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माघी मेला का मंत्री लुईस मरांडी करेंगी उद्घाटन, श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू

जिले में माघी मेले का मंगलवार को मंत्री लुईस मरांडी उद्घायन करेंगी. मेले को लेकर प्रशासन पूरी व्यवस्था कर ली गई है. कई राज्यों से लाखों श्रद्धालु मेले में पहुंचने लगे है.

माघी मेले का आयोजन
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Published : Feb 18, 2019, 3:39 PM IST

सहिबगंज: राजमहल अनुमंडल में उत्तर वाहिनी गंगा में मंगलवार को माघी पूर्णिमा के दिन राजकीय माघी महाकुम्भ मेले की शुरुआत होगी. मेले का उद्घाटन मंत्री लुईस मरांडी करेंगी. माघी मेले में स्नान करने और पूजा अर्चना करने को लेकर राज्यभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं.

माघी मेले का आयोजन
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झारखंड सरकार ने माघी महाकुम्भ मेला को राजकीय माघी मेला का दर्जा दिया गया है. वर्षो से इस मेला में स्नान और पूजा अर्चना करने के लिए पूरे भारत से लाखों श्रद्धालु पहुंचते है. वहीं, कई राज्यों से भारी संख्या में सफाहोड़ आदिवासी भी आते हैं.

बताया जाता है कि पहले फंड नहीं था जिसके कारण किसी तरह लोकल पूजा कमिटी द्वारा चंदा इक्ट्ठा कर मेले की व्यवस्था की जाती थी. जिसके बाद झारखंड सरकार हर साल लाखों रुपये फंड देकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पानी, शौचालय सहित ठहरने का खर्च उठा रही है. यह मेला तीन दिन तक चलेगा. इस दौरान जिले के कई अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आदिवासियों के लिए महाकुम्भ मेला जैसा है. जहां लाखों की संख्या में राजमहल पहुंचकर उतरवाहिनी मां गंगा में स्नानकर पूजा करते है. साथ ही घंटों भगवान की श्रद्धा में लीन रहते हैं. इस मेले में झारखंड, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, नेपाल, असम, यूपी, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आदिवासी सादे वस्त्र पहनकर पूजा करते हैं.

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सहिबगंज: राजमहल अनुमंडल में उत्तर वाहिनी गंगा में मंगलवार को माघी पूर्णिमा के दिन राजकीय माघी महाकुम्भ मेले की शुरुआत होगी. मेले का उद्घाटन मंत्री लुईस मरांडी करेंगी. माघी मेले में स्नान करने और पूजा अर्चना करने को लेकर राज्यभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं.

माघी मेले का आयोजन
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झारखंड सरकार ने माघी महाकुम्भ मेला को राजकीय माघी मेला का दर्जा दिया गया है. वर्षो से इस मेला में स्नान और पूजा अर्चना करने के लिए पूरे भारत से लाखों श्रद्धालु पहुंचते है. वहीं, कई राज्यों से भारी संख्या में सफाहोड़ आदिवासी भी आते हैं.

बताया जाता है कि पहले फंड नहीं था जिसके कारण किसी तरह लोकल पूजा कमिटी द्वारा चंदा इक्ट्ठा कर मेले की व्यवस्था की जाती थी. जिसके बाद झारखंड सरकार हर साल लाखों रुपये फंड देकर श्रद्धालुओं की सुरक्षा, पानी, शौचालय सहित ठहरने का खर्च उठा रही है. यह मेला तीन दिन तक चलेगा. इस दौरान जिले के कई अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आदिवासियों के लिए महाकुम्भ मेला जैसा है. जहां लाखों की संख्या में राजमहल पहुंचकर उतरवाहिनी मां गंगा में स्नानकर पूजा करते है. साथ ही घंटों भगवान की श्रद्धा में लीन रहते हैं. इस मेले में झारखंड, बिहार, उड़ीसा, बंगाल, नेपाल, असम, यूपी, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से आदिवासी सादे वस्त्र पहनकर पूजा करते हैं.

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Intro:राजकीय माघी महाकुम्भ मेला का उदघाटन करेंगी मंत्री लुईस मरांडी। श्रद्धालुओं का आने की शिलशिला हुआ शुरू।
स्टोरी-सहिबगंज- राजमहल अनुमंडल में उत्तर वाहिनी गंगा में कल माघी पूर्णिमा को झारखंड सरकार राजकीय माघी मेला का दर्जा प्राप्त हुआ है। वर्षो से इस माघी मेला में स्नान के लिये पूजा अर्चना करने के लिये भारत के कई राज्यो से लाखों की संख्या में सफाहोड़ आदिवासी आते है चुकी पहले फण्ड नही था तो किसी तरह लोकल पूजा कमिटी द्वारा चंदा कर ब्यवस्था किया जाता था लेकिन अब झारखंड सरकार प्रतिवर्ष लाखों रुपये इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा ,पानी,शौचालय सहित ठहरने पर खर्च कर रही है।
कल से तीन दिन तक चलने वाले यह आदिवासियों को महाकुम्भ मेला का उदघाटन करने आ रही है मंत्री लुईस मरांडी। उपायुक्त ने बताया कि कल 2 बजे के आस पास आएगी और और मेला का विधिवत शुभरम्भ करेगी। साथ मे सहिबगंज के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
बाइट-संदीप सिंह,डीसी,सहिबगंज
   स्थानीय लोगो का कहना है कि यह साफ होड़ आदिवासियों के लिये यह महाकुम्भ मेला जैसा है लाखो की संख्या में राजमहल पहुचकर उतरवाहिनी माँ गंगा में स्नानकर पूजा करते है घंटो भगवान की श्रद्धा में लीन रहते है यहाँ पर झारखंड,बिहार,उड़ीसा,बंगाल,नेपाल,गोहाटी,यूपी,छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यो से यह आदिवासी सादे वस्त्र पहनकर पूजा करते है।
       बाइट-मुकुंद कुमार,स्थानीय


Body:राजकीय माघी महाकुम्भ मेला का उदघाटन करेंगी मंत्री लुईस मरांडी। श्रद्धालुओं का आने की शिलशिला हुआ शुरू।
स्टोरी-सहिबगंज- राजमहल अनुमंडल में उत्तर वाहिनी गंगा में कल माघी पूर्णिमा को झारखंड सरकार राजकीय माघी मेला का दर्जा प्राप्त हुआ है। वर्षो से इस माघी मेला में स्नान के लिये पूजा अर्चना करने के लिये भारत के कई राज्यो से लाखों की संख्या में सफाहोड़ आदिवासी आते है चुकी पहले फण्ड नही था तो किसी तरह लोकल पूजा कमिटी द्वारा चंदा कर ब्यवस्था किया जाता था लेकिन अब झारखंड सरकार प्रतिवर्ष लाखों रुपये इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा ,पानी,शौचालय सहित ठहरने पर खर्च कर रही है।
कल से तीन दिन तक चलने वाले यह आदिवासियों को महाकुम्भ मेला का उदघाटन करने आ रही है मंत्री लुईस मरांडी। उपायुक्त ने बताया कि कल 2 बजे के आस पास आएगी और और मेला का विधिवत शुभरम्भ करेगी। साथ मे सहिबगंज के सभी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।
बाइट-संदीप सिंह,डीसी,सहिबगंज
   स्थानीय लोगो का कहना है कि यह साफ होड़ आदिवासियों के लिये यह महाकुम्भ मेला जैसा है लाखो की संख्या में राजमहल पहुचकर उतरवाहिनी माँ गंगा में स्नानकर पूजा करते है घंटो भगवान की श्रद्धा में लीन रहते है यहाँ पर झारखंड,बिहार,उड़ीसा,बंगाल,नेपाल,गोहाटी,यूपी,छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यो से यह आदिवासी सादे वस्त्र पहनकर पूजा करते है।
       बाइट-मुकुंद कुमार,स्थानीय


Conclusion:डग़जल्लसबन
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