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28 फरवरी से हड़ताल पर जाएगी झारखंड पुलिस, 7 सूत्री मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन - झारखंड समाचार

अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर झारखंड पुलिस 28 फरवरी से हड़ताल पर जा सकती है. इसका ऐलान झारखंड पुलिस एसोसिएसन के महामंत्री अक्षय राम ने किया है.

झारखंड पुलिस एसोसिएसन के महामंत्री अक्षय राम
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Published : Feb 1, 2019, 8:13 PM IST

रांची: झारखंड में अपराधियों का राज कायम हो सकता है. क्योंकि राज्य के 75 हजार पुलिसकर्मी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके है. एक हफ्ते पहले झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. अब झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने भी 28 फरवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.
पुलिस के दोनों एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि अपनी मांगों को लेकर 28 फरवरी से लेकर 4 मार्च तक सामूहिक अवकाश पर जाएंगे. आंदोलन की शुरुआत 12 फरवरी से की जानी है. 12 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक पुलिस वाले काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. वहीं, दूसरे चरण के तहत 20 फरवरी को वह सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. तीसरे चरण में 25 फरवरी को सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देंगे. चौथे और आखिरी चरण में 28 फरवरी से 4 मार्च तक 75 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे.

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झारखंड पुलिस एसोसिएसन के महामंत्री अक्षय राम का बयान
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सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान
झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान कर दिया है. पुलिस एसोसिएशन के द्वारा शुक्रवार को एक विशेष बैठक बुलाकर आंदोलन की रणनीति पर अंतिम मुहर लगा दी गई. झारखंड पुलिस के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक पिछले दो सालों से अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हर बार सरकार की तरफ से आश्वासन देकर आंदोलन को खत्म करवा दिया जाता था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी कोई मांगें नहीं मानी गई हैं.

चपरासी से लेकर इंस्पेक्टर तक चले जाएंगे हड़ताल पर
यह पहली बार है जब झारखंड पुलिस के दोनों एसोसिएशन मिलकर हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके हैं. अगर समय रहते सरकार पुलिस कर्मियों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा सकती है.

क्या है प्रमुख मांगें
झारखंड पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिएसन राज्य सरकार के द्वारा दी जा रही सिपाही से सीधे एसआई की भर्ती को रद्द करने की मांग कर रही है. एसोसिएशन के अनुसार अगर सिपाही को सीधे दरोगा बना दिया जाएगा तो कई लोगों का प्रमोशन बाधित हो जाएगा.
सरकार नहीं निभा रही आपना वादा
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलिस के कई कार्यक्रम में कई बार यह घोषणा की थी कि राज्य के पुलिस कर्मियों को 13 महीने का वेतन दिया जाएगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह व्यवस्था सरकार की तरफ से लागू नहीं की गई है जिससे पुलिस कर्मी नाराज हैं.

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अनुकंपा होने वाली नौकरी में उम्र की सीमा खत्म की जाए
एसोसिएशन का कहना है कि शहीद या फिर किसी घटना में अपनी जान गवां चुके पुलिसकर्मियों के परिजनों को जब नौकरी दी जाती है, तो उनसे न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास मांगा जाता है. जबकि कई मामलों में ऐसा नहीं हो पाता है. इसलिए इस मामले में उम्र की सीमा खत्म की जाए. वहीं, ऐंटी करप्शन ब्यूरो में कार्यरत पुलिस कर्मियों को 25% अधिक भत्ता देने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया था. इसके बावजूद अभी तक उन्हें यह भत्ता नहीं दिया जा रहा है.

शहीद पुलिस कर्मियों के माता-पिता को भी मिले अनुकंपा राशि
दोनों एसोसिएशन के सदस्यों ने मांग हैं कि शहीद हुए पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलने वाली राशि में से 25% दिया जाए. क्योंकि शहीद जवानों की पत्नियां कभी-कभी शादी करती हैं जिसके बाद उनके मां-बाप का जीवन काफी कठिन हो जाता है.

झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि कानून के रखवाले अवकाश पर जाएं. लेकिन उनकी भी कुछ मांगें आवश्यक हैं अगर सरकार उनकी मांगों को मान लेती हैं तो वह आकाश पर जाने के निर्णय को स्थगित कर दिया जाएगा.

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रांची: झारखंड में अपराधियों का राज कायम हो सकता है. क्योंकि राज्य के 75 हजार पुलिसकर्मी हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके है. एक हफ्ते पहले झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. अब झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने भी 28 फरवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.
पुलिस के दोनों एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि अपनी मांगों को लेकर 28 फरवरी से लेकर 4 मार्च तक सामूहिक अवकाश पर जाएंगे. आंदोलन की शुरुआत 12 फरवरी से की जानी है. 12 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक पुलिस वाले काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. वहीं, दूसरे चरण के तहत 20 फरवरी को वह सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. तीसरे चरण में 25 फरवरी को सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देंगे. चौथे और आखिरी चरण में 28 फरवरी से 4 मार्च तक 75 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे.

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झारखंड पुलिस एसोसिएसन के महामंत्री अक्षय राम का बयान
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सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान
झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान कर दिया है. पुलिस एसोसिएशन के द्वारा शुक्रवार को एक विशेष बैठक बुलाकर आंदोलन की रणनीति पर अंतिम मुहर लगा दी गई. झारखंड पुलिस के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक पिछले दो सालों से अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. हर बार सरकार की तरफ से आश्वासन देकर आंदोलन को खत्म करवा दिया जाता था. लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी कोई मांगें नहीं मानी गई हैं.

चपरासी से लेकर इंस्पेक्टर तक चले जाएंगे हड़ताल पर
यह पहली बार है जब झारखंड पुलिस के दोनों एसोसिएशन मिलकर हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके हैं. अगर समय रहते सरकार पुलिस कर्मियों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा सकती है.

क्या है प्रमुख मांगें
झारखंड पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिएसन राज्य सरकार के द्वारा दी जा रही सिपाही से सीधे एसआई की भर्ती को रद्द करने की मांग कर रही है. एसोसिएशन के अनुसार अगर सिपाही को सीधे दरोगा बना दिया जाएगा तो कई लोगों का प्रमोशन बाधित हो जाएगा.
सरकार नहीं निभा रही आपना वादा
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलिस के कई कार्यक्रम में कई बार यह घोषणा की थी कि राज्य के पुलिस कर्मियों को 13 महीने का वेतन दिया जाएगा. मुख्यमंत्री की घोषणा के 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह व्यवस्था सरकार की तरफ से लागू नहीं की गई है जिससे पुलिस कर्मी नाराज हैं.

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अनुकंपा होने वाली नौकरी में उम्र की सीमा खत्म की जाए
एसोसिएशन का कहना है कि शहीद या फिर किसी घटना में अपनी जान गवां चुके पुलिसकर्मियों के परिजनों को जब नौकरी दी जाती है, तो उनसे न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास मांगा जाता है. जबकि कई मामलों में ऐसा नहीं हो पाता है. इसलिए इस मामले में उम्र की सीमा खत्म की जाए. वहीं, ऐंटी करप्शन ब्यूरो में कार्यरत पुलिस कर्मियों को 25% अधिक भत्ता देने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया था. इसके बावजूद अभी तक उन्हें यह भत्ता नहीं दिया जा रहा है.

शहीद पुलिस कर्मियों के माता-पिता को भी मिले अनुकंपा राशि
दोनों एसोसिएशन के सदस्यों ने मांग हैं कि शहीद हुए पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलने वाली राशि में से 25% दिया जाए. क्योंकि शहीद जवानों की पत्नियां कभी-कभी शादी करती हैं जिसके बाद उनके मां-बाप का जीवन काफी कठिन हो जाता है.

झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि कानून के रखवाले अवकाश पर जाएं. लेकिन उनकी भी कुछ मांगें आवश्यक हैं अगर सरकार उनकी मांगों को मान लेती हैं तो वह आकाश पर जाने के निर्णय को स्थगित कर दिया जाएगा.

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Intro:झारखंड में अपराधियों का राज कायम हो सकता है ,क्योंकि राज्य के 75 हजार पुलिस वाले हड़ताल पर जाने की तैयारी कर चुके है। एक सप्ताह पहले झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी और अब झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने भी 28 फरवरी से हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। झारखंड पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिएशन संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार के खिलाफ आंदोलन में जाने की घोषणा की है।

चार चरण में आंदोलन
पुलिस के दोनों एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि अपनी मांगों को लेकर 28 फरवरी से लेकर 4 मार्च तक सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। आंदोलन की शुरुआत 12 फरवरी से की जानी है। 12 फरवरी से लेकर 14 फरवरी तक पुलिस वाले काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे। वहीं दूसरे चरण के तहत 20 फरवरी को वह सामूहिक अवकाश पर रहेंगे ।तीसरे चरण में 25 फरवरी को सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना देंगे। चौथे और आखिरी चरण में यानी 28 फरवरी से 4 मार्च तक 75 हजार पुलिसकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले जायेंगे।




Body:झारखंड पुलिस एसोसिएशन ने अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान कर दिया है। पुलिस एसोसिएशन के द्वारा शुक्रवार को एक विशेष बैठक बैठक बुलाकर आंदोलन की रणनीति पर अंतिम मुहर लगा दी गई। झारखंड पुलिस के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक पिछले दो सालों से अपने सात सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं ।हर बार सरकार की तरफ से आश्वासन देकर आंदोलन को खत्म करवा दिया जाता था ।लेकिन 2 साल बीत जाने के बाद भी कोई मांगे नहीं मानी गई।

चपरासी से लेकर इंस्पेक्टर तक चले जाएंगे हड़ताल पर

यह पहली बार है जब झारखंड पुलिस के दोनों एसोसिएशन मिलकर हड़ताल पर जाने का एलान कर चुके हैं। अगर समय रहते सरकार पुलिस कर्मियों की मांगों को नहीं मानी जाती है तो राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा सकती है।

क्या है प्रमुख मांगे

झारखंड पुलिस एसोसिएशन और मेंस एसोसिएसन राज्य सरकार के द्वारा दी जा रही सिपाही से सीधे एसआई की भर्ती को रद्द करने की मांग कर रही है। एसोसिएशन के अनुसार अगर सिपाही को सीधे दरोगा बना दिया जाएगा तो कई लोगों का प्रमोशन बाधित हो जाएगा।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलिस के कई कार्यक्रम में कई बार यह घोषणा की थी कि राज्य के पुलिस कर्मियों को 13 माह का वेतन दिया जाएगा मुख्यमंत्री की घोषणा के 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक या व्यवस्था सरकार की तरफ से लागू नहीं की गई।

अनुकंपा होने वाली नौकरी में उम्र की सीमा खत्म की जाए। एसोसिएशन का कहना है कि शहीद या फिर किसी घटना में अपनी जान गवां चुके पुलिसकर्मियों के परिजनों को जब नौकरी दी जाती है तो उनसे न्यूनतम योग्यता मैट्रिक पास मांगा जाता है। जबकि कई मामलों में ऐसा नहीं हो पाता है इसलिए इस मामले में उम्र की सीमा खत्म की जाए।

ऐंटी करप्सन ब्यूरो में कार्यरत पुलिस कर्मियों को 25% अधिक भत्ता देने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया था ।इसके बावजूद अभी तक उन्हें यह बता नहीं दिया जा रहा है।

दोनों एसोसिएशन के सदस्यों ने मांग की है कि शहीद हुए पुलिसकर्मियों के माता-पिता को भी मिलने वाली राशि में से 25% दिया जाए ।क्योंकि शहीद जवानों की पत्नियां कभी-कभी शादी करती है जिसके बाद उनके मां-बाप का जीवन काफी कठिन हो जाता है।




Conclusion:झारखंड पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री अक्षय राम ने कहा है कि वह नहीं चाहते कि कानून के रखवाले अवकाश पर जाएं। लेकिन वह भी इंसान हैं और उनकी भी कुछ मांगे आवश्यक है अगर सरकार उनकी मांगों को मान लेती हैं तो वह आकाश पर जाने के निर्णय को स्थगित कर देंगे।

बाईट - अक्षय राम , महामंत्री ,झारखंड पुलिस एसोसिएसन
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