रांची: इस वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की है. जबकि राज्य सरकार ने इस साल जनवरी में ही मानदेय में अधिकतम 45 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है. केंद्र सरकार द्वारा की गई बढ़ोतरी के बाद के अतिरिक्त राशि का भुगतान राज्य सरकार अपने मद से करेगी. एक तरफ जहां पारा शिक्षकों के एक गुट इस निर्णय का स्वागत किया है, तो वहीं दूसरा गुट अभी भी आंदोलन के मूड में है.
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों के सामने राज्य का बजट प्रस्तुत किया गया है. पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए केंद्र सरकार ने 946 करोड़ रुपए दिए हैं. राज्य सरकार ने इसी साल जनवरी में पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की थी. इस वजह से केंद्र सरकार द्वारा 10 फीसदी की वृद्धि के बाद भी पारा शिक्षकों को वर्तमान में मिल रहे मानदेय में कोई वृद्धि नहीं होगी.
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इधर, पारा शिक्षक जनवरी में हुए समझौते की तमाम शर्तों को लेकर अड़े हैं और अभी भी आंदोलन के मूड में है. पारा शिक्षकों ने एक बार फिर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. जबकि भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 2134 करोड़ रुपए की मंजूरी पारा शिक्षकों के लिए दी है. टेट पास पारा शिक्षकों को फिलहाल 14000 हजार प्रतिमाह मिल रहे हैं.
वहीं, प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 12000 रुपए दिए जा रहे हैं. जबकि अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को 10500 रुपये दिए जा रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा बढ़ोतरी के बाद पारा शिक्षकों को मानदेय 2019 से ही मिल रहा है. समग्र शिक्षा अभियान के लिए राज्य सरकार के प्रस्तुत बजट के तहत केंद्र सरकार ने 2019-20 के लिए 2134 करोड़ का बजट स्वीकृत कर लिया है.