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अब तक नहीं मिली है पुस्तकें, पाठ्यक्रम पूरा कराने में शिक्षकों को हो रही है दिक्कत

राजधानी में शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण की प्रक्रिया फेल साबित हो रही है. सरकारी स्कूलों के बच्चों को अभी तक पाठ्य पुस्तक उपलब्द नहीं हो पाई है, जिससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूलों के शिक्षकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 19, 2019, 4:53 PM IST

अब तक नहीं मिली है पुस्तकें

रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि और नामांकन में ठहराव के उद्देश्य से निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाता है, लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पुस्तक नहीं मिल पाई है. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

अब तक नहीं मिली है पुस्तकें

बता दें कि एक योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करवाई जाती है. ऐसे में इस सत्र में भी निशुल्क पुस्तक वितरण तो किया गया, लेकिन आधी और अधूरी. इससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूलों के शिक्षकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुछ स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में पुस्तकें दे दी गई है, तो अधिकतर स्कूलों में अब तक किताबें पहुंची ही नहीं है. ऐसे में विद्यार्थी अपना कोर्स खत्म नहीं कर पा रहे हैं.

वहीं, कक्षा 3 और 4 के अलावा सातवीं और आठवीं के बच्चों को भी अब तक पुस्तकें मुहैया नहीं कराई गई है. पुस्तके नहीं मिलने के कारण एक किताब पर दो बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. किताब के अभाव में पढ़ाई बाधित होने की संभावना बढ़ गई है. जबकि शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत वर्मा का कहना है कि तमाम स्कूलों में किताब धीरे-धीरे मुहैया कराई जा रही है. वहीं, स्कूल के शिक्षक कहते हैं किताबें समय पर नहीं मिलने से कोर्स कंप्लीट करने में दिक्कत आ रही है, बच्चों को जो सीखना चाहिए वह नहीं सीख पा रहे हैं.

रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि और नामांकन में ठहराव के उद्देश्य से निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाता है, लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पुस्तक नहीं मिल पाई है. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.

अब तक नहीं मिली है पुस्तकें

बता दें कि एक योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करवाई जाती है. ऐसे में इस सत्र में भी निशुल्क पुस्तक वितरण तो किया गया, लेकिन आधी और अधूरी. इससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूलों के शिक्षकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुछ स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में पुस्तकें दे दी गई है, तो अधिकतर स्कूलों में अब तक किताबें पहुंची ही नहीं है. ऐसे में विद्यार्थी अपना कोर्स खत्म नहीं कर पा रहे हैं.

वहीं, कक्षा 3 और 4 के अलावा सातवीं और आठवीं के बच्चों को भी अब तक पुस्तकें मुहैया नहीं कराई गई है. पुस्तके नहीं मिलने के कारण एक किताब पर दो बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. किताब के अभाव में पढ़ाई बाधित होने की संभावना बढ़ गई है. जबकि शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत वर्मा का कहना है कि तमाम स्कूलों में किताब धीरे-धीरे मुहैया कराई जा रही है. वहीं, स्कूल के शिक्षक कहते हैं किताबें समय पर नहीं मिलने से कोर्स कंप्लीट करने में दिक्कत आ रही है, बच्चों को जो सीखना चाहिए वह नहीं सीख पा रहे हैं.

Intro:रेडी टू एयर...डे प्लान

रांची:
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि और नामांकन में ठहराव के उद्देश्य से निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण किया जाता है लेकिन अब तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पुस्तक है नहीं मिल पाई है कक्षा 34 के अलावे सातवीं और आठवीं के बच्चों को भी अब तक पुस्तके मुहैया नहीं कराई गई है किताबों के अभाव में पढ़ाई भी बाधित होने के मामले सामने आ रहे हैं


Body:एक योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करवाई जाती है ऐसे में इस सत्र में भी निशुल्क पुस्तक वितरण तो किया जा रहा है लेकिन आधी और अधूरी इससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूलों के शिक्षकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कुछ स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में पुस्तके दे दी गई है तो अधिकतर स्कूलों में अब तक किताबें पहुंची ही नहीं है ऐसे में विद्यार्थी पूरा कोर्स की किताबें नहीं मिलने से पशोपेश की स्थिति में है सातवीं आठवीं के साथ साथ तीसरी और चौथी कक्षा के विद्यार्थियों को तो एक भी किताब अब तक नहीं मिली है वहीं कुछ कक्षाओं की आधी अधूरी किताबें आई है कहीं पर अंग्रेजी विषय तो कहीं गणित विषय के पुस्तके नहीं मिली है पुस्तके नहीं मिलने के कारण एक किताब पर दो बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर है किताब के अभाव में पढ़ाई बाधित होने की संभावना बढ़ गई है जबकि शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि तमाम स्कूलों में किताब धीरे धीरे मुहैया कराई जा रही है वही स्कूल के शिक्षक कहते हैं किताबें समय पर नहीं मिलने से कोर्स कंप्लीट करने में दिक्कत आ रही है बच्चों को जो सीखना चाहिए वह नहीं सीख पा रहे है.

बाइट-रजनीकांत वर्मा,शिक्षा पदाधिकारी।

बाइट-डॉ ए के लाल, शिक्षक, राजयकीयकृत विद्यालय ,रांची।


Conclusion:जबकि इससे इतर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग स्कूलों में हर सुविधा देने के दम्ब भर रहे हैं .प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की बात करते हैं .जबकि सच्चाई कुछ और ही है. इस दिशा में शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है.
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