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रांची में हर रोज 5 ट्रक डाभ की खपत, 15 रुपये की डाभ बिक रहे 50 रुपए  में

रांची में एक दिन में 5 ट्रक डाभ की खपत हो रही है. नारियल पानी की गर्मी के सीजन में काफी डिमांड होती है. जिसकी किमत पहले15 रुपये थी वो इस सीजन में 50 रुपये प्रति डाभ बीक रहा.

रांची में 50 रुपये प्रति बीक रहा डाभ
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Published : May 15, 2019, 1:55 AM IST

रांची: झारखंड समेत पूरे राजधानी का पारा परवान चढ़ा हुआ है. ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय का सहारा भी ले रहे हैं और इसमें सबसे मुख्य है, नारियल पानी यानी कि स्थानीय भाषा में बोले जाने वाला डाभ का पानी. रांची में एक दिन में 5 ट्रक डाभ की खपत हो रही है.

रांची में 50 रुपये प्रति बीक रहा डाभ

राजधानी में पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों से डाभ मंगाया जाता है और गर्मी के दौरान आयात की मात्रा काफी बढ़ जाती है. एक दिन में शहर में 5 से 6 ट्रक डाभ की खपत हो रही है. एक ट्रक में तकरीबन 10 हजार डाभ रहता है, व्यवसायी गर्मी के सीजन में ज्यादा से ज्यादा डाभ अन्य प्रदेशों से मंगवा कर रखते हैं. ताकि लोगों को उपलब्ध कराया जा सके. गर्मी आते ही शीतल पेय की मांग बढ़ जाती है. खासकर सत्तू की शरबत, नींबू पानी और सबसे खास नारियल पानी.

वहीं, खुदरा में इसका मूल्य अन्य सीजन में प्रति डाभ 10-15 रुपये रहता है. जबकि गर्मी के सीजन में इसी डाभ की कीमत 50 रुपये तक पहुंच गया है और लोग खुशी खुशी इसकी खरीदारी भी करते हैं. रांची में ऐसे कई व्यवसायी हैं जो कई वर्षों से लगातार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. इनकी मानें तो गर्मी के दौरान इसकी मांग बढ़ जाती है इसलिए कीमत में भी इजाफा होता है. वहीं, स्थानीय लोग डाभ के कई फायदे बताते हैं, प्राकृतिक यह शीतल पेय कई मायने में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

रांची: झारखंड समेत पूरे राजधानी का पारा परवान चढ़ा हुआ है. ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय का सहारा भी ले रहे हैं और इसमें सबसे मुख्य है, नारियल पानी यानी कि स्थानीय भाषा में बोले जाने वाला डाभ का पानी. रांची में एक दिन में 5 ट्रक डाभ की खपत हो रही है.

रांची में 50 रुपये प्रति बीक रहा डाभ

राजधानी में पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों से डाभ मंगाया जाता है और गर्मी के दौरान आयात की मात्रा काफी बढ़ जाती है. एक दिन में शहर में 5 से 6 ट्रक डाभ की खपत हो रही है. एक ट्रक में तकरीबन 10 हजार डाभ रहता है, व्यवसायी गर्मी के सीजन में ज्यादा से ज्यादा डाभ अन्य प्रदेशों से मंगवा कर रखते हैं. ताकि लोगों को उपलब्ध कराया जा सके. गर्मी आते ही शीतल पेय की मांग बढ़ जाती है. खासकर सत्तू की शरबत, नींबू पानी और सबसे खास नारियल पानी.

वहीं, खुदरा में इसका मूल्य अन्य सीजन में प्रति डाभ 10-15 रुपये रहता है. जबकि गर्मी के सीजन में इसी डाभ की कीमत 50 रुपये तक पहुंच गया है और लोग खुशी खुशी इसकी खरीदारी भी करते हैं. रांची में ऐसे कई व्यवसायी हैं जो कई वर्षों से लगातार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. इनकी मानें तो गर्मी के दौरान इसकी मांग बढ़ जाती है इसलिए कीमत में भी इजाफा होता है. वहीं, स्थानीय लोग डाभ के कई फायदे बताते हैं, प्राकृतिक यह शीतल पेय कई मायने में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.

Intro:रेडी टू एयर.....स्पेसल

रांची:

झारखंड समेत पूरे राजधानी रांची का पारा परवान चढ़ा हुआ है. ऐसे में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए शीतल पेय का सहारा भी ले रहे हैं और इसमें सबसे मुख्य है नारियल पानी यानी कि स्थानीय भाषा में बोले जाने वाला डाभ का पानी। रांची में एक दिन में 5 ट्रक डाभ की खपत है .व्यवसायी कहते हैं पश्चिम बंगाल से डाभ मंगाया जाता है और हर दिन इसकी जबरदस्त खपत है. वहीं अन्य सीजन में जहां प्रति डाभ 15 से 20 रुपये बिकता है तो वहीं गर्मी के सीजन में एक डाभ की कीमत 50 रुपये है।


Body:गर्मी आते ही शीतल पेय की मांग बढ़ जाती है ,खासकर सत्तू का शरबत, नींबू पानी और सबसे खास नारियल पानी यानी कि डाभ की. राजधानी रांची में पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों से डाभ मंगाया जाता है और गर्मी के दौरान आयात की मात्रा काफी बढ़ जाती है. एक दिन में सिर्फ शहर में 5 से 6 ट्रक डाभ की खपत है .एक ट्रक में तकरीबन 10 हजार डाभ रहता है ,व्यवसायी गर्मी के सीजन में ज्यादा से ज्यादा डाभ अन्य प्रदेशों से मंगवा कर रखते हैं ताकि लोगों को उपलब्ध कराया जा सके .खुदरा में इसका मूल्य अन्य सीजन में प्रति डाभ 10- 15 रुपये रहता है. जबकि गर्मी के सीजन में इसी डाभ की कीमत 50 रुपये तक पहुंच गया है और लोग खुशी खुशी इसकी खरीदारी भी करते हैं रांची में ऐसे कई व्यवसायी हैं जो कई वर्षों से लगातार इस व्यवसाय से जुड़े हैं .इनकी मानें तो गर्मी के दौरान इसकी मांग बढ़ जाती है इसलिए कीमत में भी इजाफा होता है .वहीं स्थानीय लोग डाभ के कई फायदे बताते हैं, प्राकृतिक यह शीतल पेय कई मायने में स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.


बाइट- राजन कुमार ,डाभ व्यवसायी।

बाइट-स्थानीय निवासी।1,2


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