रांची: जल, जंगल और जमीन की लड़ाई करने वाले जेएमएम के कार्यकर्ता एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं. 13 फरवरी 2019 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हजारों की संख्या में जेएमएम कार्यकर्ताओं और नेताओं ने डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव किया. जेएमएम कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के समक्ष गंभीरता से अपना पक्ष नहीं रखा.
वन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से निवास करने वाले लोगों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विरोध में जेएमएम कार्यकर्ता वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरना देने के लिए पहुंचे. जेएमएम कार्यकर्ताओं के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश वन अधिकार अधिनियम 2006 के मूल्य भावना और तथ्यों के विपरीत झारखंड समेत देश के 11 लाख वन आधारित परिवारों को प्रभावित करने का आदेश जारी किया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची जिला समिति की ओर से राजधानी रांची के डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरने का आयोजन किया गया. जेएमएम की मांग है कि सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पूर्ण विचार याचिका दायर कर सुनिश्चित करे कि राज्यों के सभी वंचित लगभग 18,000 आदिवासी-मूलवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टा प्रदान कर उनके साथ किसी तरह का छेड़छाड़ ना करें.