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रांची से बीजेपी नेता संजय सेठ ने पहली बार लड़े चुनाव और बन गए सांसद

रांची में बीजेपी उम्मीदावर संजय सेठ की भारी मतों से जीत हुई. ये एक ऐसे उम्मीदावर हैं जिन्होंने कभी भी इलेक्शन नहीं लड़ा. जिसके बावजूद उन्होंने अपनी जीत दर्ज की.

संजय सेठ की भारी मतों से जीत
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Published : May 23, 2019, 11:39 PM IST

रांची: सूबे की राजधानी रांची की संसदीय सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी संजय सेठ की जीत का पूरा इक्वेशन काफी इंटरेस्टिंग रहा. संजय सेठ पार्टी के वैसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने कभी भी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स नहीं की. दूसरे शब्दों में कहें तो कभी भी चुनाव में खड़े नहीं हुए. जानकार बताते हैं कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह पहला चुनावी संघर्ष था. जिसमें उन्हें न केवल जीत मिली बल्कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह माइलस्टोन साबित हुआ.

संजय सेठ की भारी मतों से जीत

हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जो आंकड़े मिले हैं उस हिसाब से रांची संसदीय सीट के सभी 6 विधानसभा इलाकों में सेठ ने शुरुआत से बढ़त बनाए रखी. सबसे ज्यादा बढ़त ईचागढ़ विधानसभा इलाके में उन्हें मिली. जहां उन्हें 1,17,778 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार सुबोध कांत सहाय को 50,479 वोट पर संतोष करना पड़ा. इस विधानसभा इलाकों में बीजेपी की लीड 67,299 की रही. वहीं दूसरा विधानसभा इलाका कांके का है जहां बीजेपी को 62 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली.

आंकड़ों पर नजर डालें तो सिल्ली विधानसभा इलाका तीसरे स्थान पर रहा. जहां बीजेपी को 50 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली, जबकि हटिया में पार्टी को 49 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली. वहीं रांची विधानसभा इलाके में 30 हजार से अधिक की बढ़त रही. जबकि खिजरी में यह बढ़त 19 हजार से अधिक की थी.

कुल वोटों की बात करें तो बीजेपी को जहां 7 लाख से अधिक वोट पड़े, वहीं कांग्रेस के खाते में 4 लाख 20 हजार से अधिक वोट आए. इधर लीड की बात करें तो बीजेपी 2 लाख 89 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज करा पाई.

रांची: सूबे की राजधानी रांची की संसदीय सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी संजय सेठ की जीत का पूरा इक्वेशन काफी इंटरेस्टिंग रहा. संजय सेठ पार्टी के वैसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने कभी भी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स नहीं की. दूसरे शब्दों में कहें तो कभी भी चुनाव में खड़े नहीं हुए. जानकार बताते हैं कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह पहला चुनावी संघर्ष था. जिसमें उन्हें न केवल जीत मिली बल्कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह माइलस्टोन साबित हुआ.

संजय सेठ की भारी मतों से जीत

हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जो आंकड़े मिले हैं उस हिसाब से रांची संसदीय सीट के सभी 6 विधानसभा इलाकों में सेठ ने शुरुआत से बढ़त बनाए रखी. सबसे ज्यादा बढ़त ईचागढ़ विधानसभा इलाके में उन्हें मिली. जहां उन्हें 1,17,778 वोट मिले. जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार सुबोध कांत सहाय को 50,479 वोट पर संतोष करना पड़ा. इस विधानसभा इलाकों में बीजेपी की लीड 67,299 की रही. वहीं दूसरा विधानसभा इलाका कांके का है जहां बीजेपी को 62 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली.

आंकड़ों पर नजर डालें तो सिल्ली विधानसभा इलाका तीसरे स्थान पर रहा. जहां बीजेपी को 50 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली, जबकि हटिया में पार्टी को 49 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली. वहीं रांची विधानसभा इलाके में 30 हजार से अधिक की बढ़त रही. जबकि खिजरी में यह बढ़त 19 हजार से अधिक की थी.

कुल वोटों की बात करें तो बीजेपी को जहां 7 लाख से अधिक वोट पड़े, वहीं कांग्रेस के खाते में 4 लाख 20 हजार से अधिक वोट आए. इधर लीड की बात करें तो बीजेपी 2 लाख 89 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज करा पाई.

Intro:रांची। सूबे की राजधानी रांची की संसदीय सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी संजय सेठ की जीत का पूरा इक्वेशन बहुत ही इंटरेस्टिंग है। संजय सेठ पार्टी के वैसे उम्मीदवार हैं जिन्होंने कभी भी इलेक्टोरल पॉलिटिक्स नहीं की। दूसरे शब्दों में कहें तो कभी भी चुनाव में खड़े नहीं हुए। जानकार बताते हैं कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह पहला चुनावी संघर्ष था। जिसमें उन्हें न केवल जीत मिली बल्कि उनके पॉलीटिकल करियर का यह माइलस्टोन साबित हुआ।
हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन जो आंकड़े मिले हैं उस हिसाब से रांची संसदीय सीट के सभी 6 विधानसभा इलाकों में सेठ ने शुरुआत से बढ़त बनाए रखी। सबसे ज्यादा बढ़त ईचागढ़ विधानसभा इलाके में उन्हें मिली। वहां में उन्हें 1,17,778वोट मिले जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार सुबोध कांत सहाय को 50,479 वोट पर संतोष करना पड़ा इस विधानसभा इलाकों में बीजेपी की लीड 67,299 की रही। वहीं दूसरा विधानसभा इलाका कांके का है जहां बीजेपी को 62 हजार से अधिक मतों की बढ़त मिली।


Body:आंकड़ों पर नजर डालें तो सिल्ली विधानसभा इलाका तीसरे स्थान पर रहा। वहां बीजेपी को 50 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली, जबकि हटिया में पार्टी को 49 हजार से अधिक वोटों की बढ़त मिली। वहीं रांची विधानसभा इलाके में 30,000 से अधिक की बढ़त रही जबकि खिजरी में यह बढ़त 19000 से अधिक की थी।
कुल वोटों की बात करें तो बीजेपी को जहां 7 लाख से अधिक वोट पड़े। वहीं कांग्रेस के खाते में 420000 से अधिक वोट आये। अगर लीड की बात करें तो बीजेपी 289000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज करा पाई।


Conclusion:संजय सेठ की जीत का एक रोचक पहलू यह भी है कि उनके नाम की उम्मीदवारी की घोषणा काफी अंत में हुई थी। दरअसल वह झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष थे और उन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास का करीबी माना जाता है। इसके अलावा सेठ ने 2013 में नमो मंत्र नामक एक अभियान की शुरुआत की थी जिसके तहत सामाजिक कार्य किए जाते थे।
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