ETV Bharat / state

रांची: आदिवासियों-मूलवासियों के समर्थन में जेएमएम का प्रदर्शन

वन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से निवास करने वाले लोगों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार को इस दिशा में अध्यादेश लाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज पकड़ लिया है.

आदिवासियों-मूलवासियों के समर्थन में जेएमएम का प्रदर्शन
author img

By

Published : Feb 26, 2019, 10:19 AM IST

Updated : Feb 26, 2019, 12:15 PM IST

रांची: जल, जंगल और जमीन की लड़ाई करने वाले जेएमएम के कार्यकर्ता एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं. 13 फरवरी 2019 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हजारों की संख्या में जेएमएम कार्यकर्ताओं और नेताओं ने डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव किया. जेएमएम कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के समक्ष गंभीरता से अपना पक्ष नहीं रखा.

आदिवासियों-मूलवासियों के समर्थन में जेएमएम का प्रदर्शन

वन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से निवास करने वाले लोगों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विरोध में जेएमएम कार्यकर्ता वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरना देने के लिए पहुंचे. जेएमएम कार्यकर्ताओं के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश वन अधिकार अधिनियम 2006 के मूल्य भावना और तथ्यों के विपरीत झारखंड समेत देश के 11 लाख वन आधारित परिवारों को प्रभावित करने का आदेश जारी किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची जिला समिति की ओर से राजधानी रांची के डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरने का आयोजन किया गया. जेएमएम की मांग है कि सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पूर्ण विचार याचिका दायर कर सुनिश्चित करे कि राज्यों के सभी वंचित लगभग 18,000 आदिवासी-मूलवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टा प्रदान कर उनके साथ किसी तरह का छेड़छाड़ ना करें.

रांची: जल, जंगल और जमीन की लड़ाई करने वाले जेएमएम के कार्यकर्ता एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं. 13 फरवरी 2019 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हजारों की संख्या में जेएमएम कार्यकर्ताओं और नेताओं ने डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव किया. जेएमएम कार्यकर्ताओं का मानना है कि सरकार ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के समक्ष गंभीरता से अपना पक्ष नहीं रखा.

आदिवासियों-मूलवासियों के समर्थन में जेएमएम का प्रदर्शन

वन क्षेत्र में गैर कानूनी तरीके से निवास करने वाले लोगों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विरोध में जेएमएम कार्यकर्ता वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरना देने के लिए पहुंचे. जेएमएम कार्यकर्ताओं के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश वन अधिकार अधिनियम 2006 के मूल्य भावना और तथ्यों के विपरीत झारखंड समेत देश के 11 लाख वन आधारित परिवारों को प्रभावित करने का आदेश जारी किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची जिला समिति की ओर से राजधानी रांची के डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरने का आयोजन किया गया. जेएमएम की मांग है कि सरकार माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पूर्ण विचार याचिका दायर कर सुनिश्चित करे कि राज्यों के सभी वंचित लगभग 18,000 आदिवासी-मूलवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टा प्रदान कर उनके साथ किसी तरह का छेड़छाड़ ना करें.

Intro:
बाइट--अंतु तिर्की जेएमएम नेता

जल जंगल और जमीन की लड़ाई करने वाले जेएमएम में कार्यकर्ता एक बार फिर सड़क पर उतरे हैं। 13 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश के विरोध में हजारों की संख्या में जेएमएम कार्यकर्ता वन का घेराव कर एकदिवसीय धरना देने के लिए पहुंचे हैं। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेश वन अधिकार अधिनियम 2006 के मूल्य भावना तथ्यों के विपरीत झारखंड राज्य समेत देश के 11 लाख से भी ज्यादा वन आधारित परिवार जिनकी संख्या लगभग 8 लाख है जिसे प्रभावित करने का आदेश जारी किया गया है। जमीन कार्यकर्ताओं की मानें तो केंद्र सरकार ने जानबूझकर उच्च न्यायालय के समक्ष गंभीरता से अपना पक्ष नहीं रखा। झारखंड सरकार जंगल के सामूहिक भूमि को भूमि बैंक में अजीत अधिसूचित कर लोगों के जीवन यापन को प्रभावित करने का साजिश कर रही है


Body:सैकड़ों की संख्या में झारखंड मुक्ति मोर्चा रांची जिला समिति की ओर से राजधानी रांची के डोरंडा स्थित वन भवन का घेराव कर एकदिवसीय धरने का आयोजन किए हैं साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाते नजर आए इनकी माने तो केंद्र और राज्य सरकार जंगल में बसने वाले आदिवासियों की जमीन हड़पने का काम कर रही है यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट को पूर्ण जानकारी नहीं दी गई वन अधिकार अधिनियम 2006 के मूल्य भावना में यह सुनिश्चित है कि वनोउपज पर सामुदायिक उस जंगल ग्राम के आदिवासी मूलवासी लोगों का होगा। राज्य सरकार से यह मांग करते हैं कि वह अभिलंब माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष पूर्ण विचार याचिका दायर कर या सुनिश्चित करें कि राज्यों के सभी वंचित लगभग 18,000 आदिवासी मूलवासी परिवारों को वन अधिकार पट्टा प्रदान कर उनको जीवन बसर के साथ छेड़छाड़ ना करें


Conclusion:साथी जेएमएम कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर जल जंगल जमीन की के अधिकारों के साथ छेड़छाड़ किया गया तो आगे पार्टी बृहद रूप से आंदोलन करेगी झारखंड में वनों पर बसने वाले आदिवासी मूलवासी यों का अधिकार है उन्हें इस अधिकार से वंचित नहीं किया जाए
Last Updated : Feb 26, 2019, 12:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.