपा और दूसरे दलों में शिफ्ट कर जाएंगे.
उन्होंने दावा किया कि सूबे में 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम एक छोटी सी पार्टी के रूप में सिमट कर रह जाएगी. यही हाल कांग्रेस का भी रहेगा. हालांकि कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को अब अपने लोगों पर भरोसा नहीं रह गया है. यही वजह है कि वो अब विपक्षी दलों के विधायकों में अपना भविष्य तलाश रही है.

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि बीजेपी का यह दावा कि कांग्रेस और जेएमएम के लोग उसके संपर्क में हैं, ये हास्यास्पद है।. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी बाहर से उम्मीदवार नहीं लाती, तो राज्य में इस तरह के नतीजे नहीं आते. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति होने वाली है, यही वजह है कि बीजेपी इस तरह का प्रयोग करने के लिए आतुर हो रही है.

किन विधायकों को लेकर है चर्चा
दरअसल, राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस के 3 विधायकों समेत पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कोल्हान इलाके के कुछ बड़े नेताओं का नाम बड़ी तेजी से चर्चा में आया है. पिछले दिनों इन नेताओं की एक टीम ने दिल्ली में बाकायदा एक राज्यसभा सदस्य के घर पर मीटिंग की और स्ट्रेटेजी बनाई. हालांकि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऐसी किसी संभावना से इंकार करती है, लेकिन इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.

झामुमो के एक विधायक ने लोकसभा चुनाव के दौरान बदला था पाला
लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो को मांडू विधायक ने झटका दे दिया था और वो एनडीए के पाले में हो लिए. जेएमएम सूत्रों की मानें तो पार्टी के कुछ और विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और पाला बदल सकते हैं. दरअसल, दूसरे दलों के विधायकों द्वारा बीजेपी का दामन थामना पहली बार नहीं होगा. 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था.

रांची: प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव को लेकर फिलहाल किसी तरह की सुगबुगाहट नहीं हो रही हो, लेकिन उससे जुड़ी 'फील्डिंग' के लिए 'मैदान' तैयार किए जा रहे हैं. सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य दलों के कई विधायक संपर्क में है. विधानसभा चुनाव से पहले कई बड़े नाम पाला बदल सकते हैं. बीजेपी सूत्रों की मानें, तो बकायदा एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसके तहत 'सॉफ्ट टारगेट' समझे जाने वाले विपक्षी दलों के विधायकों के नाम शामिल हैं.

वीडियो में देखें पूरी खबर

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बर्णवाल के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर अब किसी को विश्वास नहीं रहा. बर्णवाल ने कहा कि जो व्यक्ति चुनाव में अपने पिता की जीत सुनिश्चित नहीं कर सका, अब उसके दल के लोगों में नेतृत्व को लेकर अविश्वास बढ़ता जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव आते-आते जेएमएम के कई विधायक भाजपा और दूसरे दलों में शिफ्ट कर जाएंगे.
उन्होंने दावा किया कि सूबे में 2019 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जेएमएम एक छोटी सी पार्टी के रूप में सिमट कर रह जाएगी. यही हाल कांग्रेस का भी रहेगा. हालांकि कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को अब अपने लोगों पर भरोसा नहीं रह गया है. यही वजह है कि वो अब विपक्षी दलों के विधायकों में अपना भविष्य तलाश रही है.

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि बीजेपी का यह दावा कि कांग्रेस और जेएमएम के लोग उसके संपर्क में हैं, ये हास्यास्पद है।. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी बाहर से उम्मीदवार नहीं लाती, तो राज्य में इस तरह के नतीजे नहीं आते. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति होने वाली है, यही वजह है कि बीजेपी इस तरह का प्रयोग करने के लिए आतुर हो रही है.

किन विधायकों को लेकर है चर्चा
दरअसल, राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस के 3 विधायकों समेत पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कोल्हान इलाके के कुछ बड़े नेताओं का नाम बड़ी तेजी से चर्चा में आया है. पिछले दिनों इन नेताओं की एक टीम ने दिल्ली में बाकायदा एक राज्यसभा सदस्य के घर पर मीटिंग की और स्ट्रेटेजी बनाई. हालांकि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऐसी किसी संभावना से इंकार करती है, लेकिन इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.

झामुमो के एक विधायक ने लोकसभा चुनाव के दौरान बदला था पाला
लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो को मांडू विधायक ने झटका दे दिया था और वो एनडीए के पाले में हो लिए. जेएमएम सूत्रों की मानें तो पार्टी के कुछ और विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं और पाला बदल सकते हैं. दरअसल, दूसरे दलों के विधायकों द्वारा बीजेपी का दामन थामना पहली बार नहीं होगा. 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था.

Intro:बाइट 1-दीनदयाल बरनवाल प्रदेश प्रवक्ता बीजेपी
बाइट 2- राजेश ठाकुर, मीडिया प्रभारी जेपीसीसी


रांची। प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनावों को लेकर फिलहाल किसी तरह की सुगबुगाहट नहीं हो रही हो लेकिन उससे जुड़ी 'फील्डिंग' के लिए 'मैदान' तैयार किए जा रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी का दावा है कि विपक्षी झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत अन्य दलों के कई विधायक संपर्क में है। साथ ही चुनाव से पहले पाला बदलते नजर आएंगे। बीजेपी सूत्रों का यकीन करें तो बकायदा एक लिस्ट भी तैयार की गई है जिसके तहत 'सॉफ्ट टारगेट' समझे जाने वाले विपक्षी दलों के विधायकों के नाम शामिल हैं।
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दीनदयाल बरनवाल के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व पर अब किसी को विश्वास नहीं रहा।


Body:बरनवाल ने कहा कि जो व्यक्ति चुनाव में अपने पिता की जीत सुनिश्चित नहीं कर सका अब उसके दल के लोगों में नेतृत्व को लेकर अविश्वास बढ़ता जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आते-आते जेएमएम के कई विधायक भाजपा और दूसरे दलों में शिफ्ट कर जाएंगे। प्रमुख विपक्षी दल टूट कर बिखर जाएगा। उन्होंने दावा किया कि 2019 में होने वाले राज्य में विधानसभा चुनाव में जेएमएम एक छोटी सी पार्टी के रूप में सिमट कर रह जाएगी। यही हाल कांग्रेस का भी रहेगा। हालांकि कांग्रेस ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि दरअसल बीजेपी को अब अपने लोगों पर भरोसा नहीं रह गया है। यही वजह है कि वह विपक्षी दलों के विधायकों में अपना भविष्य तलाश रही है।


Conclusion:कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने कहा कि बीजेपी का यह दावा कि कांग्रेस और जेएमएम के लोग उसके संपर्क में है हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अगर बीजेपी बाहर से उम्मीदवार नहीं लाती तो राज्य में इस तरह के नतीजे नहीं आते। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी कुछ ऐसी ही स्थिति होने वाली है, यही वजह है कि बीजेपी इस तरह का प्रयोग करने के लिए आतुर हो रही है।

किन विधायकों को लेकर है चर्चा
दरअसल राजनीतिक गलियारे में कांग्रेस के तीन विधायकों समेत पार्टी के एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और कोल्हान इलाके के कुछ बड़े नेताओं का नाम बड़ी तेजी से चर्चा में आया है। पिछले दिनों इन नेताओं की एक टीम ने दिल्ली में बाकायदा एक राज्यसभा सदस्य के घर पर मीटिंग की और स्ट्रेटेजी बनाई है। हालांकि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ऐसी किसी संभावना से इंकार करती है, लेकिन इसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है।

झामुमो के एक विधायक ने लोस चुनाव के दौरान बदला था पाला
लोकसभा चुनाव के दौरान झामुमो को मांडू विधायक ने झटका दे दिया था और वो एनडीए के पाले में हो लिए। जेएमएम सूत्रों की मानें तो पार्टी के कुछ और विधायक बीजेपी के संपर्क में है और पाला बदल सकते हैं।
दरअसल दूसरे दलों के विधायकों द्वारा बीजेपी का दामन थामना पहली बार नहीं होगा। 2009 और 2014 में झारखंड विकास मोर्चा के विधायकों ने बीजेपी का दामन थामा था।
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