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10 साल में नहीं मिला एक बूंद पानी, पेयजल विभाग ने थमाया 30 हजार का बिल - Ranchi News

मंगलवार को आजसू कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में सहिस के सामने हरमू में रहने वाले पारसनाथ सिन्हा ने अपनी आपबीती सुनाई. सिन्हा ने बताया कि उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया. उस वक्त वहां केवल हाउसिंग बोर्ड की जीर्ण शीर्ण पाइपलाइन थी. उन्हें हाउसिंग कॉलोनी के उसी टूटे-फूटे पाइप लाइन से कनेक्शन दे दिया गया. हालांकि कनेक्शन मिलने के बाद एक बूंद पानी उन्हें अब तक नहीं मिला है, लेकिन विभाग की तरफ से 30 हजार का बिल दे दिया गया.

पेयजल विभाग ने थमाया 30 हजार का बिल
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Published : Jun 25, 2019, 10:04 PM IST


रांची: प्रदेश के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग मंत्री रामचंद्र सहिस के पहले जनता दरबार में एक अनूठा मामला सामने आया. राजधानी रांची के रिहायशी इलाके हरमू में रहने वाले एक शख्स को बीते 10 सालों में एक बूंद पानी नहीं मिला, लेकिन सरकार की तरफ से 30 हजार से ज्यादा का बिल पकड़ा दिया गया.

वीडियो में देखें पूरी खबर

मंगलवार को आजसू कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में सहिस के सामने हरमू में रहने वाले पारसनाथ सिन्हा ने अपनी आपबीती सुनाई. सिन्हा ने बताया कि उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया. उस वक्त वहां केवल हाउसिंग बोर्ड की जीर्ण शीर्ण पाइपलाइन थी. उन्हें हाउसिंग कॉलोनी के उसी टूटे-फूटे पाइप लाइन से कनेक्शन दे दिया गया. हालांकि कनेक्शन मिलने के बाद एक बूंद पानी उन्हें अब तक नहीं मिला है.

उन्होंने बताया कि अपनी मांग को लेकर वो मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र गए. यहां तक कि पूर्व पेयजल मंत्री सीपी चौधरी का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला. 2015 में पेयजल स्वच्छता विभाग और जनसंवाद का दरवाजा खटखटाने के बाद बकायदा एक टीम गठित की गई, जिसने रिपोर्ट दी कि सिन्हा के घर तक पानी तब तक नहीं पहुंच सकता जब तक जुडको या नगर निगम का पाइप लाइन नहीं पहुंचता.

सिन्हा ने स्पष्ट किया कि उनसे भारी गलती हो गई, जो उन्होंने सरकार से पानी के लिए आवेदन दिया और पाइप लाइन लगाने की दरख्वास्त जमा कराई. उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया 2015 में यह रिपोर्ट आई और 2018 में 30 हजार 273 रुपये का बिल उन्हें पकड़ा दिया गया. इस मामले पर विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि सिन्हा की समस्या दूर करने की कोशिश की जा रही है. नगर आयुक्त से बात कर उन्हें जल्द ही पानी पहुंचाया जाएगा.


रांची: प्रदेश के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग मंत्री रामचंद्र सहिस के पहले जनता दरबार में एक अनूठा मामला सामने आया. राजधानी रांची के रिहायशी इलाके हरमू में रहने वाले एक शख्स को बीते 10 सालों में एक बूंद पानी नहीं मिला, लेकिन सरकार की तरफ से 30 हजार से ज्यादा का बिल पकड़ा दिया गया.

वीडियो में देखें पूरी खबर

मंगलवार को आजसू कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में सहिस के सामने हरमू में रहने वाले पारसनाथ सिन्हा ने अपनी आपबीती सुनाई. सिन्हा ने बताया कि उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया. उस वक्त वहां केवल हाउसिंग बोर्ड की जीर्ण शीर्ण पाइपलाइन थी. उन्हें हाउसिंग कॉलोनी के उसी टूटे-फूटे पाइप लाइन से कनेक्शन दे दिया गया. हालांकि कनेक्शन मिलने के बाद एक बूंद पानी उन्हें अब तक नहीं मिला है.

उन्होंने बताया कि अपनी मांग को लेकर वो मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र गए. यहां तक कि पूर्व पेयजल मंत्री सीपी चौधरी का दरवाजा भी खटखटाया, लेकिन नतीजा कोई नहीं निकला. 2015 में पेयजल स्वच्छता विभाग और जनसंवाद का दरवाजा खटखटाने के बाद बकायदा एक टीम गठित की गई, जिसने रिपोर्ट दी कि सिन्हा के घर तक पानी तब तक नहीं पहुंच सकता जब तक जुडको या नगर निगम का पाइप लाइन नहीं पहुंचता.

सिन्हा ने स्पष्ट किया कि उनसे भारी गलती हो गई, जो उन्होंने सरकार से पानी के लिए आवेदन दिया और पाइप लाइन लगाने की दरख्वास्त जमा कराई. उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया 2015 में यह रिपोर्ट आई और 2018 में 30 हजार 273 रुपये का बिल उन्हें पकड़ा दिया गया. इस मामले पर विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि सिन्हा की समस्या दूर करने की कोशिश की जा रही है. नगर आयुक्त से बात कर उन्हें जल्द ही पानी पहुंचाया जाएगा.

Intro:रांची। प्रदेश के पेयजल स्वच्छता एवं जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस के पहले जनता दरबार में एक अनूठा मामला सामने आया। मामला राजधानी रांची के रिहायशी हरमू इलाके में रहने वाले एक शख्स का था, जिसे 10 सालों में एक बूंद पानी तो नहीं मिली लेकिन सरकार की तरफ से 30,000 से अधिक कप बिल पकड़ा दिया गया।
मंगलवार को आजसू कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में सहिस के सामने हरमू में रहने वाले पारसनाथ सिन्हा ने अपनी आपबीती रखी। सिन्हा ने बताया कि उन्होंने 2009 में पानी का कनेक्शन लिया। उस वक्त वहां केवल हाउसिंग बोर्ड की जीर्ण शीर्ण पाइपलाइन थी। उन्हें हाउसिंग कॉलोनी के उसी टूटे-फूटे पाइप लाइन से कनेक्शन दे दिया गया। हालांकि कनेक्शन से मिलने के बाद एक बूंद पानी उन्हें अब तक नहीं मिला है।


Body:उन्होंने बताया कि अपनी मांग को लेकर वो मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र गए। यहां तक कि पूर्व पेयजल मंत्री सीपी चौधरी का दरवाजा भी खटखटाया लेकिन नतीजा सिफर निकला। 2015 में पेयजल स्वच्छता विभाग और जनसंवाद का दरवाजा खटखटाने के बाद बकायदा एक टीम गठित की गई जिस ने रिपोर्ट दी कि सिन्हा के घर तक पानी तब तक नहीं पहुंचा जा सकता जब तक जुडको या नगर निगम का पाइप लाइन नहीं पहुंचता है। सिन्हा ने स्पष्ट किया कि उनसे भारी गलती हो गई जो उन्होंने सरकार से पानी के लिए आवेदन दिया और पाइप लाइन लगाने की दरख्वास्त जमा कराई। उन्होंने 2009 में उन्होंने पानी का कनेक्शन लिया 2015 में यह रिपोर्ट आई और 2018 में 30,273 रुपये का बिल उन्हें पकड़ा दिया गया।


Conclusion:इस मामले पर विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस ने कहा कि सिन्हा की समस्या दूर करने की कोशिश की जा रही है और नगर आयुक्त से बात कर उन्हें जल्द ही पानी पहुंचाया जाएगा।
बता दें कि हरमू वही इलाका है जहां अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी का घर है। साथ ही सत्ताधारी बीजेपी, सरकार में शामिल आजसू पार्टी का मुख्यालय भी है।
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