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आपराधिक गैंग्स का डाटा नए सिरे से तैयार कर रही CID, फरार बड़े अपराधियों के खिलाफ होगा ईनाम घोषित

सीआईडी झारखंड में सक्रिय सभी बड़े आपराधिक गिरोह पर रिपोर्ट तैयार कर रही है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ ईनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी.

सीआईडी
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Published : May 21, 2019, 2:54 AM IST

रांची: झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों को इस संबंध में एक पत्र 18 मई को भेजा है.

गैंग्स की मांगी गई जानकारी
सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट और उनके गतिविधियों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ ईनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा.

किन बड़े गिरोहों पर सीआईडी की नजर
लखन सिंह-
रांची का गैंगेस्टर लखन सिंह साल 2013 में तुपुदाना ओपी के हाजत से फरार हो गया था. व्यवसायी राजू धानुका हत्याकांड के बाद चर्चा में आए लखन ने पुलिस से बचने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी भी गढ़ी थी. सीआईडी मुख्यालय ने लखन सिंह और उसके गिरोह के 26 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है. लखन का भाई गेंदा सिंह उसके गिरोह की कमान संभाल रहा. वर्तमान में वो जेल में बंद है.

लवकुश शर्मा- पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगने और पैसे नहीं देने पर गोली चलाने समेत कई हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के कई मामलों में लवकुश के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. सीआईडी ने लवकुश उसके भाई विपिन, गैंग के सहयोगी अंश शर्मा समेत 23 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है.

नरेश सिंह उर्फ बुतरू- जगन्नाथपुर इलाके में रहने वाला नरेश सिंह पूर्व में चौहान गिरोह का मुख्य शूटर था. चौहान बंधूओं के मारे जाने के बाद नरेश जमीन कारोबार से जुड़ा है. नरेश और उससे गिरोह के छह अपराधियों की जानकारी सीआईडी क्राइम ब्रांच जुटा रही है.

संदीप थापा- संदीप थापा हाल ही में रांची के बिरसा मुंडा जेल से जमानत पर छूटा है. आजसू नेता विजय यादव समेत कई कांडों के आरोपी संदीप के गिरोह में 29 लोग हैं. संदीप और उसके गिरोह के खिलाफ रांची के कोतवाली, सुखदेवनगर, पंडरा, कांके, लालपुर समेत कई थानों में एफआईआर दर्ज है.

बिट्टू मिश्रा- संदीप थापा गिरोह के प्रतिद्वंदी बिट्टू मिश्रा और उसके गिरोह के छह अपराधियों को चिन्हित किया गया है. बिट्टू भी वर्तमान में जमीन और सूद के कारोबार से जुड़ा है.
राज्य के इन बड़े गिरोहों पर भी शिकंजा कसेगा

कोयलांचल के गैंगेस्टर सुशील श्रीवास्तव की मौत के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गैंग की कमान संभाल रहा. अमन के गैंग ने हाल में लातेहार में कोल साइडिंग में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. अमन के गिरोह के अपराधियों के बारे में भी जानकारी जुटायी जा रही है. राज्य के बड़े गैंगेस्टर अखिलेश सिंह, कुणाल सिंह उर्फ डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, संथाल में संगठित तरीके से साइबर अपराध करने वाले अपराधियों के गिरोह पर भी जानकारी सीआईडी मुख्यालय ने मांगी है.

रांची: झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है. सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों को इस संबंध में एक पत्र 18 मई को भेजा है.

गैंग्स की मांगी गई जानकारी
सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट और उनके गतिविधियों की जानकारी मांगी है. रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ ईनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी. सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा.

किन बड़े गिरोहों पर सीआईडी की नजर
लखन सिंह-
रांची का गैंगेस्टर लखन सिंह साल 2013 में तुपुदाना ओपी के हाजत से फरार हो गया था. व्यवसायी राजू धानुका हत्याकांड के बाद चर्चा में आए लखन ने पुलिस से बचने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी भी गढ़ी थी. सीआईडी मुख्यालय ने लखन सिंह और उसके गिरोह के 26 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है. लखन का भाई गेंदा सिंह उसके गिरोह की कमान संभाल रहा. वर्तमान में वो जेल में बंद है.

लवकुश शर्मा- पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगने और पैसे नहीं देने पर गोली चलाने समेत कई हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के कई मामलों में लवकुश के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. सीआईडी ने लवकुश उसके भाई विपिन, गैंग के सहयोगी अंश शर्मा समेत 23 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है.

नरेश सिंह उर्फ बुतरू- जगन्नाथपुर इलाके में रहने वाला नरेश सिंह पूर्व में चौहान गिरोह का मुख्य शूटर था. चौहान बंधूओं के मारे जाने के बाद नरेश जमीन कारोबार से जुड़ा है. नरेश और उससे गिरोह के छह अपराधियों की जानकारी सीआईडी क्राइम ब्रांच जुटा रही है.

संदीप थापा- संदीप थापा हाल ही में रांची के बिरसा मुंडा जेल से जमानत पर छूटा है. आजसू नेता विजय यादव समेत कई कांडों के आरोपी संदीप के गिरोह में 29 लोग हैं. संदीप और उसके गिरोह के खिलाफ रांची के कोतवाली, सुखदेवनगर, पंडरा, कांके, लालपुर समेत कई थानों में एफआईआर दर्ज है.

बिट्टू मिश्रा- संदीप थापा गिरोह के प्रतिद्वंदी बिट्टू मिश्रा और उसके गिरोह के छह अपराधियों को चिन्हित किया गया है. बिट्टू भी वर्तमान में जमीन और सूद के कारोबार से जुड़ा है.
राज्य के इन बड़े गिरोहों पर भी शिकंजा कसेगा

कोयलांचल के गैंगेस्टर सुशील श्रीवास्तव की मौत के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गैंग की कमान संभाल रहा. अमन के गैंग ने हाल में लातेहार में कोल साइडिंग में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था. अमन के गिरोह के अपराधियों के बारे में भी जानकारी जुटायी जा रही है. राज्य के बड़े गैंगेस्टर अखिलेश सिंह, कुणाल सिंह उर्फ डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, संथाल में संगठित तरीके से साइबर अपराध करने वाले अपराधियों के गिरोह पर भी जानकारी सीआईडी मुख्यालय ने मांगी है.

आपराधिक गैंग्स का डाटा नए सिरे से तैयार कर रही सीआईडी ,फरार बड़े अपराधियों के खिलाफ होगा ईनाम घोषित 
रांची। 
झारखंड में सक्रिय 39 बड़े आपराधिक गिरोह और उससे जुड़े 704 शीर्ष अपराधियों पर सीआईडी नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर रही है। सीआईडी मुख्यालय ने राज्य के सभी जिलों के क्राइम ब्रांच प्रभारियों को इस संबंध में एक पत्र 18 मई को भेजा है। 

गैंग्स की मांगी गई जानकारी

सीआईडी ने सभी क्राइम ब्रांच प्रभारियों से आपराधिक गैंग के सरगना, उनके सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों की अद्यतन रिपोर्ट व उनके गतिविधियों की जानकारी मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद फरार अपराधियों के खिलाफ ईनाम घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी। सीआईडी के अधिकारियों के मुताबिक, बड़े अपराधियों के खिलाफ दर्ज कांडों की समीक्षा कर उसका स्पीडी ट्रायल भी कराया जाएगा।


किन बड़े गिरोहों पर सीआईडी की नजर

लखन सिंह- रांची का गैंगेस्टर लखन सिंह साल 2013 में तुपुदाना ओपी के हाजत से फरार हो गया था। व्यवसायी  राजू धानुका हत्याकांड के बाद चर्चा में आए लखन ने पुलिस से बचने के लिए अपनी ही मौत की झूठी कहानी भी गढ़ी थी। सीआईडी मुख्यालय ने लखन सिंह व उसके गिरोह के 26 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है। लखन का भाई गेंदा सिंह उसके गिरोह की कमान संभाल रहा। वर्तमान में वह जेल में बंद है। 

लवकुश शर्मा- पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर समरेंद्र सिंह से एक करोड़ की रंगदारी मांगने व पैसे नहीं देने पर गोली चलाने समेत कई हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के कई मामलों में लवकुश के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। सीआईडी ने लवकुश, उसके भाई विपिन, गैंग के सहयोगी अंश शर्मा समेत 23 अपराधियों की गतिविधि की अद्यतन रिपोर्ट मांगी है।

नरेश सिंह उर्फ बुतरू- जगन्नाथपुर इलाके में रहने वाला नरेश सिंह पूर्व में चौहान गिरोह का मुख्य शूटर था। चौहान बंधूओं के मारे जाने के बाद नरेश जमीन कारोबार से जुड़ा है। नरेश व उससे गिरोह के छह अपराधियों की जानकारी सीआईडी क्राइम ब्रांच जुटा रही है।

संदीप थापा- संदीप थापा हाल ही में रांची के बिरसा मुंडा जेल से जमानत पर छूटा है। आजसू नेता विजय यादव समेत कई कांडों के आरोपी संदीप के गिरोह में 29 लोग हैं। संदीप व उसके गिरोह के खिलाफ रांची के कोतवाली, सुखदेवनगर, पंडरा, कांके, लालपुर समेत कई थानों में एफआईआर दर्ज है।


बिट्टू मिश्रा- संदीप थापा गिरोह के प्रतिद्वंदी बिट्टू मिश्रा और उसके गिरोह के छह अपराधियों को चिन्हित किया गया है। बिट्टू भी वर्तमान में जमीन व सूद के कारोबार से जुड़ा है। 

राज्य के इन बड़े गिरोहों पर भी शिकंजा कसेगा

कोयलांचल के गैंगेस्टर सुशील श्रीवास्तव की मौत के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गैंग की कमान संभाल रहा। अमन के गैंग ने हाल में लातेहार में कोल साइडिंग में फायरिंग की घटना को अंजाम दिया था। अमन के गिरोह के अपराधियों के बारे में भी जानकारी जुटायी जा रही है। राज्य के बड़े गैंगेस्टर अखिलेश सिंह, कुणाल सिंह उर्फ डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, संथाल में संगठित तरीके से साइबर अपराध करने वाले अपराधियों के गिरोह पर भी जानकारी सीआईडी मुख्यालय ने मांगी है।
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