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अग्रवाल ब्रदर्स मर्डर केस: पुलिस ने दोनों बॉडीगार्ड्स को लिया रिमांड पर, हत्या के कारणों का हुआ खुलासा

निजी न्यूज चैनल के कार्यालय में दो कारोबारी अग्रवाल ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या मामले में पुलिस दो को रिमांड पर लिया है. फिलहाल मामले का मुख्य आरोपी फरार चल रहा है.

हत्या के कारणों का हुआ खुलासा
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Published : Mar 25, 2019, 4:05 AM IST

रांची: अरगोड़ा थाना क्षेत्र के निजी न्यूज चैनल के कार्यालय में दो कारोबारी अग्रवाल ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या की गई थी. मामले के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के दो अंगरक्षक सुनील सिंह और धर्मेंद्र तिवारी को पुलिस ने चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. जिसके बाद दोनों से पूछताछ की जा रही है. घटना में इस्तेमाल की गई हथियार की बरामदगी के लिए देर रात तक छापेमारी की गई.

सूत्रों के अनुसार घटना में प्रयुक्त हथियार को पुलिस ने बरामद कर लिया है. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. रिमांड पर लेने के बाद सुनील से पूछताछ में बताया कि पहली गोली एमके सिंह ने डराने के लिए मारी थी. जिसके बाद पहले महेंद्र को गोली मारी गई बाद में धर्मेंद्र तिवारी ने हेमंत को गोली मारकर हत्या कर दी. धर्मेंद्र से भी पुलिस अलग से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा लोकेश के ठिकानों का पता लगाया जा रहा है.

पूरी घटना का हुआ खुलासा
पुलिस की पूछताछ में सुनील ने बताया कि बीते छह मार्च की शाम निजी न्यूज चैनल के कार्यालय में लोकेश के बुलावे पर दोनों अग्रवाल बंधु पहुंचे थे. वे लोकेश को देने के लिए 25 लाख रूपए नगद लेकर पहुंचे थे. पैसा लेन-देन की बात चल रही थी, इसबीच वहां लोकेश का मित्र मेधावी कल्पतरू सिंह उर्फ एमके सिंह लोकेश के एक अन्य अंगरक्षक धर्मेंद्र कुमार तिवारी के साथ आइबी अधिकारी बनकर पहुंचा. धर्मेंद्र के पास प्वाइंट 315 बोर की बंदूक थी. एमके सिंह और धर्मेंद्र ने कहा कि सारे पैसे जब्त कर लिए गए हैं. पूरा पैसा हमारे हवाले कर दो. इतने में दोनों अग्रवाल बंधु अपने पैसे समेटने लगे.

इसबीच धर्मेंद्र तिवारी ने डराने के लिए लगातार दो फायरिंग की. फायरिंग के बाद दोनों भाई इस साजिश को समझ गए. जिसके बाद दोनों ने इसका विरोध किया. इस दौरान महेंद्र अग्रवाल एमके सिंह से हाथापाई करने लगा. इसी बीच एमके सिंह ने अंगरक्षक सुनील कुमार के पास से रिवाल्वर ली और महेंद्र अगवाल को दो गोलियां मारकर हत्या कर दी.

जिसके बाद बड़ा भाई हेमंत अग्रवाल शोर मचाने लगा. तबतक धर्मेंद्र तिवारी ने अपनी बंदूक से हेमंत को गोली मारकर हत्या कर दी और वहां रखे 25 लाख लेकर लोकेश एमके सिंह समेत सभी मौके से भाग निकले. इसी पूछताछ के आधार पर धर्मेंद्र तिवारी से भी पूछताछ की जा रही है.

लोकेश के घर कुर्की में हिचक रही पुलिस
घटना के मुख्य आरोपित लोकेश को पकड़ने में अरगोड़ा पुलिस हांफ रही है. बताया जा पुलिस कुर्की की कार्रवाई में हिचक रही है. इसी वजह से घटना के 19 दिनों बाद भी लोकेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. कोर्ट से कुर्की वारंट मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

बता दें कि बीते 19 मार्च को अंगरक्षक धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इससे पहले बीते 15 मार्च को सुनील कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वहीं 20 मार्च को चालक शंकर को पुलिस ने जेल भेजा था. इस मामले में अब तक तीन लोग जेल जा चुके हैं. लोकेश और आइबी ऑफिसर बन रुपए उड़ाने की कोशिश करने वाला एमके सिंह फिलहाल फरार है.

रांची: अरगोड़ा थाना क्षेत्र के निजी न्यूज चैनल के कार्यालय में दो कारोबारी अग्रवाल ब्रदर्स की गोली मारकर हत्या की गई थी. मामले के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के दो अंगरक्षक सुनील सिंह और धर्मेंद्र तिवारी को पुलिस ने चार दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. जिसके बाद दोनों से पूछताछ की जा रही है. घटना में इस्तेमाल की गई हथियार की बरामदगी के लिए देर रात तक छापेमारी की गई.

सूत्रों के अनुसार घटना में प्रयुक्त हथियार को पुलिस ने बरामद कर लिया है. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. रिमांड पर लेने के बाद सुनील से पूछताछ में बताया कि पहली गोली एमके सिंह ने डराने के लिए मारी थी. जिसके बाद पहले महेंद्र को गोली मारी गई बाद में धर्मेंद्र तिवारी ने हेमंत को गोली मारकर हत्या कर दी. धर्मेंद्र से भी पुलिस अलग से पूछताछ कर रही है. इसके अलावा लोकेश के ठिकानों का पता लगाया जा रहा है.

पूरी घटना का हुआ खुलासा
पुलिस की पूछताछ में सुनील ने बताया कि बीते छह मार्च की शाम निजी न्यूज चैनल के कार्यालय में लोकेश के बुलावे पर दोनों अग्रवाल बंधु पहुंचे थे. वे लोकेश को देने के लिए 25 लाख रूपए नगद लेकर पहुंचे थे. पैसा लेन-देन की बात चल रही थी, इसबीच वहां लोकेश का मित्र मेधावी कल्पतरू सिंह उर्फ एमके सिंह लोकेश के एक अन्य अंगरक्षक धर्मेंद्र कुमार तिवारी के साथ आइबी अधिकारी बनकर पहुंचा. धर्मेंद्र के पास प्वाइंट 315 बोर की बंदूक थी. एमके सिंह और धर्मेंद्र ने कहा कि सारे पैसे जब्त कर लिए गए हैं. पूरा पैसा हमारे हवाले कर दो. इतने में दोनों अग्रवाल बंधु अपने पैसे समेटने लगे.

इसबीच धर्मेंद्र तिवारी ने डराने के लिए लगातार दो फायरिंग की. फायरिंग के बाद दोनों भाई इस साजिश को समझ गए. जिसके बाद दोनों ने इसका विरोध किया. इस दौरान महेंद्र अग्रवाल एमके सिंह से हाथापाई करने लगा. इसी बीच एमके सिंह ने अंगरक्षक सुनील कुमार के पास से रिवाल्वर ली और महेंद्र अगवाल को दो गोलियां मारकर हत्या कर दी.

जिसके बाद बड़ा भाई हेमंत अग्रवाल शोर मचाने लगा. तबतक धर्मेंद्र तिवारी ने अपनी बंदूक से हेमंत को गोली मारकर हत्या कर दी और वहां रखे 25 लाख लेकर लोकेश एमके सिंह समेत सभी मौके से भाग निकले. इसी पूछताछ के आधार पर धर्मेंद्र तिवारी से भी पूछताछ की जा रही है.

लोकेश के घर कुर्की में हिचक रही पुलिस
घटना के मुख्य आरोपित लोकेश को पकड़ने में अरगोड़ा पुलिस हांफ रही है. बताया जा पुलिस कुर्की की कार्रवाई में हिचक रही है. इसी वजह से घटना के 19 दिनों बाद भी लोकेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. कोर्ट से कुर्की वारंट मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है.

बता दें कि बीते 19 मार्च को अंगरक्षक धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. इससे पहले बीते 15 मार्च को सुनील कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. वहीं 20 मार्च को चालक शंकर को पुलिस ने जेल भेजा था. इस मामले में अब तक तीन लोग जेल जा चुके हैं. लोकेश और आइबी ऑफिसर बन रुपए उड़ाने की कोशिश करने वाला एमके सिंह फिलहाल फरार है.

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